गुरुवार, 17 जून 2010

निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों ने की करोड़ों रुपए की घोटाला

छात्र भटक रहे, सरकार खामोश
छत्तीसगढ़ के निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों की मनमानी पर छत्तीसगढ़ सरकार की चुप्पी से नाराज कांग्रेसियों ने बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की है। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों पर करीब 300 छात्रों की करोड़ों रुपए दबा लेने के मामले को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इंदरचंद धाड़ीवाल और महामंत्री डॉ. निरंजन हरितवाल ने संचालनालय को ज्ञापन भी सौंपा है।
छत्तीसगढ़ शासन उच्च शिक्षा तकनीकी, शिक्षा, जनशक्ति नियोजन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय दिनांक 19 मई 2005 के आदेशानुसार समस्त गैर अनुदान प्राप्त व्यवसायिक शैक्षणिक संस्थानों के लिए शैक्षणिक शुल्कों का निर्धारण किया गया जिसके मुताबिक निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों का वर्ष 2005-06 से कोर्स पूरा होते तक प्रतिवर्ष संलग्न प्रपत्र के अनुसार विभिन्न कालेजों को सूची के अनुसार 20 हजार से 30 हजार तक छात्र-छात्राओं से फीस लेने की पात्रता थी। इसके बाद पुन: दिनांक 19 मार्च 2010 को वर्ष 2008-09 में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राआें के लिए सलंग्न प्रपत्र के अनुसार प्रति सेमेस्टर फीस निर्धारित की गई। सभी निजी इंजीनियरिंग कालेजों द्वारा वर्ष 2008-09 में प्रवेश लेने वाले छात्रों के लिए निर्धारित फीस का फायदा उठाते हुए उन समस्त छात्रों से भी जिन्होंने 2005-06, 2006-07, 2007-08 में प्रवेश लिया है से भी 2008-09 की बड़ी हुई फीस 20 हजार 150 रुपए से लेकर 24 हजार 150 रुपए प्रति सेमेस्टर के हिसाब से वसूल कर लिया। जबकि उन पुराने छात्रों पर बढ़ी हुई दर लागू नहीं है। वर्ष 2008-09 इस प्रकार संलग्न सूची में उल्लेखित 24 निजी इंजीनियरिंग कालेजों द्वारा 103 करोड़ रुपए की अधिक फीस छात्र-छात्राओं के साथ धोखाधड़ी कर नियम विरुध्द वसूल कर ली है। जिन्हें ब्याज सहित वापस दिलाए जावे।
इस प्रकार 24 निजी इंजीनियरिंग कालेजों के सभी 300 छात्रों को इनसे 2 वर्षों तक की अधिक फीस वसूली गई है जो 60 हजार रुपए प्रति छात्र ब्याज सहित होती है, को 15 दिनों के अंदर वापस दिलाया जावे अन्यथा कांग्रेसजन, आपके एवं निजी इंजीनियरिंग कालेजों के विरुध्द आंदोलन प्रदर्शन एवं घेराव किया जावेगा। इसके अलावा लेट फीस के नाम पर 1 हजार रुपए तक छात्रों से वसूल किया गया है, जबकि नियमानुसार 25 रुपए प्रतिदिन से अधिक लेटफीस नहीं ली जा सकती है इस प्रकार लाखों रुपए लेटफीस के नाम से छात्रों से वसूला गया है जिसे भी जांचकर वापस दिलाया जाए।
इस प्रकार पुराने छात्रों से अभी तक 103 करोड़ 68 लाख रुपए अधिक फीस वसूली गई। इसके अतिरिक्त 2010-11 में इसी दर से अतिरिक्त फीस वसूल की जावेगी। जिस पर भी रोक लगाना आवश्यक है। अत: अनुरोध है कि उन समस्त पुराने छात्रों को जिन्होंने वर्ष 2005-06 से 2007-08 तक प्रवेश किया है उन समस्त छात्रों से जो 2009-10 तक उपरोक्तानुसार अधिक फीस वसूल की गई 24 हजार रुपए प्रतिवर्ष से 2 वर्ष की याने 48 हजार रुपए की दर से तथा उस पर दो वर्ष का ब्याज जो करीब 18 हजार रुपए 18 प्रतिशत वार्षिक दर से इस प्रकार प्रत्येक छात्रों को 60 हजार रुपए अधिक वसूल की गई फीस वापस की जावे।

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