शुक्रवार, 27 सितंबर 2024

बुरी तरह फँस गई निर्मला सीतारमण

 बुरी तरह फँस गई निर्मला सीतारमण


घटिया और अमानक स्तर की दवाइयों को लेकर चल रहे विवाद के बीच जब बंगलुर के कोर्ट ने वित्त मंत्री निर्मला सितारमण के खिलाफ एफ‌आईआर दर्ज करने का आदेश पारित किया तो सहसा इलेक्ट्रोरल बांड की फ़ाइले आंखों के आगे सामने आ गई।

वित्त मंत्री निर्मला सितारमण के खिलाफ क्या है मामला हम बताये इससे पहले यह बता दे कि वित्त मंत्री के खिलाफ जो जुर्म दर्ज करने का आदेश दिया गया है उसका संबंध भी वही इलेक्ट्रोरल बांड से है जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अवैध तो बताया लेकिन इस अबैध कमाई की राशि को जब्त करने की हिम्म्मत नहीं जुटा पाया।

इलेक्ट्रोरल बांड की सूची में चंदा देने वालों में तब आधा दर्जन से अधिक ऐसी दवा कंपनियों के नाम थे जिन्होंने मोदी सत्त्रा की बीजेपी को करोड़ों-अरबों रूपये चंदा दिया था, इन चंदा देने वाली दवा कंपनियों  में वे कंपनी भी शामिल थी जिनकी दवाईयां घटिया निकली थी और इनमें से कुछ की जाँच रोक दी गई थी तो कुछ को क्लीन चीट दे दी गई थी।

यानी आम लोगों की जान की कीमत पर दवा कंपनियों से इलेक्ट्रोरेल बांड के रूप में चंदा वसूला गया था। तब भी धमकी-चमकी, काम लो पैसा दो के आरोप मोदी सत्ता पर लगे थे लेकिन न जांच हुई और न ही इन आरोपों पर  कोई जुर्म दर्ज ही हुआ।

ऐसे में घटिया 53 दवाईयों के  सप्लाई का मामला जो अब सामने आया है उसे लेकर मोदि सत्ता फिर सवालों में है। लेकिन अब इलेक्ट्रोरल बॉड की लूट की परतें उधड़ने लगी है तो निर्मला सितारमण के खिलाफ जुर्म दर्ज हो गया है । 

मिडिया रिपोर्ट के मुताबिक : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड के जरिए कथित जबरन वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है। ये आदेश बेंगलुरु की पीपुल्स रिप्रेजेंटेटिव कोर्ट ने दिया है। जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने बेंगलुरु की अदालत में शिकायत दर्ज कर केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग की थी।

कई नेताओं और अधिकारियों के खिलाफ शिकायत दर्ज

आदर्श अय्यर ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉन्ड के जरिए धमकी देकर जबरन वसूली की गई। जन अधिकार संघर्ष परिषद ने पिछले साल अप्रैल में 42वें ACMM कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, पार्टी के अन्य राष्ट्रीय नेताओं, बीजेपी के तत्कालीन कर्नाटक अध्यक्ष नलिन कुमार कटील, बी वाई विजयेंद्र के खिलाफ शिकायत की थी। अदालत ने शिकायत पर सुनवाई करते हुए बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस थाने को चुनावी बॉन्ड के जरिए जबरन वसूली का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।