रामगोपाल की सेटिंग...
छत्तीसगढ़ कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल लगभग साल भर से फ़रार है, ईडी की गिरफ्तारी से बचने के लिए रामगोपाल अग्रवाल फरार हो गये हैं। लेकिन उनके बारे में भाजपा भी बोलने के लिए तैयार नहीं है। और कांग्रेस ने तो इस फरार कोषाध्यक्ष के आसरे विधानसमा ही नहीं लोकसभा का चुनाव मी निपटा दिया, यह अलग बात है कि इन दोनों चुनाव में कांग्रेस भी निपट गई।
तब क्या दीपक बैज़ रामगोपाल की जगह किसी और को कोषाध्यक्ष बना पायेंगे या फिर अब रामगोपाल अग्रवाल के पद का फैसला कोई और ही करेंगे? लेकिन यदि बग़ैर कोषाध्यक्ष के भी कोग्रेस दो-दो चुनाव लड़ गई और खर्चा भी ठीक-ठाक चल रहा है, कांग्रेस भवन के कर्मचारियों के अलावा मीडिया मैनेजमेंट भी हो रहा है तो इसका मतलब क्या यह नहीं माना जाना चाहिए कि भले ही रामगोपाल ईडी या पुलिए की नजर में फरार हैं लेकिन उनका मैनेजमेट तगड़ा है और इस तगड़े मैनेजमेंट की वजह क्या मारूति वाले सूर्यकुमार हैं?
लेकिन रामगोपाल अग्रवाल का मैनेजमेंट सिर्फ कांग्रेस में ही नहीं चलता, भाजपा में भी उनका जबरदात मैनेजमेंट है तभी तो फरार कोषाध्यक्ष को लेकर भाजपा के नेता चूँ-चाँ नहीं कर रहें है ठीक वैसे ही जैसे मोहन सेठ के आगे कांग्रेसी चूं चाँ नहीं करते।
और शायद यह बात ईडी को भी मालूम है तभी तो रामगोपाल अग्रवाल के फरार होने की खबर के साथ सेटिंग की खबर भी बाहर आ गई थी। सेटिंग की खबर तो एक आईपीएस की भी जमकर हो रही है और दोनों ही सेटिंग का सूत्रधार एक ही व्यक्ति को बताया जा रहा है।
तब ऐसे में कांग्रेस हो को डर भी नहीं है कि भाजपा कुछ बोलेगी तब रामगोपाल को पद से क्यों हटाया जाए।आख़िर रामगोपाल कोई ऐसे वैसे तो नेता है नहीं धमतरी से शुरू उनके राजनीतिक सफ़र का खेल कौन नहीं जानता।