होटल बेबीलोन से खौफ खाती है छत्तीसगढ पुलिस…
वाणी- हत्याकांड का डरावना सच
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के बड़े होटलों में शुमार बेबीलान ग्रुप के होटलों की करतूत के आगे छत्तीसगढ़ पुलिस किस तरह नतमस्तक है, यह वाणी हत्याकांड के मामले में सामने आ गया । वर्ना बेवीलान प्रबंधकों की धौंस के आगे पुलिस भी लावार है , इसका पता ही नहीं चलता ।
ज्ञात हो कि कल सुबह राजधानी के जेल रोड स्थित होटल बेबीलान इन कमरा नम्बर 410 में जिस वाणी गोयल नामक युवती की हत्या हुई लाश बरामद की गई । उस युवती की गुमशुदगी की रिपोर्ट पर पुलिस जब जाँच के लिए पहुंची थी तो बेबीलान प्रबंधक ने अपनी पहुंच का धौंस दिखाते हुए दो-दो थानेदार और उसकी पूरी टीम को चलता कर दिया था।
दरअसल मामला प्रेम-प्रसंग से जुड़ा हुआ है। अम्बीकापुर के व्यवसायी परिवार की लड़की राजधानी में मारुति लाईफ़ स्टाईल में अपने चाचा के घर में पढ़ाई करने के लिए रहती थी।और 7 जुलाई को जब वह शाम तक घर नहीं लौटी तो वाणी के रिश्तेदारों ने पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कर दी, चूँकि वाणी गोयल के चाचा बाबूलाल गोयल बीजेपी के ज़िला अध्यक्ष है इसलिए राजनैतिक दबाव में पुलिस तलाल सक्रिय हो गई। और वाणी के मोबाईल लोकेशन के आधार पर गंज थाना और सरस्वती नगर थाना की पुलिस रात ११ बजे ही होटल बेबिलॉन पहुँच गई लेकिन वह होटल में जांच नहीं कर पाई।
कहा जाता है कि पुलिस को होटल में आये देख प्रबंधक ने अपनी पहुंच का ऐसा धौंस दिखाया तो पुलिस चुपचाप लौट आई । लेकिन जब वाणी के घरवालों का दबाव बढ़ा तो वह फिर जांच करने दोबारा पहुँची , लेकिन तब भी होटल प्रबंधकों ने पुलिस को चमका कर भगा दिया।
कहा जाता है कि होटल प्रबंधकों ने जाँच के लिए पहुंची पुलिस टीम को अपनी पहुंच का हवाला देते हुए वर्दी उतरवा देने या संस्पेंड करवा देने की धमकी दी थी।
इधर इस मामले में नया मोड़ तब आया जब अचानक मोबाईल का लोकेशन नागपुर की तरफ़ जाते दिखाया गया और पुलिस तत्काल नागपुर पहुंचकर मोबाईल ट्रेन के डिब्बे में लावारिस हालत में बरामद की।
वाणी के परिजनों के बढ़ते दबाव के चलते पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी जब होटल बेबीलान पहुंचे और एंट्री रजिस्टर और सीसीटीवी फुटेज देखे तो पता चला कि वाणी गोयल 7 जुलाई को दोपहर होटल पहुँची है और उसके साथ विशाल गर्ग नामक युवक था।
इसके बाद जब चौथी मंजिल के रूम नम्बर चार सौ दस को खुलवाया गया तो वाणी गोयल की हत्या हो जाने की खबर आई। और खबर सामने आते ही वाणी ग़ोयल के परिजनों का गुासा होटल कर्मियों और होटल पर फूटने लगा ।होटल कर्मचारियों की पिराई होने लागी, तोड्फोड़ की गई। कर्मचारी डर कर होटल छोड़ भागने लगे और कई देर तक यह हंगामा होता रहा।
पुलिस ने जैसे तैसे इस पर काबू पाया।
इधर के हत्या के बाद ट्रेन के आगे कूदकर विशाल गर्ग के द्वारा आत्महत्या कर लेने की खबर भी आ गई और पुलिस के लिए इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाना आसान हो गया।
ऐक्षा नहीं है के बेबीलोन होटल प्रबंधकों के धौंस के आगे शासन-प्रशासन पहली बार नतमस्तक हुआ है। इससे पहले वीआईपी रोड व्यत इसी ग्रुप के होटल बेबीलोन मैं पर नाले पर ही कब्जा कर पक्का निर्माण की बात सामने आई थी और इसे हराने में निगम के हाथ पाँव फूल गये थे।
सालों कब्जा रहा जब जलभराव से त्रस्त नागरिकों ने मोर्चा खोला तब कहीं जाकर आधा अधूरा कब्जा हटाया गया।
देखना है इस मामले में अब पुलिस होटल प्रबंधकों पर कार्रवाई करती है।या फिर कर्मचारियो को पकड़ कर ख़ानापूर्ति कर ली जायेगी।
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