मंगलवार, 12 अक्तूबर 2010

भटगांव में भीतरघात कांग्रेस को लगा आघात

विधायकद्वय कुलदीप जुनेजा, अमरजीत भगत तथा सूरजपुर के अब्दुल रसीद, वासु चक्रवर्ती और संजय पाठक?

भटगांव चुनाव में कांग्रेस की करारी शिकस्त ने न केवल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष धनेन्द्र साहू बल्कि प्रभारी नारायण सामी के अस्तित्व पर ही सवाल उठाये हैं। ऐसे में भाजपा के प्रभारी बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेसियों के सहयोग की बात कहकर कांग्रेसियों के गाल पर तमाचा जड़ा है जबकि भाजपा से पैसे लेकर भीतरघात करने वालों में विधायक द्वय कुलदीप जुनेजा, अमरजीत भगत के अलावा सूरजपुर के अब्दुल रसीद, शहर अध्यक्ष के दावेदार संजय पाठक, वासु चक्रवर्ती और अरुण भद्रा का नाम सुर्खियों में है।
वैसे तो छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पूरी तरह से गुटबाजी में उलझी हुई है। कहा जाता है कि राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर जिस तरह से संगठन को अपना पिछलग्गू और वसूलीबाज बनाया है उससे निष्ठावान कांग्रेसियों में हताशा है। भाजपा से सांठगांठ के आरोपों की एक वजह यह भी बताई जाती है कि मोतीलाल वोरा के बाद से जितने भी कांग्रेसी अध्यक्ष बने इन लोगों ने कभी भी भाजपा के खिलाफ बड़ा आंदोलन नहीं किया। हालत यह है कि कांग्रेस गुटबाजी में उलझ गई। दूसरे बड़े नेता विद्याचरण शुक्ल और अजीत जोगी की गुटबाजी है। दोनों ही छत्तीसगढ़ में मोतीलाल वोरा से यादा पकड़ रखते हैं लेकिन संगठन में इनकी नहीं चलती जिसकी वजह से एक दूसरे को नीचा दिखाने के जिम्मेदारी इन नेताओं के समर्थकों ने उठा रखी है। इनके बयान से लेकर एक-एक चाल पर गौर करें तो पता चलेगा कि अपने मतलब के लिए ये लोग कांग्रेस को गर्त पर पहुंचा सकते हैं।
भटगांव चुनाव इसका उदाहरण नहीं है इसके पहले रायपुर में नगर निगम के सभापति के चुनाव में भी भाजपा ने कांग्रेसियों को खरीदकर करारी शिकस्त दी थी। इस मामले में हुए लेन-देन की शिकायत पर जांच की नौटंकी भी हुई लेकिन लाचार प्रदेशाध्यक्ष धनेन्द्र साहू कुछ नहीं कर पाए। उनकी इन्हीं कमजोरी को भांपकर भटगांव चुनाव में कांग्रेस के लोगों ने भाजपा से पैसा लेकर जमकर भीतरघात किया। बताया जाता है कि बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर के कांग्रेसियों से हमेशा ही मधुर संबंध के चलते जीतते रहे हैं। उनके लिए कांग्रेसी भीतरघात करते रहे हैं। ऐसे में भटगांव चुनाव में जब उन्हें प्रभारी बनाया गया तो बृजमोहन अग्रवाल से संबंध रखने वाले शहर के कांग्रेसियों ने भटगांव में जाकर बैठ गए और सारी गतिविधियों की जानकारी भाजपा तक पहुंचने लगी।
इधर इस बात की शिकायत प्रदेशाध्यक्ष धनेन्द्र साहू से की गई है जिसमें विधायक कुलदीप जुनेजा और अमरजीत भगत के क्रियाकलापों पर न केवल सवाल उठाए गए हैं बल्कि उन पर लेन देन के आरोप भी लगे हैं। शिकायत कर्ताओं ने यहां तक कहा है कि इन दोनों विधायकों की जिन बूथों पर डयूटी लगाई गई थी वहां एजेंट ही नहीं बैठाए गए या भाजपा से सांठगांठ कर भाजपा के एजेंट ही बिठा दिए गए। शिकायत में महल विरोधी रहे सूरजपुर के अब्दुल रसीद के अलावा वासु चक्रवर्ती, संजय पाठक और अरुण भद्रा पर भी बृजमोहन अग्रवाल से मधुर संबंध के चलते भीतरघात करने और लेन देन का आरोप लगाया गया है।
इधर विधायक द्वय से पूछताछ की कोशिश की गई लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे जबकि बाकी ने इसे छवि धूमिल करने वाला बताया। इधर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के सूत्रों के मुताबिक उन तक भीतरघातियों की शिकायत तो पहुंच गई है लेकिन वे अपनी कुर्सी बचाने की कोशिश में यादा ध्यान दे रहे हैं। हालांकि यह भी चर्चा है कि इस बार भीतरघातियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेस में जबरदस्त बिखराव आएगा और इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा।

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