नोटिस भेज मामले का पटाक्षेप!
छत्तीसगढ़ की राजधानी में संचालित हो रहे निजी स्कूलों की मनमानी चरम पर है न बच्चों की सुरक्षा की चिंता है न ही शिक्षकों की बेहतर व्यवस्था भी है। स्कूल में बलात्कार जैसी घटनाओं के बाद भी शिक्षा विभाग का रवैया इतना उदासीन है कि वह इस भर्राशाही पर कार्रवाई की बजाय वसूली में व्यस्त है और यदि मामले को लेकर लोग आक्रोशित भी हुए तो नोटिस थमाकर मामले का पटाक्षेप कर दिया जाता है।
ताजा मामला टाटीबंध स्थित भारत माता स्कूल का है जहां एक चार वर्षीय बच्ची बलात्कार की शिकार हो जाती है लेकिन शाला प्रबंधन का रवैया इतना गैर जिम्मेदाराना है कि वह पीडि़त पक्ष से ही दुव्र्यवहार करती है। शाला प्रबंधन के इस रवैये को लेकर यहां बच्चों के पालक आक्रोशित है और ब्लू बर्ड की अध्यक्ष शिवानी सिंह ने तो स्कूल की मान्यता रद्द करने की मांग की है।
ऐसा नहीं है कि शाला प्रबंधकों का इस तरह गैर जिम्मेदाराना व्यवहार का मामला पहला हो इससे पहले भी स्कूल की तरफ से पिकनिक गये बच्चों में से दो बच्चों की मौत सिरपुर में नदी में डूबने से हो गई थी तब भी साथ गये शिक्षकों की लापरवाही सामने आई थी लेकिन इस मामले में न तो शाला प्रबंधकों ने ही कोई कार्रवाई की और न ही शिक्षा विभाग की तरफ से ही कोई कार्रवाई की गई। जिसकी वजह से बच्ची के बलात्कार के बाद पालकों का आक्रोश खुलकर सामने आया है। इस मामले में ब्लू बर्ड के सचिव नियाज अहमद का कहना है कि निजी स्कूलों की मनमानी और लापरवाही से बच्चों की जान पर बन आई है। निजी स्कूलों के संचालकों से शिक्षा विभाग वसूली में व्यस्त है।
ऐसा नहीं है कि निजी स्कूलों की लापरवाही पहली बार सामने आई है इससे पहले रेडियंट स्कूल और राजकुमार कॉलेज में भी बच्चों की जान पर बन आई थी। हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा निजी स्कूलों से जमकर वसूली की जाती है और हर शिखायत पर वसूली धड़ल्ले से चल रही है। वहीं कई निजी स्कूलों के संचालक अपने प्रभाव और पैसों का इस्तेमाल कर बच्चों के जान से खिलवाड़ करने से भी नहीं चूक रहे हैं।
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