उत्तरप्रदेश सहित देश के 11 राज्यों में अगले साल यानी 2022 को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने कमर कस ली है लेकिन सर्वाधिक दिलचस्प स्थिति उत्तरप्रदेश की है। जहां भगवाधारी योगी आदित्यनाथ की सत्ता है और यह ऐसी सत्ता है जिसके आगे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी नहीं चलती कहा जाए तो गलत नहीं होगा।
ऐसे में मोदी और योगी के बीच विवाद इसलिए भी उठ खड़ा हुआ है क्योंकि भाजपा के भीतर भी योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री के रेस में है। उत्तरप्रदेश में चल रहे विवाद की एक वजह यह भी मानी जाती है कि योगी आदित्यनाथ को लेकर भाजपा में जिस तरह का उत्साह है उसे गुजरात गैंग पचा नहीं पा रहे हैं।
दरअसल कभी अपनी सुरक्षा को लेकर संसद में जार-जार रोने वाले योगी आदित्यनाथ का उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री बनना असाधारण घटना थी, क्योंकि योगी आदित्यनाथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पसंद कभी नहीं रहे और यदि चर्चाओं पर विश्वास करें तो योगी आदित्यनाथ ने भी समय-समय पर गुजरात गैंग को अपनी ताकत का अहसास कराने से परहेज नहीं किया, इसके लिए चाहे किसी की छवि खराब हो तब भी उन्होंने इसकी परवाह नहीं की।
कट्टर हिन्दुत्व का नया चेहरा के रुप में योगी आदित्यनाथ ने कब अमित शाह को पराजित किया इसकी तारीख बताना मुश्किल है लेकिन कभी नरेन्द्र मोदी के विकल्प माने जाने वाले अमित शाह की जगह योगी आदित्यनाथ कभी का ले चुके हैं। तब गुजरात गैंग का बौखलाना स्वाभाविक है और यह मौका दिया पंचायत चुनाव के परिणाम ने। भाजपा की पंचायत चुनाव में बुरी गत बनते ही गुजरात गैंग सक्रिय हो गया लेकिन कहा जा रहा है कि योगी की कट्टर हिन्दू वाली छवि के आगे गुजरात गैंग को एक बार फिर मुंह की खानी पड़ी।
योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से जातिवाद चलाकर ब्राम्हणों के खिलाफ कार्रवाई की है यह भी भाजपा के लिए बेचैन कर देने वाला है। उत्तरप्रदेश में ब्राम्हण वोट का अपना प्रभाव है और योगी आदित्यनाथ के बारे में कहा जाता है कि ब्राम्हणों से उनका बैर बहुत पुराना है और यही वजह है कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने परशुराम जयंती पर दिये जाने वाले शासकीय अवकाश को रद्द कर दिया ताकि ठाकुर लॉबी खुश हो सके।
कोरोना काल में भी योगी आदित्यनाथ की कार्यपद्धति को लेकर सवाल उठते रहे। विभिन्न राज्यों में फंसे उत्तरप्रदेश के छात्रों को लाने में योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से मोदी सरकार पर दबाव बनाया उसके बाद ही दूसरे राज्यों में अफरा-तफरा मची और कोरोना नियंत्रण में दिक्कतें आई। ताजा मामला तो गंगा में बहती लाशें, श्मशान में चिंताओं की लाईन है जिसके चलते सरकार की छवि बिगड़ी है लेकिन मोदी और योगी के बीच चल रहे इस लड़ाई में गुजरात गैंग असहाय है और भाजपा के कुंठित हिन्दु अभी से नारा लगाने लगे हैं-
आ गये हैं भगवाधारी
राज तिलक की करो तैयारी।
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