रविवार, 7 जुलाई 2024

नायडू की डिमांड का मतलब…

 नायडू की डिमांड का मतलब…

 


चन्द्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार से 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक फंड की डिमांड की और इसे पूरा करने के अलावा मोदी सत्ता के पास कोई चारा नहीं है क्योंकि मोदी की न का मतलब सत्ता जाना है । तब क्या मोदी सरकार सत्ता में बने रहने विदेशी क़र्ज़ लेगी या दूसरे राज्यो का हिस्सा काटेगी?

इकनॉमिक टाइम्स  के न्यूज के अनुसार नायडू ने शुक्रवार को नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। एवं 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया, छह अन्य केंद्रीय मंत्रियों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की... 

 छह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री; नितिन गडकरी, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री; पीयूष गोयल, वाणिज्य मंत्री; शिवराज सिंह चौहान, कृषि मंत्री और हरदीप सिंह पुरी, पेट्रोलियम मंत्री थे... 

 इस महीने के तीसरे सप्ताह में मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट से पहले ये बैठकें महत्वपूर्ण हैं... 

सीतारमण के साथ बैठक में टीडीपी प्रमुख ने चन्द्र बाबू नायडू की प्रमुख मांगों में आंध्र प्रदेश को राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 3 प्रतिशत की राजकोषीय घाटे की सीमा को इस वित्तीय वर्ष में 0.5 प्रतिशत तक बढ़ाकर अधिक उधार लेने की अनुमति देना, अमरावती में नई राजधानी बनाने के लिए लगभग 50,000 करोड़ रुपये का पूंजीगत समर्थन और पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए 12,000 करोड़ रुपये की प्रतिबद्धता शामिल है... 

नायडू ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना के तहत अतिरिक्त आवंटन की मांग की है, जिसमें सड़क, पुल, सिंचाई और पेयजल परियोजनाओं जैसे आवश्यक क्षेत्रों को लक्षित किया गया है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बुंदेलखंड पैकेज की तर्ज पर आंध्र प्रदेश के पिछड़े क्षेत्रों के लिए भी सहायता चाहते हैं। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के साथ बैठक के दौरान नायडू ने आंध्र प्रदेश में और अधिक तेल रिफाइनरियां स्थापित करने का मामला उठाया... 

अंतर-राज्यीय संबंधों पर नायडू ने 7 जुलाई को तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के साथ होने वाली बैठक का जिक्र किया। नायडू ने कहा, “हम दोनों राज्यों के हित में काम करेंगे... "

नरेंद्र मोदी सरकार चलाने के लिए नायडू की टीडीपी और एक अन्य गठबंधन पार्टी – जनता दल (यूनाइटेड) पर निर्भर है....

नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू भी पूर्वी राज्य बिहार के लिए विशेष वित्तीय सहायता पैकेज की मांग कर रही है.. 

आंध्र प्रदेश द्वारा मांगे गए 1 ट्रिलियन रुपये से अधिक के वित्तीय पैकेज में निम्नलिखित शामिल हैं... 

मार्च 2025 तक वित्तीय वर्ष के लिए अतिरिक्त 0.5% उधारी की अनुमति देकर राज्य सकल घरेलू उत्पाद के 3% तक राजकोषीय घाटे की सीमा को बढ़ाना। यह लगभग 7000 करोड़ रुपये के बराबर है। अमरावती की नई राजधानी बनाने के लिए 50,000 करोड़ रुपये, जिसमें से 15,000 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में आवंटित किए जाएंगे.... 

पोलावरम सिंचाई परियोजना के लिए इस वित्तीय वर्ष में 12,000 करोड़ रुपये, तथा भविष्य में और अधिक धनराशि उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता, अगले पांच वर्षों में बकाया ऋण चुकाने के लिए 15,000 करोड़ रुपये,संघीय सरकार की 50 वर्षीय ऋण योजना के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 10,000 करोड़ रुपये.... 

ऐसे में मोदी सरकार क्या अपनी सत्ता बचाने फिर विदेश से क़र्ज़ा लेगी या दूसरे राज्यों की अनदेखी करेगी ।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें