आदिवासी समाज ने नहीं उठाया शव...
तेज होते आन्दोलन से सत्ता की नींद उड़ी
हत्या कर लाश दपनाकर पानी टंकी का निर्माण
सीतापुर में आदिवासी युवक की हत्या करके उसकी लाश दफनाकर पानी टंकी का निर्माण करवाने वाले आरोपी ठेकेदार अभिषेक पाण्डेय को पुलिस अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। तो दूसरी तरफ मृतक संदीप लकड़ा के शव को लेने से इंकार करते हुए उसके परिजनों ने धरना देना शुरू कर दिया है।) मृतक के परिजनों को दो करोड़ मुआवजा और आरोपी की गिरफ्तारी की मोग के चलते संदीप का शव 10 दिनों से मर्क्युरी में रखा हुआ है तो अब मृतक के परिजनों के समर्थन में आदिवासी समाज के साथ कांग्रेस भी खड़ी हो गई है।
दृश्यप फिल्म की तर्ज पर हुए इस हत्याकांड को लेकर कोग्रेस के दिग्गज नेता भी धरना स्थल पहुंचने लगे है जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री ती एस सिंहदेव, पूर्व मंत्री अमरजीत भगत के अलावा कांग्रेस व गोडवान पार्टी के नेता शामिल है।
सीतापुर में राजमिस्त्री की हत्या व फिर दृश्यम मूवी की तर्ज पर उसके शव को ओवरहेड टैंक के नीचे दफन करने के मामले ने अब और तूल पकड़ लिया है। सर्व आदिवासी समाज ने सीएम के नाम लिखे एक पत्र में मुख्य आरोपी ठेकेदार अभिषेक पांडेय, उसके सहयोगी प्रत्यूष पांडेय व गौरी तिवारी के खिलाफ नामजद अपराध दर्ज कर तीनों को फांसी की सजा देने की मांग की है। वहीं उसके परिजन को 2 करोड़ रुपए का मुआवजा व शासकीय नौकरी देने की भी मांग की है।
सीएम के नाम लिखे गए पत्र में सर्व आदिवासी समाज ने कहा है संदीप का शव 75 दिन बाद मिला है। उन्होंने एसपी, एसडीओपी, थाना प्रभारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच कराने तथा तीनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की मांग की है। उन्होंने मृतक संदीप लकड़ा (Sandeep murder case) की पत्नी सलीमा लकड़ा को शासकीय नौकरी देने की मांग की है।
उन्होंने कहा है कि मुख्य आरोपी अभिषेक पांडेय के निजी खाते से आहरित करोड़ों रुपए का उपयोग इस प्रकरण को दबाने में इस्तेमाल किया गया है। इसकी जांच कर संबंधितों के ऊपर एफआईआर दर्ज किया जाए
अमरजीत भगत के मुताबिक परिजनों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि जब तक मुख्य आरोपी गिरफ्तार नहीं होता पार्थिव शरीर को नहीं लेंगे. जबकि पुलिस प्रशासन अब तक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सका है.ऐसे में शव को इसी तरह से कब तक रखा जाएगा.इसलिए प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें