क्या बीजेपी की राजनीति से अब गांधी परिवार का युग समाप्त
मेनका गांधी के हार के बाद यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि मोदी ने पहले ही वरुण गांधी कि टिकिट काटकर उन्हें किनारे कर दिया है
सालो से बीजेपी की राजनीति में अपनी धमक रखने वाले मेनका गांधी और वरुण गांधी के लिए क्या बीजेपी के दरवाज़े अब मोदी-शाह की जोड़ी ने बंद कर दिये है और अब बीजेपी गांधी परिवार से पूरी तरह मुक्त हो गया है?
यह सवाल इसलिए उठाये जा रहे है क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने से गांधी परिवार का बीजेपी में भी रुतबा रहा है । मेनका गांधी अटल सरकार में बेहद प्रभावशाली रही और इस प्रभाव के चलते उन्होंने अपने पुत्र वरुण को भी न केवल बीजेपी की राजनीति में लाई बल्कि सांसद भी बनवाया
माँ बेटे के इस जोड़ी ने बीजेपी को यूपी में बड़ा करने का हौसला भी दिया तो कांग्रेस की राजनीति पर भी ग्रहण लगाने में माँ बेटे कि बड़ी भूमिका रही
लेकिन मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पार्टी में इनकी अहमियत कम होते चली गई और 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद सब कुछ ख़त्म कर दिया कहा ज़ाय तो ग़लत नहीं होगा
वरुण गांधी को टिकिट ही नहीं दिया गया तो मेनका गांधी चुनाव हार गई ऐसे में क्या अब इन्हें संगठन में कोई जगह दी जाएगी या क्या होगा
पूरे मामले पर यह रिपोर्ट ज़रूर देखें….
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