मंत्री पद का ऐसा मोह…
छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल का विस्तार किसकी वजह से टल गया
सांसद बनने के बाद भी यदि बृजमोहन अग्रवाल राज्य में मंत्री पद छोड़ने को तैयार नहीं है तब क्या साय उनसे इस्तीफ़ा लेंगे या छह माह का इंतज़ार करेंगे
दावेदारों में बेचैनी बढ़ी
भाजपा सांसद व राज्य में कद्दावर कैबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने एक यूट्यूब चैनल को दिए साक्षात्कार में जिस तरह से बयान दिया है उसे लेकर राजनीति गर्म है कोई इस बयान को दबाव की राजनीति तो कोई इसे मोदी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का ग़ुस्सा के रूप में देख रहे हैं उन्होंने पत्रकार के सवाल पर कहा कि संविधान के अनुसार वे राज्य में मंत्री के पद पर छह महीने रह सकते हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों को घोषणा के बाद 14 दिनों के भीतर तो विधायक के पद से इस्तीफा देना है। वे इस बारे में जल्दी निर्णय करेंगे कि विधायक के पद से इस्तीफा देना है या सांसद के पद से? मंत्री पद के मामले में कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्री बनाया है, वो जिस दिन कह देंगे, उस दिन इस्तीफा दे दूंगा।
मोहन सेठ का यह बयान सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। दरअसल श्री अग्रवाल के समर्थकों में इस बात को लेकर नाराजगी है कि 5 लाख 75 हजार मतों के अंतर से जीतने वाले सांसद को भी केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया। यूट्यूब चैनल पर लिए गए साक्षात्कार के सवाल भी इसी के ईद-गिर्द है।
क्या है इस खबर की असली राजनीति इस लिंक में देखें…
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