अग्निवीर योजना को लेकर कांग्रेस के रुख़ से मोदी सत्ता की नींद उड़ी
अग्निवीर योजना के शुरुआत से ही इसे बेरोज़गारों से छल बताया जाता रहा है लेकिन मोदी सत्ता के अड़ियल रुख़ के चलते तमाम विरोध का मतलब नहीं रह गया था। अब जब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इसे मुद्दा बना दिया तो मोदी सरकार उसने बदलाव को तैयार तो हो गई है लेकिन इस बदलाव को कांग्रेस मानने तैयार नहीं है तब क्या इस योजना को बंद करना ही अंतिम उपाय है
भारतीय सेना में लाई गई अग्निवीर योजना आजकल चर्चा का विषय बना हुआ है। आए दिन इस योजना को लेकर कई सवाल खड़े कर रहे हैं। वहीं हरियाणा के रोहतक लोकसभा से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने अग्निवीर योजना को लेकर कुछ बातें रखी। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से एक बात सामने आ रही है कि सेना के इंटरनल सर्वे में 'अग्निपथ' से जुड़ी बहुत सारी खामियों का जिक्र किया जा रहा है।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि उनमें से कुछ बातें निकलकर सामने आ रही हैं। उन्होंने कहा कि अग्निवीर की नौकरी 4 साल से बढ़ाकर 7 साल की जा सकती है। साथ ही, 25 प्रतिशत की जगह 60-70 फीसदी जवानों को रिटेन किया जा सकता है। साथ ही अग्निवीरों की ट्रेनिंग पीरियड को बढ़ाया जाए। दीपेंद्र हुड्डा ने साफ किया कि कांग्रेस पहले ही कहती है कि ये योजना न तो देश के हित में, न सेना के हित में और न ही युवाओं के हित में है। हमारा शुरू से कहना है कि इस योजना को रोका जाए, और फौज की पक्की भर्ती दोबारा से शुरू की जाए। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि इस योजना की खामियों और गलतियों को सरकार स्वीकारे औप पूर्ण रूप से इस योजना को वापिस लिया जाए। साथ ही पक्की भर्ती जो अग्निपथ योजना 2022 से पहले देश में होती रही देश की फौज में उस पक्की भर्ती को पूर्ण रूप से दोबारा शुरू किया जाए। दीपेंद्र ने कहा कि रिपोर्ट बता रही हैं कि ये योजना देश की फौज के लिए बड़ी घातक योजना साबित हुई।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि सेना की इंटरनल रिपोर्ट में कुछ बातें निकलकर सामने आई हैं। जिसमें एक ये कि अग्निवीर योजना से सेना के मनोबल, आपसी भाईचारे और एक-दूसरे के लिए मर-मिटने की भावना में गिरावट आई है। जो कि फौज के मनोबल के लिए ठीक नहीं है। दूसरा ये कि अग्निवीरों की 6 महीने की ट्रेनिंग का समय पर्याप्त नहीं है। इसलिए ट्रेनिंग पीरियड को 37 से 42 हफ्ते तक बढ़ाने की बात कही जा रही है। अग्निवीर से सेना भर्ती में कमी आई है और ये कहा जा रहा है कि 2035 तक सेना में भारी शॉर्टफॉल देखने को मिलेगा। दीपेंद्र ने बताया कि इन सभी बातों को देखते हुए कुछ अहम कदम उठाए जाएंगे।
दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अग्निवीर योजना को सिरे से ख़ारिज करती है। उन्होंने कहा कि ये कोई राजनीतिक विषय नहीं है, क्योंकि देश की फौज कभी राजनीति का विषय नहीं हो सकती। दीपेंद्र ने कहा कि सरकार से मांग करती है कि सेना में पहले की तरह पक्की भर्ती शुरू की जाए। हुड्डा ने कहा कि चुनावी नतीजों में स्पष्ट दिखता है कि जिन राज्यों के युवा फौज में सबसे अधिक भर्ती होते हैं वहां से भाजपा को लॉस हुआ है।
गौरतलब है कि लोकसभा के चुनावी कैंपेन के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी हर रैली में अग्निवीर योजना को कूड़ेदान में डालने की बात करते थे। जिसका फायदा भी कांग्रेस पार्टी को चुनाव में हुआ। हालांकि कांग्रेस सत्ता में नहीं आई, लेकिन अब संसद में अग्निवीर के मुद्दे को जोर शोर से उठाने की तैयारी है।
कांग्रेस ने साफ़ कहा कि यह योजना ना देश के सुरक्षा के हित में, ना देश के नौजवान के हित में, और न देश के हित में पाई गई और ना ये योजना भाजपा के घोषणा पत्र में थी तो आखिर ये योजना लाए कैसे गई। ना ही इस योजना को लागू करने की कोई मांग कर रहा था। दीपेंद्र ने सरकार से सवाल किया कि किसके सुझाव पर यह योजना लेकर आई, जो देश की फौज के लिए नुकसान साबित हुई।
इधर बीजेपी इस योजना को हर हाल में जारी रखना चाहती है लेकिन युवाओं ने जिस तरह से इस योजना के ख़िलाफ़ खड़ा होने लगे हैं उससे संघ के भी पसीने छूट गये हैं और अब कहा जा रहा है कि संघ ने भी इस योजना को बंद करने कह दिया है। अब देखना है कि एनडीए के बाक़ी दलों का क्या रुख़ रहता है।
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