एक ही काम अच्छा किया…
मोदी की आलोचना करने वालों से भक्तों का एक ही सवाल होता है कि मोदीजी ने कोई तो अच्छा काम किया होगा । इसका जवाब बताने से पहले आदि शंकराचार्य जी का आध्यात्मिक अधोपतन पर विचार भी जान लें…
आदि शंकराचार्य ने आध्यात्मिक अधोपतन पर विवेकचूड़ामणि में एक अद्भुत रूपक गढ़ा है ।
जिसका आशय है ...."सीढ़ी पर यदि धोखे से भी गेंद हाथ से छुटकर गिर जाए तो वह वापस नहीं आती .....नीचे नीचे और नीचे ही लुढ़कती जाती है ।
इस देश में वही हो रहा है । फर्क इतना है कि इस देश के हाथ से संविधान, लोकतंत्र, मूल्य, मान्यताओं और नैतिकताओं की गेंद धोखे से नहीं जानबूझकर छोड़ी गई है । जिन हाथों को इस गेंद को सजगता और कुशलता और संपूर्ण समर्पण के साथ संभालना था उन्होंने जानबूझ कर न सिर्फ उसे छोड़ दिया है बल्कि गिरने के बाद उसे फुटबॉल की तरह लतिया भी रहे हैं ।
वे इसी में अपनी सुरक्षा देखते हैं । यदि चुनाव आयोग, ई डी, सीबीआई, पुलिस, अदालतें सब सुचारु रूप से संविधान सम्मत काम करने लगें तो उनका वजूद ही मिट जाएगा । इसीलिए वे इन सबका वजूद मिटाने में लगे हैं ताकि उनका अपना वजूद बचा रहे ।
हर दिन पतन और गहराता जा रहा है । देश यदि अब भी नहीं जागा तो कब जागेगा ।
अब आते है मोदी जी के उस काम पर जो उन्होंने अच्छे से किया..
GST अर्थात गब्बर सिंह टैक्स जब लगाया गया तब गोदी पत्रकारों ने इसे मास्टरस्ट्रोक कहा और अब उस टैक्स स्लैब में बदलावा किए जाने के बाद भी गोदी मीडिया इसे मास्टरस्ट्रोक ही बता रहा है।
आखिर यह मास्टरस्ट्रोक है क्या? एक व्यक्ति ने मुझे पूछा कि आप हमेशा मोदी सरकार की आलोचना करते हैं, क्या मोदी जी ने एक भी अच्छा काम नहीं किया है?
इसके उत्तर में मैं कहा कि मोदी जी केवल एक ही काम बहुत अच्छा किए हैं। वो कौन सा काम है पूछने पर मैं कहा "जनता से टैक्स वसूलने का काम"। शत प्रतिशत जनता से ज्यादा से ज्यादा टैक्स कैसे वसूला जाए, कोई छूट न जाए और कौन सा टैक्स किन वस्तुओं पर लगाया जाए इसकी प्लानिंग खूब की गई है।
आपको क्या लगता है कि 28% और 12% स्लैब हटाने से आम जनता को कोई लाभ होने वाला है? उत्तर है नहीं। 28 वाला अगर घटकर 18 हो जाएगा तो 12 वाला बढ़कर 18 हो जाएगा। इससे आम जन को कोई राहत नहीं है।
यह इसलिए किया गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौटे और ट्रंप के द्वारा भारत को हुई क्षति की पूर्ति हो सके। इस कदम से 28% टैक्स वाले सेक्टर में टैक्स की कमी से इसके बाजार में कुछ तेजी आएगी। लेकिन 12% वाले सेक्टर में टैक्स बढ़ जाने से इसके बाजार में कुछ मंदी भी आएगी। मिला जुला कर बात एक ही है परन्तु ट्रंप के टैरिफ से हुई हानि वाले सेक्टर में टैक्स कम किए जाएंगे ताकि अर्थव्यवस्था को संभाली जा सके।
उदाहरण के रूप में ट्रंप के टैरिफ से भारतीय दवाओं की मांग अमेरिका में कम हो जाएगी और भारत में उन्हीं दवाओं पर टैक्स घटा दिया जाएगा ताकि दवा कंपनियों को कोई नुक़सान ना हो। गोदी मीडिया दवाओं पर टैक्स घटने की घटना को प्रचार कर मोदी को महान बना देगी।
यही मास्टरस्ट्रोक है इसमें आम जन को खुश होने की कोई वज़ह नहीं है। असल में यह भूल GST का करेक्शन है।(साभार)
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