सोमवार, 24 फ़रवरी 2025

जो सही हो उसे ही चुनो तो जीवन में आनंद और शांति आएगी-प्रेम रावत

जो सही हो उसे ही चुनो तो जीवन में आनंद और शांति आएगी-प्रेम रावत 


 चेतना के आइंस्टीन के रूप में पूरी दुनिया में विख्यात प्रेम रावत को सुनने जब नया रायपुर में लोग टूट पड़े। श्री रावत ने कहा कि जीवन में शांति और आनंद आपके भीतर है बस आपको सही रास्ते का चुनाव करना है, लेकिन मनुष्य सही रास्ते की बजाय पसंदीदा रास्ता चुनता है। इसलिए शांति और आनंद कहीं खो जाता है, ऐसे में सही रास्ते का चुनाव ही व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाता है, रास्ता हमे ही चुनना है, और यह निर्णय कोई और नहीं आपको लेना है। इसलिए जो कुछ भी करो सोच समझ कर करो।

 

प्रेम रावत जी ने अपने सम्बोधन की शुरुआत में कहा कि रायपुर का यह कार्यक्रम सुनने और समझने का एक बहुत सुंदर अवसर है। उन्होंने समझाया कि संसार का हर व्यक्ति - चाहे वह कोई भी हो, कहीं भी रहता हो, वह तीन कानूनों से बंधा हुआ है - एक दिन हम इस संसार में आये थे, अभी हम जीवित हैं और एक दिन हमें इस संसार से जाना होगा।

 

उन्होंने आगे समझाया कि एक गंगा प्रयागराज में स्थित है, जहाँ पहुँचने के लिए सबको वहाँ तक जाना पड़ता है। लेकिन एक गंगा ऐसी भी है, जो हमारे अंदर की गंगा है। इस अंदर की गंगा में डुबकी लगाने के लिए, हमें कहीं जाने की जरूरत नहीं है, सिर्फ अपने अंदर जाने की जरूरत है।

 

प्रेम रावत जी ने समझाया कि हमारे सामने दो रास्ते होते हैं - पहला श्रेय - जो सही है उसे चुनना। और दूसरा प्रेय - जो अच्छा लगे उसे चुनना। उन्होंने समझाया कि मनुष्य सही क्या है उसे नहीं चुनता। वह उस रास्ते को चुनता है जो उसे पसंद आता है, फिर चाहे वह सही न भी हो और इस लिए संसार की यह हालत हो गयी है।

 

उन्होंने मनुष्य जीवन में स्वाँस के महत्व को समझाते हुए कहा कि "यह जो स्वाँस आ रहा है, जा रहा है, यह भगवान की कृपा है। और जब तक यह आ रहा है, जा रहा है तुम जीवित हो। तुम इस बात का निर्णय ले सकते हो कि तुम्हारी जिंदगी में क्या होना चाहिए। जब तक तुम जीवित हो अपने जीवन में यह निर्णय ले सकते हो कि मैं उस आनंद का अनुभव करना चाहता हूँ, जो मेरे अंदर है। अगर तुमने यह निर्णय ले लिया कि तुम उस आनंद का अनुभव करना चाहते हो, तब मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूँ।"

 

उन्होंने अपने सम्बोधन के अंत में कहा कि "इस जीवन में जो भी होता है, वह तुम्हारी मर्ज़ी से होता है। इसलिए जो कुछ भी करो, सोच समझ कर करो। तुम अपना जीवन आनंद से भर सकते हो। सबके अंदर वह शांति और आनंद है जिसका सब अनुभव कर सकते हैं।"

प्रेम रावत

एक अंतरराष्ट्रीय वक्ता,

न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्टसेलिंग लेखक,

एजुकेटर और ग्लोबल पीस एंबेसडर

 

1970 के दशक में एक बाल प्रतिभा और युवा आइकन के रूप में शुरुआत करने वाले प्रेम रावत ने लोगों को स्पष्टता, प्रेरणा और जीवन के प्रति गहरी समझ दी है। 

एक विश्व शांतिदूत की भूमिका के रूप में उन्होंने करोड़ों लोगों को प्रभावित किया है। आज उनका  संदेश 110 से अधिक देशों में सुना जाता है, जहाँ वे हर व्यक्ति को आशा और शांति का संदेश देकर आंतरिक सुख और शांति का व्यावहारिक मार्ग दिखा रहे हैं।

उनके कार्यों को दुनिया भर में सराहना मिली है, जिसमें (1) एक लेखक के पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में सबसे अधिक श्रोताओं की उपस्थिति दर्ज़ करने के लिए (114,704 लोग "स्वयं की आवाज" के पढ़ने में) और (2) एक सम्बोधन में सबसे बड़ी दर्शको की संख्या (375,603 लोग) के लिए दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड शामिल हैं। ये दोनों रिकॉर्ड 2023 में स्थापित किए गए। उन्हें 20 से अधिक प्रमुख शहरों की सम्मान चाबियां और कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2012 का प्रतिष्ठित ‘एशिया पैसिफिक ब्रांड लॉरिएट लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड’ शामिल है। इससे पहले यह अवॉर्ड  नोबेल पीस प्राइज विजेता नेल्सन मंडेला और स्टीव जॉब्स को प्रदान किया गया है।

एक लेखक होने के अलावा, प्रेम रावत "द प्रेम रावत फाउंडेशन" (TPRF) के संस्थापक भी हैं। यह संस्था भोजन, पानी और शांति जैसी बुनियादी मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने का कार्य करती है। इसकी "जन भोजन" पहल भारत, नेपाल, घाना और दक्षिण अफ्रीका में प्रतिदिन जरूरतमंद बच्चों और बीमार वयस्कों को पौष्टिक भोजन प्रदान करती है। उनके व्याख्यानों पर आधारित "पीस एजुकेशन प्रोग्राम" 1,400 से अधिक शैक्षिक एवं अन्य संस्थानों में दिखाया जाता है, जिससे 5 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है। यह कार्यक्रम 1,000 से अधिक जेलों में भी चल रहा है, जिसके प्रभाव से कैदियों में दोबारा अपराध करने की संभावना कम पायी गई है।

वर्ष 2023 में  प्रेम रावत ने टीवी, प्रिंट और रेडियो सहित विभिन्न मीडिया माध्यमों से 91.6 करोड़ लोगों तक अपना संदेश पहुँचाया। उनका पॉडकास्ट चैनल " लाइफ एसेंशियल्स ( Life’s Essentials)" 110 से अधिक देशों में सुना जाता है। उनकी किताबें "स्वयं की आवाज़" और " शांति संभव है (Peace is Possible)" दुनिया भर में सराही गई हैं। प्रेम रावत केवल एक वक्ता या लेखक ही नहीं, बल्कि एक आविष्कारक, संगीतकार, कलाकार, फोटोग्राफर और कुशल जेट व हेलीकॉप्टर पायलट भी हैं, जिनके पास 15,000 घंटे के उड़ान समय का अनुभव है। वे विवाहित हैं और उनके चार बच्चे और चार पोते-पोतियाँ हैं।

प्रेम रावत जी के कार्यों को सरकारों, गैर-लाभकारी संगठनों, व्यापारिक संस्थानों और दुनिया भर के नागरिक संगठनों द्वारा स्वीकार किया गया है। उन्होंने ब्रिटेन से लेकर न्यूजीलैंड तक की संसदों में और हार्वर्ड व ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालयों जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में व्याख्यान दिए हैं। 2011 में, प्रेम रावत यूरोपीय संघ (EU) के एक विशेष कार्यक्रम के मुख्य वक्ता थे, जहाँ उन्होंने "शांति की प्रतिज्ञा (Pledge to Peace )“ पर हस्ताक्षर किये और उन्हें इसका एंबेसडर घोषित किया गया ।




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