छत्तीसगढ़ म एक ठिन कहावत हे के कुकुर ह गंगा जाही त पतरी ल कोन चाटही। ए कहावत ल कोन केहे रीहिस, काखर बर केहे रीहिस। कोनो नई जानय फेर आजकल ए कहावत के अड़बड़ जोर हे। आम आदमी पार्टी के नेता केजरीवाल अऊ समाज सेवक अन्ना हजारे के आन्दोलन ह कई झन के नींद ल उड़ा दे हे।
राजनीति में आय बदमाश चोर लुटेरा मन के नींद उड़ गे हे। अऊ अब कई झन अइसे गोठियावत हें जानो मानों ओखर मन ले बड़े हरीशचंद कोनो नहीं हे।
आम आदमी पार्टी ह राजनीति के नवा परिभाषा गढ़त हावय। ए राजधानी वाला मन ह आज ले सुरता करथे के एक झन बदमाश बालकृष्ण अग्रवाल ह कइसे बड़े-बड़े विज्ञापन छपवा के कहे रीहिस के वो ह अब सुधर गे हे फेर न तो ओखर करम ह सुधरीस न तो ओखर गुण ह बने होईस। बालकृष्ण अग्रवाल ह अपन ल बने बताय बर का का काम नहीं करीस। बड़े बड़े नेता मन संग उठईया बईठया बालकृष्ण अग्रवाल ल कोनो भुलाही।
वइसने दिल्ली म जब भाजपा ह देखीस के आम आदमी पार्टी के चारो मुड़ा जोर हे त कहे लागीस के हमन ह खरीद फरोख्त के राजनीति नहीं करन त कांग्रेस के राहुल गांधी ह काहत घुमत हे के आम आदमी पार्टी ले सीखबों।
आज के राजनीति के खेल म सबला मतवईया कांग्रेस के नेता ह जब सुधरे के बात करथे त कतकोन झन ल हंसी आ जथे। उही हाल भाजपा के होगे हावय तभे त आम आदमी पार्टी ह जोर मारत हे।
अवईया लोकसभा चुनाव बर जम्मो पार्टी ह तैयारी करत हावय अऊ जनता जनहित के तीर जाय बर अपन आप ल दुध के धुले बतावत हे। दुसर के पाप ल अइसे गिनावत हे जानो मानो ए मन ह कुछुच नहीं करे हे। तभे त वो दिन गांव के बइठका म जब चोरी के मामला आइस त जीवराखन ह कही दिस देख गा चोरी चोरी हे एक रूपया के हांवय चाहे सौ रूपया के सजा बरोबर होना चाही। अऊ पंच मन ल जीवराखन के बात ल मानेच ल पड़ीस।
अइसने कोनो पार्टी ह लाख काहय के अब तक जेन होगे तउन होगे आगु अइसने नहीं होही, कोनों नहीं पतीयाने वाला हे। सब के रंग ढंग ल देख डारे हावय। कहावत घलो हे चोर चोरी ले जाए हेराफेरी ले नहीं जावय।
बने कहेस
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