शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

थरूर का आपात काल पर लेख और सच्चाई

 थरूर का आपात काल पर लेख और सच्चाई…


कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आपात काल पर लेख लिखकर जो तमाशा खड़ा किया है उसकी सच्चाई क्या है। वे कांग्रेस से ख़फ़ा है या बीजेपी से कुछ मिल पाने की उम्मीद कर रहे हैं ये तो वही बता पायेंगे लेकिन आपात काल के जिस दौर का उन्होंने ज़िक्र किया उसकी हक़ीक़त…

आज जनसंख्या दिवस पर जानिये The chief glamour girl of the  Emergency रुखसाना सुल्तान को....

   मेरा मानना है कि जनसंख्या नियंत्रण को इतनी गम्भीरता से किसी और ने नही लिया होगा  देश में ......😊


  संजय गांधी से इनकी मुलाकात इनकी ज्वेलरी शॉप पर हुई थी , कुछ देर की बातचीत के बाद ही संजय इनसे बहुत प्रभावित हुए थे।ये मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के भतीजे शिविंदर सिंह की तलाकशुदा पत्नी थीं, जो आर्मी ऑफिसर थे।

   रुखसाना सुल्तान की मौसी बेगम पारा बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री थीं और उनकी शादी दिलीप कुमार के भाई नासिर खान से हुई थी। इस तरह दिलीप कुमार भी रूखसाना के मौसा थे।

  रुखसाना की बेटी मशहूर अभिनेत्री अमृता सिंह हैं जो सारा अली खान की मां भी हैं।

  निकाह फिल्म के लिए बी आर चोपड़ा कोई नया चेहरा लेना चाह रहे थे तब उनकी मुलाकात रुखसाना से हुई और उन्होंने अमृता सिंह को देखा , पर निकाह के लिये सलमा आगा को लिया गया , जो रुखसाना को बहुत खराब लगा  उन्हें पता लगा कि  बेताब के लिए धर्मेंद्र भी सन्नी के लिए कोई नई फीमेल एक्ट्रैस तलाश रहे थे , वे धर्मेंद्र से मिलीं और अमृता सिंह को इस फिल्म से लांच किया गया।


  शायद ये आपातकाल के दिनों की ही बात है जबकि संजय गांधी ,परिवार नियोजन ,अतिक्रमण जैसे कार्यक्रमों को हर हाल में पूरा कर लेना चाहते थे। रुखसाना काफी तेजतर्रार महिला थीं इसलिए संजय को जम गईं कि वो बहुत कुछ कर सकतीं हैं।

  संजय ने उन्हें नसबंदी के लिए लोगों को बिशेषकर मुस्लिमों को राजी करने का काम सौंप दिया।

  संजय गांधी जानते थे कि देश की सबसे बड़ी समस्या आबादी है और अगर इमरजेंसी के दौरान थोड़ा प्रभाव दिखाकर लोगों को नसबंदी के लिये समझा दिया गया तो देश की आबादी कंट्रोल हो सकती है ,इसकी शुरुआत वो दिल्ली से कराना चाहते थे । उन्ही दिनों रुखसाना से मुलाकात होने पर जब रुखसाना ने उनसे कहा कि मैं पार्टी के लिए क्या कर सकती हूं ? तो संजय ने अपनी दुविधा उनसे शेयर कर दी।


  कहा जाता है उन्होंने टारगेट इतना सीरियसली लिया कि लोगों में उनका खौफ फैल गया।

 उस समय संजय की मित्र मंडली में जगदीश टाइटलर ,सज्जन कुमार ,कमलनाथ और रुखसाना थे।

  वे शिफॉन की साड़ी और बड़ा सा goggles अक्सर पहनती थीं लोग उन्हें खूब पहचानने लगे थे। वे जिस इलाके में जातीं वहां हड़कंप मच जाता था। कहा जाता है कि एक बार पत्रकार तवलीन सिंह उनके लुक में पुरानी दिल्ली के किसी एरिया में किसी स्टोरी को कवर करने गईं तो लोगों ने उन्हें रुखसाना समझ कर दौड़ा लिया था।

  फिलहाल रुखसाना ने अपने काम को येन केन प्रकारेण पूरा किया । सरकारी कर्मचारियों को यहां तक कहा गया कि उन्होंने अगर नसबंदी न कराई तो उनका वेतन रोक दिया जायेगा ।

   अंततः एक साल में 8000  के टारगेट को उन्होंने 13000 के लगभग लोगों की नसबंदी कराकर पूरा किया।

  उसके बाद अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत संजय गांधी ने उन्हें तुर्कमान गेट की झुग्गी बस्तियों को हटाने का काम सौंप दिया और वो बुलडोजर लेकर वहां पहुंच गईं । वहां उस समय मारकाट शुरू हो गई लगभग 6 लोग मारे गये। पुरानी दिल्ली इलाके में रुखसाना सुल्तान के नाम का खौफ छा गया था।

 इन सब घटनाओं से संजय गांधी और इंदिरा जी की इमेज खराब हो गई ,और 1977 का चुनाव कांग्रेस हार गई।

  उन दिनों यूथ कांग्रेस की अध्यक्ष अंबिका सोनी थीं और वो रुखसाना के छा जाने से बहुत परेशान थीं ,इंदिरा जी तक हर बात पंहुचती थी इंदिरा जी और मेनका भी उन्हे नापसंद करती थीं। पर संजय के आगे कोई कुछ नही बोलता था। संजय गांधी का काम कराने का तरीका थोड़ा सख्त था या वे अनुभवी नही थे । जोश में काम करते थे और ऐसे ही लोगों को अपने आसपास रखते थे।

  उन दिनों रुखसाना की लाइफ स्टाइल भी बेहद चर्चित रहती थी। 

  वे "कैमे "  का साबुन  इस्तेमाल करतीं थी जो विदेशों से आता था ,भारत में स्मगलिंग के जरिये ही आता था। एक बार हाजी मस्तान उनसे मिलने गये तो उनकी गाड़ी की पिछली सीट पर बस वही साबुन भरा हुआ था (साभार)