सोमवार, 24 मई 2021

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे...

 

यह तो उल्टा चोर कोतवाल को डांटे की कहावत को ही चरितार्थ करता है वरना कथित फर्जी दस्तावेज के सहारे कांग्रेस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बदनाम करने के खुलासे के बाद 'गिरफ्तार करोÓ का न प्रदर्शन होता न ही बेतुका बयानबाजी होती।

दरअसल इस देश में एक कुनबे की पूरी राजनीति ही झूठ-नफरत और अफवाह के सहारे टिकी हुई है, और इसके चलते देश का नुकसान भी इसलिए हुआ क्योंकि झूठ के इस खेल के खिलाफ किसी भी सत्ता ने कार्रवाई नहीं की और अब हालत यह है कि फिंजा में नफरत की हवा ने सांस लेना दूभर कर दिया है।

ताजा मामला भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा के उस कथित दस्तावेज का है जिसे ट्वीट्र ने भी गलत मान लिया है। संबित पात्रा ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस लेकर कांग्रेस पर आरोप लगाये कि कांग्रेस पूरी दुनिया में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि खराब करना चाहती है। पात्रा ने कहा कि इस टूलकिट की मंशा को पूरी नहीं होने देंगे।

पात्रा के इस दस्तावेज को चुनाव हारने के बाद अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहे छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने शेयर किया और कांग्रेस के खिलाफ विषवमन किया। इधर जैसे ही इस कथित दस्तावेज की झूठ सामने आई। एनएसयूआई के आकाश शर्मा सहित प्रदेशभर के कांग्रेसियों ने संबित पात्रा और डॉ. रमन सिंह के खिलाफ प्रदेश भर के कई थानों में जुर्म दर्ज कराया गया।

इधर जुर्म दर्ज होने के बाद भाजपा ने इसे गलत बताते हुए हमें भी गिरफ्तार करों का कैपेंने चला दिया। हालांकि जुर्म दर्ज होने के बाद और ट्विटर द्वारा गलत बता देने के बाद भी छत्तीसगढ़ की पुलिस अभी तक डॉ. रमन सिंह को गिरफ्तार नहीं की है। लेकिन भाजपा नेताओं ने अपने-अपने घरों में प्रदर्शन जारी रखा है। छत्तीसगढ़ पुलिस के मुताबिक इस मामले में डॉ. रमन सिंह से पूछताछ की गई। इसके लिए डॉ. रमन सिंह को नोटिस भी दे दिया गया था। नोटिस में चार बिन्दुओं पर पूछताछ हुई लेकिन गिरफ्तारी को लेकर पुलिस अभी भी बच रही है। इधर सक्रिय हो गये है जो 15 साल की सत्ता के दौरान सत्ता की रईसी का मजा ले रहे थे।