शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

कब चेतहु...


अभी जादा दिन नहीं बीते हे आंख फोड़वा कांड ल। फेर लागथे न तो सरकार चेते हे अऊ न डाक्टर मन चेतने वाला हे तभे त शिविर लगा लगा के मनमाने आपरेशन करत हे अऊ आम लोगन ल झंझट म डारत हे।
सिमगा म नसबंदी शिविर म फेर अइसने लपर-झपर के मामला सामने आय हे। तीस बिस्तर वाला अस्पताल म शिविर लगा के 52 झन माई लोगन के आपरेशन कर दिन। अऊ ए दरी घलों के बेवास्था नहीं करीन, आधा झन ल भुईयां म सोय ल पड़ीस, जाड़ के दिन म मे सब ह अतीयाचार वो हम त अऊ काय हे।
वो त पार्षद ल पता चलीस अऊ हल्ला गुल्ला मचीस त आनन भानन म दरी वरी मंगवाय गीस। सीएमओ ह त ए लंदर फंदर काम बर स्वास्थ्य केन्द्र ल दोसी बताये पल्ला झाड़ लीस। फेर अइसने कब तक चलही तेखर जवाब कखरो तीर नहीं हे।
सरकार ह हर स्वास्थ्य केन्द्र ल शिविर लगा के नसबंदी अऊ आंख के आपरेशन करे ल केहे हे फेर डॉक्टर मन ह हड़बड़ी म एकेच दिन म मनमाने आपरेशन कर देथे। यहु नहीं देखय के हड़बड़ी म गड़बड़ी होवत हे अऊ ओखर मन के करनी ल आम आदमी ल मरे ल पड़त हे।
पउर बालोद म अइसने आंखी के आपरेशन बर शिविर लगाय रीहिस, कतेक झन के आंखी फुट गे। हल्ला मचीस त दु चार डॉक्टर मन ल सस्पेंड कर दिन अउ डॉक्टर मन हल्ला गुल्ला मचाईन त मामला के लीपा-पोती कर दिन।
छत्तीसगढ़ म स्वास्थ्य सेवा के बुरा हाल हे। सरकारी अस्पताल के त भगवानेच ह मालिक हे डॉक्टर हे त दवई नहीं हे अऊ ले दे के शिविर करवात हे तउनों ह गड़बड़ सड़बड़ चलत हे। उपर ले नवा नवा नियम अलग चलत हे। डॉक्टर मन ह अपन घर ले दुकान चलावत हे अऊ दवई कंपनी ले पइसा खाके मांहगी दवई लिखत हे।
अतका लुट मचे हे के झन पूछ कहात हे। उपर ले मजबूरी ए हे के गांव गांव म झोला छाप डॉक्टर मन छछल गे हे। का दवई देवत हे का ईलाज करत हे तेखर ठिकाना नहीं हे। अइसने में छत्तीसगढ़ के का कइसन विकास होही कोनों नई जानय।
सरकार ह जब ले 35 हजार रूपया के ईलाज के बात करे हे तब ले डॉक्टर मन के लुट ह अऊ बाढ़ गे हे। कहु कछु बीमारी बता के सीधा बच्चादानी ल निकाल लेवत हे। अइसन डॉक्टर मन के चिंहारी घलो होगे फेर एखर मन के कुछु नहीं बिगड़ीस। सरकार ह काखर अइसन मन उपर कड़ा कार्रवाई नहीं करय कोनों नहीं जानय।
जतका मुंह ततका बात। फेर एक बात महुं ल कहना है के जब तक लापरवाही बरतने वाला मन उपर कड़ा कार्रवाई नहीं होही। ए लंदर-फंदर चलत रही अऊ आम लोगन मन मरत रही।