सोमवार, 19 मार्च 2012

कब्जे की जमीन को जब लोगों को खाली कराना पड़ा


आजकल एडीशनों के चक्कर में कई खबरें सभी नहीं पड़ पाते हैं। ऐसी ही चारामा की एक खबर है जो सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों के लिए करारा जवाब है। आईपीएस राहुल शर्मा की मौत के बाद हुई इस घटना ने भी सिस्टम पर उतने ही सवाल उठाये हैं जितने राहुल शर्मा की आत्महत्या पर उठे हैं।
चारामा की यह घटना छोटी घटना नहीं है। यहां भाजपा के एक दमदार नेता अशोक ठाकुर ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर करोड़ों रुपये की कीमती जमीन पर कब्जा कर लिया था। लोगों ने जब शिकायत की तो भी प्रशासन की तरफ से कोई खास पहल नहीं हुई यहां तक कि कब्जा खाली कराने गये अनुविभागीय दंडाधिकारी एनके सोनी की यहां पिटाई तक हो चुकी थी और अशोक ठाकुर के खिलाफ मामला भी बना लेकिन मुख्यमंत्री के खास होने की वजह से एनके सोनी को शायद यह फरमान जारी हो गया कि यदि राजीनामा नहीं किया गया तो नौकरी से हाथ धो बैठोगे और श्री सोनी को राजीनामा करना पड़ा।
इसके बाद भी जब कब्जा नहीं हटा तो गोंडवाना समाज के बैनर तले लोगों के न केवल कब्जा हटाया बल्कि वहां बूढ़ादेव का मंदिर स्थापित करने भूमि पूजन भी कर दिया गया। सरकार के लिए राहत की बात यह हो सकती है कि कब्जा खाली कराने गये लोगों ने कोई जनहानि नहीं की अथवा मामला बिगड़ सकता था।
अनुविभागीय दंडाधिकारी जेएल सोनी ने किन परिस्थितियों में राजीनामा किया यह तो वहीं बता सकते हैं लेकिन जिस तरह से आम लोगों ने अशोक ठाकुर द्वारा जबरिया काबिज जमीन को खालीी करवाये हैं वह छत्तीसगढ़ के लिए गंभीर बात है जो आने वाले दिनों में तकलीफ देय हो सकता है।
राजधानी रायपुर ही नहीं समूचे छत्तीसगढ़ में यही स्थिति है और हर जगह लोग इसी तरह का आंदोलन कर बैठे तो हालात संभालना मुश्किल हो जायेगा। बालको मामले में सरकार की किरकिरी हो चुकी है और ऐसे कई उद्योग है जिन्होंने जबरिया जमीनों को कब्जा कर रखा है इसे समय रहते सरकार ने कब्जा मुक्त नहीं करवाया तो इसी तरह की दिक्कते हो सकती है। और फिर जरूरी नहीं है कि चारामा की तरह बाकी जगह शांतिपूर्ण कब्जा हट जाये।
चारामा की घटना से सरकार को सबक लेने की जरूरत है। आखिर कब्जाधारियों की राजनैतिक पहुंच से परेशान लोग कब तक चुप रहेंगे। फेस बुक में इस खबर की प्रतिक्रिया भी सरकार के लिए अच्छी नहीं है। ऐसे में अतिक्रमण व अवैध निर्माण को लेकर लोग सड़क पर उतरे या सीधी कार्रवाई करे इससे पहले सरकार को शीघ्र ही बड़ा निर्णय लेना होगा।

रमण सरकार का दमन अभियान



रमण  सरकार का दमन अभियान शुरू होगया है आज आदिवासियों की राजधानी में निर्ममता से पिटाई हुई