शुक्रवार, 9 अप्रैल 2021

मेरा नाम जोकर...

 

इतिहास अपने आप को दोहराता है, जान लिजिए कि, राजकपूर ने एक फिल्म बनाई थई- मेरा नाम जोकर! अपना सब कुछ दांव पर लगाकर बनाई यह फिल्म अपनी पहली रीलिज में बुरी तरह पीठ गई, राज कपूर का सब कुछ लूट गया, यहां तक कि उनकी स्टूडियों तक के बिकने की नौबत आ गई लेकिन वे अकेले थे, संभल गए। यदि नहीं संभलते तब भी उनका परिवार सड़क पर आता फिर पता नहीं क्या होता!

खैर यह इतिहास की बातें हैं, लेकिन मेरा नाम जोकर का इतिहास इस बार पूरे देश में दोहराया गया, राजनीति में बन रही यह फिल्म पूरा हुआ है या नहीं कहना कठिन है, लेकिन इस फिल्म में कई जोकर हैं, और अब भी कई जोकर की भूमिका के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं। सालों से बन रही इस फिल्म के निर्माता पर्दे के पीछे से नये-नये जोकर ढूंढते हैं, जो सत्ता के बाहर रहते कुछ कहते हैं लेकिन सत्ता में आते ही अपनी ही जुबान से पलट जाते हैं, लेकिन जोकर की भूमिका मिलने और फिल्म पूरी करने की चाह में या पूरी फिल्म देखने की चाह में लोग किसी का नहीं सुन रहे हैं।

नफरत, अफवाह झूठ के मसाले रोज डाले जा रहे हैं और जोकर की अदाकारी पर ताली बजाने वालों की कमी नहीं हैं। यह फिल्म अभी पूरी भी नहीं हुई है तब कितने ही लोग बर्बाद होने लगे हैं और जब फिल्म पूरी होगी तो पता नहीं क्या होगा। हैरानी की बात तो यह है कि फिल्म पूरी होने की ईच्छा रखने वाले भी अब सड़कों पर आने लगे हैं लेकिन दूसरों को बर्बाद करने का शौक में कहां देखता है कि वह खुद और उसका घर बर्बाद हो रहा है।

मतलब साफ है, समझदार के लिए ईशारा काफी है। जीएसटी से लेकर राजनीति में अपराधियों की खिलाफत करने वाले आज खुद ही अपराधग्रस्त होने लगे हैं। नोटबंदी, लॉकडाउन, जीएसटी, निजीकरण, महंगाई, बेरोजगारी और किसानों की व्यथा पर इनके पुराने भाषण सुन लीजिए। इसके बाद भी आंखे न खुले तो जोकर बनने तैयार हो जाईये।

वैसे राजनीति का खेल कौन समझता है? इसलिए आश्वासन पर हर बार वोट पढ़ते जाते हैं। सत्ता की रईसी बरकरार रखने के उपक्रम भी कौन देखता है, क्योंकि जब गले में दुरंगा पट्टा बंधा हो तो हरकत भी दुरंगा ही होगा। कोरोना महामारी के खतरे पर ही राजनीति हैरान करने वाली है, ताली थाली, दीपक जलाने के तमाम उपक्रम के बीच यदि फिल्म पूरी होते देखने की चाह बनी हुई है तो इसका मतलब साफ है कि दोरंगे पट्टे ने आपके गले को इस कदर बांध रखा है कि मस्तिक और दिल को जोडऩे वाला नस अलग हो चुका है अब सिर्फ वही होगा जो जोकर दिखायेगा। फिल्में पूरी हो या ना हो ट्रेलर को हिट किया जायेगा, गानों से कमाई होगी और फिल्म पूरी होते देखने की चाह में जोर बनते लोग यही सोचते रहेंगे कि देशद्रोही फिल्म ही नहीं बनने देना चाहते!