बुधवार, 16 जून 2010

अखबार की जमीन पर बनते कॉम्पलेक्स

यह सरकारी भर्राशाही है या अखबार वालों की बेशर्मी यह तो आम लोग तय करे लेकिन कभी प्रेस काम्पलेक्स के नाम पर चर्चित रजबंधा मैदान में इन दिनों काम्पलेक्स खड़ा होने लगा है सरकार ने अखबारों की दादागिरी बर्दाश्त की तो हालत इंदौर जैसे हो जाएगी जहां कभी बारूद लगाकर अखबारों के बिल्डिंग उड़ाए गए थे।
अखबार वैसे तो एक मिशन के रूप में जाना जाता रहा है जिसका काम आम लोगों के हित साधना है लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में अब यह एक व्यवसाय का रुप ले चुका है और आम आदमी में भी अखबार के प्रति यही सोच बलवती होने लगी है तो इसकी वजह बड़े अखबारों का व्यवहार है जो अखबार के लिए दी गई सरकारी जमीन के उपयोग से सीधे परिलक्षित होती है। अमृत संदेश हो या नवभारत, देशबंधु हो या दैनिक भास्कर यहां तक कि तरुण छत्तीसगढ़ से लेकर छत्तीसगढ़ में यही हाल है। अखबार के दफ्तर कम काम्पलेक्स नजर आने वाले इन मीडिया वाले भले गलतफहमी पाल ले कि इससे आम लोग में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा लेकिन जो लोग जानते हैं कि अखबार खोलने के नाम पर दी गई सरकारी जमीनों को दादागिरी के दम पर कैसे काम्पलेक्स में बदला जा रहा है।
पिछले कुछ दिनों से भास्कर के 14 मॉले के काम्पलेक्स की राजधानी में जमकर चर्चा है और यह भी कहा जा रहा है कि इसके भूउपयोग से लेकर नक्शे तक की स्वीकृति में जमकर दादागिरी चली है और यह चर्चा सच है तो सरकार को भी सोचना चाहिए कि अब अखबारों को सस्ते दर पर जमीनें क्यों दी जाए।
और अंत में....
एक अखबार वाले ने तो नई राजधानी में ही नए प्रेस काम्पलेक्स का प्रस्ताव बना लिया है जबकि शुक्ला पेट्रोल पम्प को दूसरे जगह जमीन देने पर बस स्टैण्ड की जमीन खाली करने की खबरें इसी के यहां सबसे यादा छपती रही है।

धनेन्द्र साहू के गांव में चंद्रशेखर की दमदारी

तोरला में अवैध कब्जे की बाढ क़ो संरक्षण
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष धनेन्द्र साहू चुनाव क्या हारे उन्हें अपने गांव में ही चुनौती मिलने लगी है कहा जाता है कि कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू ने यहां अपने समर्थकों की फौज खड़ी करना शुरू कर दिया है और तोरला में हो रहे बेतहाशा अवैध कब्जों को इसी राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।
अभनपुर विधानसभा क्षेत्र में वैसे तो कई गांवों में अवैध कब्जों की शिकायत आने लगी है लेकिन प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष धनेन्द्र साहू के गृह ग्राम तोरला में जिस बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों पर कब्जे किए जा रहे हैं उससे गांव वाले परेशान है। बताया जाता है कि सरकारी जमीनों पर हो रहे अवैध निर्माण की शिकायत तहसीलदार पटवारी से भी कई गई है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा समर्थकों की फौज खड़ी करने पूरे विधानसभा क्षेत्र में इस तरह की रणनीति बनाई गई है और इस कार्य में तहसीलदार व पटवारियों को भी मदद करने के मौखिक निर्देश दिए गए है।
हमारे सूत्रों ने बताया कि जिन गांवों में भाजपा समर्थित पंचायत पदाधिकारी है वहां रणनीति के तहत अवैध कब्जों को प्रश्रय दिया जा रहा है। इधर तोरला में ग्रामीणों ने कहा कि जिस स्तर पर यहां सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं उससे आने वाले दिनों में नई मुसिबतों का सामना करना पड़ सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि अवैध कब्जों की शिकायत लिखित में पटवारियों व तहसीलदार से करते हुए कब्जे तोड़ने की मांग की गई है लेकिन राजनैतिक संरक्षण के चलते अधिकारी भी चुप है।
दूसरी तरफ तोरला में चल रहे अवैध कब्जों को राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में भी देखा जा रहा है और कहा जा रहा है कि धनेन्द्र साहू के गढ़ में सेंध मारने नई टीम तैयार की जा रही है। बहरहाल अभनपुर क्षेत्र में बढ रहे अवैध कब्जों की शिकायतों पर अधिकारियों की खामोशी से मामला गंभीर होता जा रहा है और जिस हिसाब से नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं उससे रमन सरकार की छवि पर असर पड़ सकता है।