मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

आप ने कर दी सपने खाक...


आम आदमी पार्टी बनाते ही दिल्ली की सत्ता तक पहुंचे केजरीवाल को ल
ेकर जितनी चिंता समर्थन कर रही कांग्रेस को है उससे कही ज्यादा चिंता भाजपा को है।
आम आदमी पार्टी ने लोकसभा चुनाव लडऩे का एलान कर दिया है और वह इस देश में कांग्रेस-भाजपा के बाद तीसरी पार्टी बनकर चुनाव लड़ेगी। इससे पहले तीसरा मोर्चा बनाकर चुनाव लडऩे की कवायद होते रही है लेकिन इस बार हो रहे लोकसभा चुनाव का नजारा ही अलग होगा।
कांग्रेस और भाजपा जहां अपने अपने साथियों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी तो आम आदमी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
दिल्ली के चुनाव परिणाम यदि लोकसभा चुनाव में भी दोहराया गया तब कांग्रेस और भाजपा का क्या होगा? आज तक कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों क्षेत्रिय दलों को नहीं रोक पायी है ऐसे में आप का इनसे सीधे लड़ाई का परिणाम क्या होगा? क्या आप को वजह से कांग्रेस और भाजपा ही नहीं दूसरी पार्टियों को भी नुकसान होगा। ये तमाम सवाल अभी भले ही मायने नहीं रखते हो पर सच तो यह है कि सडऩे की कगार तक पहुंच चुकी राजनैतिक व्यवस्था में आप ने ताजा हवा का झोंका की तरह अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। दिल्ली विधानसभा के परिणाम से कांग्रेस के चेहरे पर भले ही भाजपा के सत्ता नहीं पाने का संतोष हो या भाजपा के चेहरे पर आप को लेकर मलाल हो पर सच तो यही है कि आप ने राजनीति में चली आ रही परम्परा को बदलने की कोशिश की है।
चुनाव जीतने के बाद अपनी मर्जी से विकास गढऩे की तुगलकी परम्परा को दिल्ली के लोगों ने तोडऩे में जो तेजी दिखाई है वहीं तेजी लोकसभा चुनाव में दिखाने की पहल के लिए आप तैयारी कर रही है। पूरे देश में यूपीए सरकार के खिलाफ भाजपा ने जो माहौल खड़ा किया है उस माहौल को जीत में हासिल करने में आप का रोढ़ा साफ दिखने लगा है और यदि दिल्ली में बैठी आप के फैसले अच्छे रहे तो फिर भाजपा को नुकसान उठाना पड़ेगा।
ऐसे में भाजपा भले ही कांग्रेस पर वार करते दिख रही है लेकिन भीतर खाने में आप की चिंता भी कम नहीं है।