शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

खाओ गुटखा पियो शराब, किसने कहा ये है खराब?

इन दिनों पूरे देश ही नहीं छत्तीसगढ़ में जिसे देखो वही गुटखा-शराब के खिलाफत में उतर आया है। साधु संतों की बात करें या समाज सेवियों की सभी गुटखा-शराब के पीछे पड़ गए हैं। उन्हें लगता है कि ये आने वाले पीढिय़ों को बर्बाद कर देगी? उनके सामने घर-परिवार टूटने के कई उदाहरण भी है और वे इन्हीं उदाहरणों के साथ गुटखा व शराब के खिलाफ आम लोगों को सीख देते हैं? बहुत कम लोग यह बात समझते हैं कि वे ऐसा नहीं करेंगे तो न तो वे साधु संत कहलायेंगे और न ही समाजसेवी?भाजपा के एक नेता अशोक बजाज को तो फितूर सवार ही है और अब पुरन्दर मिश्रा भी गुटखा छुड़वाने निकल पड़े हैं। उनका दावा है कि गांधी पदयात्रा के दौरान बसना क्षेत्र के
जहां तक गुटखा और शराब की बात है तो इसका सेवन में अति करने से ही नुकसान है
513 बच्चों ने गुटखा नहीं खाने का संकल्प लिया है। कुछ माह पहले जैन सम्प्रदाय के रतन मुनि ने तो मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह और उनकी सरकार को ही नसीहत दे डाली कि शराब बंद करों इस दौरान मौजूद उनके समाज के मंत्री राजेश मूणत को भी वे मुख्यमंत्री बनने का आशीर्वाद दे गए। अब मुनि संत की बात कौन मानता है? इतनी सी बात मुनि जी या संतों को क्यों नहीं समझ आता कि आकल प्रवचन से लेकर हर आयोजन में राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति की जाती है। ? और अति तो सर्वत्र वर्तते है फिर गुटखा-शराब के पीछे क्यों पड़ गए है लोग यह कई लोगों के समझ में ही नहीं आता। पीने वालों का अपना तर्क है। वे तो इसे दवा तक बना देते हैं या मूड फ्रेशनर? सरकार भी जानती है कि यह खराब नहीं है? तभी तो वह बिकवा रही है? अब भला यह खराब चीज होती तो क्यों बेची जाती? सिर्फ रुपयों के लालच में सरकार और उसके धर्म परायण मंत्री तो इतना निकृष्ट कार्य नहीं कर सकते? कम से कम धर्म को आधार मानने वाली भाजपा सरकार तो साधु संतों का कहा जरूर मानेगी? इसलिए भाजपा सरकार में भी शराब गुटखे बिकवाये जा रहे हो तो भला इसे गलत ठहराना कहां तक उचित होगा? भाजपा के ही अशोक बजाज और पुरन्दर मिश्रा इस तरह का अभियान चलाकर पार्टी और सरकार विरोधी काम कर रहे है। बजाज भले कांग्रेसी न रहे हो लेकिन पुरन्दर मिश्रा कांग्रेसी रहे हैं और कांग्रेसी मानसिकता की वजह से ही वे लोग गुटखा-शराब का विरोध कर रहे हैं?छत्तीसगढ़ में तो शराब की गंगा बह रही है? पानी जब उद्योगपतियों को बेच दी जाए तो पीने की दूसरी व्यवस्था सरकार ने कर दी है। गांव-गांव में साफ पानी भेजने में दिक्कत है और फिर ग्रामीण लोग पीने के लिए पानी पर खर्च करेंगे नहीं इसलिए शराब बेचने के फायदे भी है? पेट के किटाणु भी मर जाते हैं और प्यास भी बूझ जाती है? पता नहीं ननकीराम कंवर क्यों शराब ठेकेदारों से चिढ़ते हैं बेवजह थानेदारों को कोस रहे हैं कि वे शराब माफियाओं के इशारे पर चल रहे हैं। क्या गृहमंत्री इतने कमजोर है कि थानेदार उनकी नहीं सुनता? दरअसल यह गृहमंत्री की चालाकी है वे अच्छा बने रहने के लिए उपाय ढूंढते रहते हैं तभी तो वे कभी एसपी को निकम्मा तो कलेक्टर को दलाल कह देते हैं? छत्तीसगढ़ में शराब और गुटखा के राजस्व की वजह से ही विकास हो रहा है वरना केन्द्र में बैठी कांग्रेस सरकार तो विकास के लिए फूटी कौड़ी ही न दें? फिर महंगाई में वेतन कहां पूरता है इसलिए गुटखा शराब को कोसने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना चाहिए सिर्फ पुलिस से पिटवाने से काम नहीं चलेगा।

सटोरिए तक को नहीं छोड़ते कांग्रेसी ...

रायपुर। सभी को मालूम है कि यहां टम्पू
इस नेता के साथ एक कांग्रेस विधायक की भी वसूलीबाजी से लोग हैरान है। बड़ा भाई जितना सज्जन छोटा उतना ही दुर्जन के नाम से चर्चित इस विधायक पर तो रोड डिवाईडर के नाम से पैसा खाने के आरोपों के साथ सटोरियों जुआडिय़ों को भी संरक्षण देने का आरोप है। यही नहीं कोयला चोर को बचाने का आरोप तो कांग्रेस के एक पूर्व मुख्यमंत्री पर भी लगने लगा है। इन दिनों दिल्ली का राजनीति में सक्रिय इस नेता को क्या मिला पार्टी को क्या मिला यह तो चर्चा का विषय है ही। कोयला चोर के जमानत से लेकर उसे बचाने की चर्चा चौबे कालोनी में कोयला चोर के दफ्तर में ढहाके के साथ सुनी जा सकती है।
, टोनी, जय सिंघानी, गुड्डू त्रिपाठीष फुंसी, लेसी, संतोष जैन, तेजू जैसे नामी सटोरिए हैं जो क्रिकेट पर सट्टा खिलवाते हैं। इनसे पुलिस वाले ही नहीं वर्तमान में संगठन के खास लोग भी महिना लेते हैं। शहर अध्यक्ष की दौड़ में शामिल फाफाडीह छाप एक नेता पर तो इनसे तीन लाख रुपए महिना संगठन के नाम से लेने की चर्चा है। जबकि इस पर निगम के सभापति चुनाव में ही नहीं भटगांव उपचुनाव में भी भाजपा से पैसा लेने का आरोप है।

३जि मोबाईल सेवा बीजापुर और बस्तर में भी शुरू

बी एस एन एल का ३जि मोबाईल सेवा बीजापुर और बस्तर में भी शुरू  

निगम का पैसा अफसरों के घर में .

निगम अफसर एन .एस . राठौर के पास से  एंटी करप्सन को मिले बेहिसाब सम्प्पति . रायपुर दुर्ग बिलासपुर में जमीन जायदाद .