रविवार, 4 अगस्त 2024

सोशल मीडिया का किंग कौन... ?

 सोशल मीडिया का किंग कौन... ? 


भारतीय जनता पार्टी या निजी सर्वे कंपनी भले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुनिया का सबसे नम्बर वन नेता बता रही हो लेकिन सोशल मीडिया के यू-ट्यूब प्लेट फ़ार्म ने जुलाई के अंतिम पखवाड़े का जो आंकड़ा पेश किया है उसमें सोशल मीडिया का किंग कौन है यह साबित हो गया है।

आंकड़े पर गौर करे तो स्पष्ट है कि देश के लोग किसे सुनना पसंद कर रहे है और कौन किस पर भारी पड़ रहा है।

टॉप 10 का जो आँकड़ा यू-ट्यूब ने जारी किया है वह देश के मिजाज को समझने के लिए काफी है कि देश किस दिशा में जा रहा है।

यू ट्यूब का यह आंकड़ा 13 जुलाई से 31 जुलाई के बीच देखे जाने वाले दर्शकों का है।


इसमें भारतीय जनता पार्टी का यू ट्यूब चैनल  0.3 मिलियन दर्शकों के साथ दसवे नम्बर पर है। जबकि 9वे नम्बर पर अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के नेता को 0.4 मिलियन लोगों  ने देखा या सुना। आम आदमी पार्टी पंजाब ने अपने ही पार्टी के दिल्ली को पछाड़‌ते हुए 7वे नम्बर पर है तो देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6वे नंबर पर है।

पहले के चार स्थानों पर कांग्रेस पार्टी की धूम मची है दूसरे नम्बर पर 11.8 मिलियन लोगों के साथ यूथ कांग्रेस जमा हुआ है तो राहुल गांधी 12.7 मिलियन लोगों के साथ टॉप पर है। अब आप समय ही गये होगे कि सोशल मीडिया का किंग कौन है।

पांडे से अनुराग की बजाय द्वेष क्यों...

 पांडे से अनुराग की बजाय द्वेष क्यों...


इसी महिने रिटायर्ड होने वाले आईएएस अनुराग पाण्डे को बीजापुर कलेक्टर से हटाकर मंत्रालय भेज देने की घटना से भाजपा के कई दिग्गज मी चौंक गये हैं। ख़ाटी संघ परिवार के अनुराग पाण्डे के पिता स्व मनहरण लाल पांडे बिलासपुर से सांसद रहे है तो बहन हर्षिता पाण्डे भी भाजपा में बेहद सकिय है इसने बाद भी उनका हटा दिया जाना चर्चा का विषय है।

भले ही लोग इसे भाजपा नेता से विवाद वाले विडियों से जोड़ रहे हो या फिर धमकी देने वाला भाजपाई अपनी पीठ थपथपा रहा हो लेकिन कहा जा रहा है कि असल कहानी तो बिलासपुर के इलाने की है, जहां हर्षिता पाण्डे ने डॉ रमन सिंह के कार्यकाल के दोरान की थी l हालांकि एक चर्चा तो विष्णुदेव साय के लाड‌ले मंत्री केदार कश्यप प्रदेश भाजपाध्यक्ष किरणदेव को लेकर भी सुनाई जा रही है कि वे दोनों ही नेता की वे ठीक से नहीं सुनते थे।

 कहा जाता है कि खाटी छत्तीसगढ़िया अनुराग पाण्डे को हटाने के पिछे की बड़ी वजह जगदलपुर के उस व्यापारी की है जिसका पूरा वैध-अवैध व्यापार बीजापुर पर निर्भर है और हाल ही में मुख्यमंत्री के मेरे बस्तर प्रवास पर  उस व्यापारी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी।


इधर अनुराग पाण्डे को हटाने को लेकर छत्तीसगर सवर्ण संघर्ष समिति ने भी मोर्चा खोलते हुए ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन की भी अपनी कहानी है। बहरहाल अनुराग पांडे को 

इस तरह से हटाने से उन लोगों को भी झटका लगा है जो रिटायर्ड के बाद नियुक्ति का सपना पाले अपने को भाजपाई कहते नहीं थकते हैं।