बुधवार, 28 मार्च 2012

ये छत्तीसगढ़ है साहब...


पिछले दिनों नवरात्रि शुरू होते ही कुशालपुर में भाजपा नेताओं की मौजदूगी में हुए अश्लील नृत्य पर भले ही यह कहकर भाजपा अपना पल्ला झाड़ ले कि ऐसा तो यूपी बिहार में होता ही रहता है लेकिन हम बता दें कि ये छत्तीसगढ़ है? इसे कम से कम यूपी बिहार तो न बनाओं?
छत्तीसगढ़ की संस्कृति से खिलवाड़ के बाद जिस तरह से इस भगवा डांस पर लीपापोती हो रही है वह न केवल दुर्भाग्यजनक है बल्कि छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने के लिए काफी है। पहले ही अपनी जीयो और जीने दो की संस्कृति के चलते लुटेरों को अपनी गोद में बिठाने का दंश झेल रहे। छत्तीसगढिय़ों के गाल पर यह तमाचा नहीं तो और क्या है?
हम किसी भी राज्य के उनके अपने नाचे गाने की परंपरा का विरोध  नहीं करते और न ही उन्हें छत्तीसगढ़ी संस्कार व संस्कृति अपनाने के लिए बाध्य ही करते हैं लेकिन फूहड़ता व अश्लीलता का हम विरोध करते है चाहे वह किसी भी संस्कृति का हो।
छत्तीसगढ़ में विस तेजी से अपराध बढ़े हैं। जिस तेजी से जमीनों पर कब्जे की कवायद हुई है इन सबके पीछे कौन है न तो किसी को बताने की जरूरत है और न ही समझाने की। हम नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ में ऐसी गंदी हरकतों के चलते राज ठाकरे व मनसे जैसे लोगों को सर उठाने का मौका मिले। इस शांत प्रदेश में विकास की असीम संभावना है और यहां आने वाले किसी भी राज्य के लोगों के लिए छत्तीसगढ़ पनाहगार ही नहीं बसने के लिए सर्वोत्तम जगह है लेकिन उन्हें यह सोचना होगा कि उनकी किसी भी गलत हरकत से क्षेत्रियता को हवा मिले।
भाजपा के लालबत्ती धारियों ने भले ही यह कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया कि यूपी बिहार में यह आम बात है लेकिन मेरा दावा है कि यूपी बिहार में भी इस तरह के नृत्य का समर्थन संस्कारवान लोग नहीं करेंगे। गलत बातों को शब्दों की चासनी चढ़ाकर परोसने की कोशिश बंद होनी ही चाहिए अन्यथा इससे दूरगामी परिणाम अच्छे नहीं होंगे?
इस मामले को यहीं समाप्त करने सरकार व भाजपा को भी कड़ा रुख अख्तियार करना  चाहिए अन्यथा इस कालिख के छींटे से वे भी नहीं बच सकेंगे।