बुधवार, 9 जून 2021

फिर ममता ने भाजपा को पटकनी दी...

 

पश्चिम बंगाल में मिली पराजय के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार शुरु किया है इसके जवाब में जब तृणमूल सामने आई तो भाजपा की बोलती बंद हो गई है, राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कारनामों की पोल खुलते ही पूरी भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई है जबकि बंगाल भाजपा में बवाल मच गया है, राज्यपाल के कारनामें की खबर से दिल्ली भी सकते में है और अब वह ममता पर प्रहार के लिए नए तरीके ढंूढ रही है।

यह बात किसी से छिपा नहीं है कि बंगााल में तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर न केवल मोदी शाह की बोलती बंद कर दी बल्कि चुनाव परिणाम के बाद हुए हिंसा ने भाजपा में हताशा भर दी है। हालत यह है कि भाजपा के कई दिग्गज वापस टीएमसी में जाने न केवल छटपटा रहे है बल्कि कई नेता तो ममता बैनर्जी से अपनी गलतियों के लिए माफी तक मांग रहे हैं। परिणाम से हताश भाजपा ने यहां चुनाव बाद हुए हिंसा को पहले तो हिन्दू-मुस्लिम करने की कोशिश की लेकिन सच सामने आते ही लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताने लगे लेकिन जब बंगाल की राजनैतिक हिंसा पर उठे सवाल ने भाजपा की बोलती बंद कर दी। चूंकि कोरोना काल की लापरवाही के चलते पूरे देश में जिस तरह  का नरसंहार हुआ है उससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को गहरा आघात लगा है, जबकि बेरोजगारी और महंगाई ने आम आदमी का जीवन नारकीय बना दिया है। लेकिन मोदी सत्ता को इससे ज्यादा जरूरी काम है और वो काम है हिन्दू-मुस्लिम और विरोधियों को किनारे लगाना। और यह दोनों ही काम बंगाल में फेल हो चुका है। इधर मोदी सत्ता की करतूत से नाराज टीएमसी ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

ताजा मामला राज्यपाल जगदीप धनखड़ का है। किसी राजनैतिक दल की तरह काम करने के आरोपों के बीच राज्यपाल पर जिस तरह से आरोप लगे है वह न केवल भाजपा के लिए असहनीय है बल्कि संघ के संस्कार पर भी सवाल उठा रहे हैं। टीएमसी की फायर ब्रांड सांसद महुआ मोहत्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को इस बार निशाने पर लेते हुए राज्यपाल के करतूतों की फाईल खोलने का दावा किया है। महुआ मोहत्रा ने राजभवन में राज्यपाल के द्वारा की गई नियुक्ति की सूची जारी करते हुए कहा है कि राजभवन में राज्यपाल ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों की नियुक्ति कर माफी मांगने और दिल्ली लौट जाने की सलाह तक दे दी है।

महुआ मोहत्रा का दावा है कि राज्यपाल के ओएसडी शेखावत को धनखड़ के बहनोई के बेटे, रूचि दुबे ओएसडी को पूर्व एडीसी दीक्षित की पत्नी, प्रशांत दीक्षित पूर्व एडीसी के भाई हैं। वलिकर, किशन धनखड़ सहित कई नाम गिनाकर मोहत्रा ने सीधा हमला किया है। यही नहीं महुआ मोहत्रा ने तो यहां तक कहा है कि संघ के पालतु लोगों को अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल बनाकर प्रधानमंत्री ने राज्यपाल की गरिमा गिरा दी है। ममता ने भाजपाा को पटकनी दी...

पश्चिम बंगाल में मिली पराजय के बाद भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरह से तृणमूल कांग्रेस पर प्रहार शुरु किया है इसके जवाब में जब तृणमूल सामने आई तो भाजपा की बोलती बंद हो गई है, राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कारनामों की पोल खुलते ही पूरी भाजपा बचाव की मुद्रा में आ गई है जबकि बंगाल भाजपा में बवाल मच गया है, राज्यपाल के कारनामें की खबर से दिल्ली भी सकते में है और अब वह ममता पर प्रहार के लिए नए तरीके ढंूढ रही है।

यह बात किसी से छिपा नहीं है कि बंगााल में तृणमूल कांग्रेस ने ऐतिहासिक जीत दर्ज कर न केवल मोदी शाह की बोलती बंद कर दी बल्कि चुनाव परिणाम के बाद हुए हिंसा ने भाजपा में हताशा भर दी है। हालत यह है कि भाजपा के कई दिग्गज वापस टीएमसी में जाने न केवल छटपटा रहे है बल्कि कई नेता तो ममता बैनर्जी से अपनी गलतियों के लिए माफी तक मांग रहे हैं। परिणाम से हताश भाजपा ने यहां चुनाव बाद हुए हिंसा को पहले तो हिन्दू-मुस्लिम करने की कोशिश की लेकिन सच सामने आते ही लोकतंत्र के लिए खतरनाक बताने लगे लेकिन जब बंगाल की राजनैतिक हिंसा पर उठे सवाल ने भाजपा की बोलती बंद कर दी। चूंकि कोरोना काल की लापरवाही के चलते पूरे देश में जिस तरह  का नरसंहार हुआ है उससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि को गहरा आघात लगा है, जबकि बेरोजगारी और महंगाई ने आम आदमी का जीवन नारकीय बना दिया है। लेकिन मोदी सत्ता को इससे ज्यादा जरूरी काम है और वो काम है हिन्दू-मुस्लिम और विरोधियों को किनारे लगाना। और यह दोनों ही काम बंगाल में फेल हो चुका है। इधर मोदी सत्ता की करतूत से नाराज टीएमसी ने भी भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

ताजा मामला राज्यपाल जगदीप धनखड़ का है। किसी राजनैतिक दल की तरह काम करने के आरोपों के बीच राज्यपाल पर जिस तरह से आरोप लगे है वह न केवल भाजपा के लिए असहनीय है बल्कि संघ के संस्कार पर भी सवाल उठा रहे हैं। टीएमसी की फायर ब्रांड सांसद महुआ मोहत्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ को इस बार निशाने पर लेते हुए राज्यपाल के करतूतों की फाईल खोलने का दावा किया है। महुआ मोहत्रा ने राजभवन में राज्यपाल के द्वारा की गई नियुक्ति की सूची जारी करते हुए कहा है कि राजभवन में राज्यपाल ने अपने रिश्तेदारों और परिचितों की नियुक्ति कर माफी मांगने और दिल्ली लौट जाने की सलाह तक दे दी है।

महुआ मोहत्रा का दावा है कि राज्यपाल के ओएसडी शेखावत को धनखड़ के बहनोई के बेटे, रूचि दुबे ओएसडी को पूर्व एडीसी दीक्षित की पत्नी, प्रशांत दीक्षित पूर्व एडीसी के भाई हैं। वलिकर, किशन धनखड़ सहित कई नाम गिनाकर मोहत्रा ने सीधा हमला किया है। यही नहीं महुआ मोहत्रा ने तो यहां तक कहा है कि संघ के पालतु लोगों को अलग-अलग राज्यों में राज्यपाल बनाकर प्रधानमंत्री ने राज्यपाल की गरिमा गिरा दी है।