बुधवार, 27 अक्तूबर 2010

ये कौन सी लड़ाई है अखबारों की...

पिछले हफ्ते फिर पत्रिका के कर्मचारियों ने भास्कर की गाड़ी को चोरी का बंडल ले जाते पकड़ा। प्रशासन हैरान है पर कार्रवाई नहीं कर रहा है। आखिर भास्कर का अपना रुतबा है। वह कानून तोड़े तब भी सरकार में हिम्मत नहीं है कि वह कुछ कर सके। दूसरा कोई होता तो दफा 279 लगाकर अंदर कर दिया जाता और पत्रिका जैसे दमदार होता तो लूट की धाराएं भी लग जाती। लेकिन मामला भास्कर का है इसलिए पुलिस भी चुप है। लड़े-मरे क्या करना है। मर्डर-वर्डर हो तब कार्रवाई होगी। मारपीट तो हो ही चुकी है। वैसे भास्कर पर यह आरोप नया नहीं है। पहले उसकी लड़ाई नवभारत और देशबंधु से हो चुकी है। नवभारत का तो वह कुछ नहीं बिगाड़ पाया लेकिन बेचारा देशबंधु घुन की तरह पीस गया।
वैसे भास्कर पर एक और आरोप लगे हैं छत्तीसगढ़ के पत्रकारों की छुट्टी कटौती का। होली तक में भास्कर निकल चुका है। इसके अलावा पत्रकारिता को कलंकित करने का आरोप भी कम नहीं है। दो-पांच सौ में पत्रकार मिलते हैं यह जुमला भी काफी चर्चा में रहा है। कहते हैं भास्कर के आने के पहले छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता के स्तर को लेकर कसमें खाई जाती थी लेकिन उसके आने के बाद जिस तरह से परिवर्तन आया है वह किसी से छिपा नहीं है। अब तो खबरें भी कालम सेमी में बिकने लगी है।
जब रिपोर्टर को जीआरपी
में बैठना पड़ा...
नया अखबार आया है तो कुछ नए लोग भी पत्रकार बन गए है। ऐसा ही एक पत्रिका का राहुल जैन है। पिछले हफ्ते वह रिपोर्टिंग के लिए रेलवे स्टेशन पहुंचा तो जीआरपी वाले उन्हें पकड़ कर थाने ले आए। वह चिखता रहा कि वह पत्रकार है लेकिन साहब के आने तक बिठा दिया गया। कुछ बड़े पत्रकारों के हस्तक्षेप के बाद ही उसे जाने दिया गया।
जीम का असर
पिछले हफ्ते मेकाहारा के गार्ड ने पत्रिका के फोटोग्राफर से उलझने की गुस्ताखी की और वह पिटा गया। वैसे हीरा को देखकर कोई नहीं कहेगा की वह पिटाई कर सकता है वह पिटा भी नहीं। हीरा के साथ हुई घटना का दूसरे को पता चला तो अन्य फोटोग्राफर पहुंचकर यह कारनामा कर गए। अब प्रेस क्लब में जिम खुल गया है। पत्रकार अब माफी नहीं मंगवाते तुरंत हिसाब करते हैं। सावधान...।
और अंत में...
जनसंपर्क अधिकारी स्वराज दास की मनमानी की चिट्ठी अखबार में क्या छपी। हालत खराब हो गई। आनन-फानन में फोटोग्राफरों की नियुक्ति का फरमान जारी हो गया। लेकिन आदत से मजबूर मनमानी अब भी जारी है। चुन-चुन कर चहेतों को ही कॉल लेटर भेजा गया। प्रतिभाशाली फोटोग्रॉफर अपनी डिग्री को कोस रहे हैं।