शाबाश… मोदी जी वेलडन…
अब तो उन लोगों के मुँह में तमाचा है जो कहते हैं कि आख़िर मोदी ने इस देश को क्या दिया है। आइये हम बताते हैं कि मोदी जी ने इस देश को क्या दिया है..,
ये दिया है देश को मोदी ने:
प्रेम शुक्ला,
उच्च,श्रेष्ठ सवर्ण ब्रह्मज्ञानी ब्राह्मण है..
सनातनी संस्कारी हिंदू है..
और सबसे बड़ी बात_"बीजेपिये" है.
राष्ट्रीय चैनल पर बतौर बीजेपी प्रवक्ता_कांग्रेस के प्रवक्ता की मां को सरेआम रंडी कह रहे हैं.
विडियो दिखाता है कि ऐसी गाली गलौज की शुरूआत भी वही करते हैं और अति पर भी वही ले जाते हैं.. ये अलग बात है कि ऐसी भाषा के लिये एंकर दोनों प्रवक्ताओं को दोष देकर बीजेपी प्रवक्ता को अकेला दोषी होने से बचाता है.
(ये दिया है देश को मोदी ने)
प्रेम शुक्ला अकेले बीजेपिये नहीं इस तरह के सनातनी संस्कार प्रदर्शन के..मोदी से लेकर मोदी भक्तों तक सभी भगवो में यही सनातनी संस्कार भरा पड़ा है.
मोदी संघ ने ऐसा एक पूरा इकोसिस्टम बनाया है जो पूरी दुनिया में देश के मान सम्मान को शर्मिंदा कर रहा है.
बेशर्म हद वाहियात भ्रामक और गाली देनेवाली राजनीति का असली अपराधी वो बकलोल, नॉन-सीरियस और उत्पाती कल्चर है..
जो 2013 के बाद से मोदी के साथ बीजेपी के संगठन में आया.
2013 के मध्य से राष्ट्रीय राजनीति में मोदी महत्वाकांक्षा के पदार्पण से सब कुछ बदल गया.
2013 के विधानसभा चुनाव के ठीक पहले बीजेपी साहब को प्रधानमंत्री पद के लिए नामित करती है.फिर मोटा भाई को उत्तर प्रदेश में संगठन का प्रभार दिया जाता है.यहीं से शुरू होता है_
संबित पात्रा, कपिल मिश्रा,प्रेम शुक्ला, नूपुर शर्मा, गौरव भाटिया जैसे लंपट बकरबाज़ों का बीजेपी मीडिया सेल में प्रवेश.और फिर गोदी मीडिया में अर्णव, अमीश, रुबिका लियाकत और अमन चोपड़ा जैसे
नॉन-सीरियस एंकर्स का प्रमोशन.
यह सब कुछ पूरी प्लानिंग से हो रहा था।
आईटी सेल और गोदी मीडिया का डेडली कॉम्बिनेशन विपक्ष के हर तर्क और तथ्य को झूठ से नेस्तनाबूद करने की कोशिश कर रह था.
हर तर्क को जुमले से हराना, हर तथ्य की इतिहास से तुलना कर देना_
ये सब एक सोची-समझी स्ट्रेटजी का हिस्सा था. और जब वो किसी बहस में हारते दिखते..
तो वो किसी भी गंभीर चर्चा को गली-चौराहों पर होने वाली गालीबाज ठिठोली में बदल देते.
लोग मुद्दा भूल जाते थे, हँसी में लग जाते थे. वो धर्म से लेकर हर विषय को इतने नीचे स्तर पर ले जाती हैं कि पूरे समाज का स्तर ही नीचे गिर जाता है.
आज इन जहरीले प्रवक्ताओं ने देश की एकता,सहिष्णुता,संस्कार को ही नहीं देश की छवि,अर्थव्यवस्था,रक्षा और विकास को भी डस लिया है.
लेकिन इसके ज़िम्मेदार ये नहीं हैं..
जिम्मेदार वो सपेरे हैं जिनके इशारों पर ये दिन-रात नाचते हैं और पूरे देश में ज़हर फैलाते हैं।
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#घोरकलजुग #डाटावाणी