शुक्रवार, 27 अगस्त 2010

बृजमोहन ने दी छूट और हरे राम ने की लूट

दंतेवाड़ा में नक्सलियों की आड़ में लूट
 यह प्रदेश के दमदार माने जाने वाले मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की दमदारी नहीं तो और क्या है कि जिस व्यक्ति का किसी भी सरकारी विभाग में सेवा नहीं है और जिसके संविलियन को हाईकोर्ट तक ने अवैध करार दिया और पीएससी ने तीन बार टर्न कर दिया ऐसे व्यक्ति को न केवल दंतेवाड़ा जिला का शिक्षा अधिकारी बनाया गया है बल्कि शिक्षा मिशन का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया है। बात इतनी ही नहीं है यहां चल रहे लूट-खसोट का यह आलम है कि नक्सली भी शरमा जाए।
कहा जाता है कि शिक्षा विभाग देश का भावी पीढ़ी तैयार करता है और जब इस विभाग को ही जब भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया जाए तो भावी पीढ़ी कैसे होगी इसकी कल्पना से ही होश उड़ जाते है। वैसे इस विभाग में शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल जिस तरह से दमदारी दिखा रहे हैं और तमाम भ्रष्ट और विवादास्पद लोगों को प्रमुख पदों पर बिठाया जा रहा है वह आने वाले समय के लिए घातक माना जा रहा है। तवारिस और बाम्बरा जैसे लोगों को तवज्जों दिए जाने के बाद सिंह जैसों को अपने बंगले में बिठाने के लिए चर्चित शिक्षा विभाग इन दिनों दंतेवाड़ा के जिला शिक्षा अधिकारी एचआर शर्मा की कारगुजारियों और मंत्री के संरक्षण के कारण चर्चा में है।
एचआर शर्मा को दंतेवाड़ा में शिक्षा अधिकारी के साथ-साथ शिक्षा मिशन में जिला परियोजना समन्वयक का प्रभार भी दिया गया है। वक्त पढऩे पर राजनैतिक निष्ठा बदलने के आरोपित एचआर शर्मा कभी कवर्धा में असिसेंट प्राध्यापक रहे हैं। बताया जाता है कि तब इनकी निष्ठा कांग्रेस के प्रति थी और इसी के चलते इनके संविलियन का प्रयास कांग्रेस विधायक ने की थी लेकिन यह हो नहीं पाया और सत्ता बदलते ही इनके संविलियन का प्रयास भाजपा की महिला पूर्व सांसद ने की और इस तात्कालिन सांसद के चुनाव के लिए फंड भी दिया गया। इस प्रयास के चलते ही शिक्षा विभाग के आवेदन पर पीएससी ने 3 सामान्य पद में से एक पद विलोपित कर दिया था। कहा जाता है कि खेल यही से शुरु हुआ और जब एचआर शर्मा यानी हरेराम शर्मा की फाईल पहुंची तो पता चला कि उनका संविलियन ही अवैध है और भर्ती नियम 1982 की कंडिका 4 की अनदेखी की गई है और संविलियन किया गया है।
बताया जाता है कि मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा तो हाईकोर्ट ने संविलियन रद्द कर दिया। इस सबके बाद भी वे दंतेवाड़ा में जिला शिक्षा अधिकारी बनाए गए। नागरिक आपूर्ति निगम से हकाले जाने की अपनी कहानी है। दंतेवाड़ा में जिस पैमाने पर घपलेबाजी हो रहे हैं उसे सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए हैं जिसमें स्कूल भवन ढहाने से लेकर केश पेमेंट की लंबी दस्तान है। बताया जाता है कि इस सबकी शिकायत शिक्षा मंत्री से लेकर राज्यपाल तक की जाती रही है लेकिन नामालूम कारणों से कार्रवाई टलते रही है। बहरहाल दंतेवाड़ा शिक्षा और शिक्षामंत्री बृजमोहन अग्रवाल इन मामलों में चर्चा में है देखना है मुख्यमंत्री इस मामले में क्या करते हैं?