बुधवार, 30 अक्तूबर 2013

आदिवासी हो या अग्रवाल सब हुए है माला-माल


सालों से सत्ता संभालने वाले पीछे छुटे


विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व लाख दावा करे कि छत्तीसगढ़ की सरकार भ्रष्टाचार से दूर रही है और उनके नेता राजनैतिक सुचिता का पालन करते हुए सादगी के साथ जनसेवा में लगे हैं। लेकिन पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री ीााजपाई मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में कई गुणा वृद्धि साफ चुगली कर रही है कि हकीकत क्या है? और जनता भी समझ चुकी है।
छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन फार्म भरने का दौर अंतिम चरण में है और चुनाव आयोग के कड़े निर्देश के बादी प्रत्येक प्रत्याशियों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी पड़ रही है। संपत्ति की घोषणा से जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं व न केवल आश्चर्यजनक हे बल्कि आम आदमी को हैसान कर देने वाला है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार की संपत्ति 6 गुना तक बढ़ गई है। वो इसी तरह की बढ़ोतरी लता उसेण्डी, केदार कश्यप से लेकर प्रेमप्रकाश पाण्डे जैसे नेताओं की भी कई-कई गुणा बढ़ी है। रमन राज के प्राय: सभी मंत्रियों और दिग्गज भाजपाईयों की संपत्ति में हुई कई-कई गुणा वृद्धि किसी जादुई नुस्खे से कम नहीं है।
प्रत्याशियों की संपत्ति के मामले में कांग्रेस नेताओं की संपत्ति इस पैमाने पर नहीं बढ़ी। आखिर लंबे समय तक सत्ता सुख भोगने वाले कांग्रेसियों के मुकाबले भाजपाईयों की संपत्ति इस पैमाने पर क्यों और कैसे बढ़ गये यह जन चर्चा का विषय है। जबकि भाजपा नेता स्वयं को सादगी के साथ जन सेवा और भ्रष्टाचार विरोधी बताते नहीं थकते।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की संपत्ति बढऩे को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह तक ने सवाल उठाये थे लेकिन डॉक्टर साह बने यह कहकर सवाल को टाल दिया कि दिग्विजय सिंह तो बोलते ही रहते हैं लेकिन अब यह सवाल जनमानस में तैरने लगा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय को संपत्ति में हुए अप्रत्याशित इजाफे पर तो स्वाभिमान मंच ने भी बवाल खड़ा कर दिया है। प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अमर अग्रवाल, गौरीशंकर अग्रवाल, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत सहित कई गैर छत्तीसगढिय़ा नेताओं की संपत्ति में अप्रत्याशित बढ़त को लेकर स्वाभिमान मंच ने हमले भी तेज कर दिये हैं। हालांकि कई-कई गुणा संपत्ति बढ़ाने के मामले में भाजपा के आदिवासी मंत्री भी पीछे नहीं है। केदार कश्यप, विक्रम उसेण्डी, सुश्री लता उसेण्डी जैसे आदिवासी मंत्रियों की संपत्ति में ईजाफा भी जादुइ्र ढंग से हुई है।
कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते नहीं थकने वाली भाजपा के नेताओं के सत्ता में आते ही संपत्ति अर्जन की गति पर अब तो दूसरों के पाप गिनाने से स्वयं के पाप नहीं धुलने की कहावत की चर्चा है।
सूत्रों की माने तो भाजपा सरकार यानी रमन सरकार के मंत्रियों व विधायकों की बढ़ती संपत्ति का मामला भी चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है और विरोधी दल इसे सीधे भ्रष्टाचार से जोडऩे लगा है जो आने वाले दिनों में भाजपा के विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व लाख दावा करे कि छत्तीसगढ़ की सरकार भ्रष्टाचार से दूर रही है और उनके नेता राजनैतिक सुचिता का पालन करते हुए सादगी के साथ जनसेवा में लगे हैं। लेकिन पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री ीााजपाई मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों में कई गुणा वृद्धि साफ चुगली कर रही है कि हकीकत क्या है? और जनता भी समझ चुकी है।
छत्तीसगढ़ में हो रहे विधानसभा चुनाव को लेकर नामांकन फार्म भरने का दौर अंतिम चरण में है और चुनाव आयोग के कड़े निर्देश के बादी प्रत्येक प्रत्याशियों को अपनी संपत्ति की घोषणा करनी पड़ रही है। संपत्ति की घोषणा से जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं व न केवल आश्चर्यजनक हे बल्कि आम आदमी को हैसान कर देने वाला है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और उनके परिवार की संपत्ति 6 गुना तक बढ़ गई है। वो इसी तरह की बढ़ोतरी लता उसेण्डी, केदार कश्यप से लेकर प्रेमप्रकाश पाण्डे जैसे नेताओं की भी कई-कई गुणा बढ़ी है। रमन राज के प्राय: सभी मंत्रियों और दिग्गज भाजपाईयों की संपत्ति में हुई कई-कई गुणा वृद्धि किसी जादुई नुस्खे से कम नहीं है।
प्रत्याशियों की संपत्ति के मामले में कांग्रेस नेताओं की संपत्ति इस पैमाने पर नहीं बढ़ी। आखिर लंबे समय तक सत्ता सुख भोगने वाले कांग्रेसियों के मुकाबले भाजपाईयों की संपत्ति इस पैमाने पर क्यों और कैसे बढ़ गये यह जन चर्चा का विषय है। जबकि भाजपा नेता स्वयं को सादगी के साथ जन सेवा और भ्रष्टाचार विरोधी बताते नहीं थकते।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की संपत्ति बढऩे को लेकर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह तक ने सवाल उठाये थे लेकिन डॉक्टर साह बने यह कहकर सवाल को टाल दिया कि दिग्विजय सिंह तो बोलते ही रहते हैं लेकिन अब यह सवाल जनमानस में तैरने लगा है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय को संपत्ति में हुए अप्रत्याशित इजाफे पर तो स्वाभिमान मंच ने भी बवाल खड़ा कर दिया है। प्रेमप्रकाश पाण्डेय, अमर अग्रवाल, गौरीशंकर अग्रवाल, सहित कई गैर छत्तीसगढिय़ा नेताओं की संपत्ति में अप्रत्याशित बढ़त को लेकर स्वाभिमान मंच ने हमले भी तेज कर दिये हैं। हालांकि कई-कई गुणा संपत्ति बढ़ाने के मामले में भाजपा के आदिवासी मंत्री भी पीछे नहीं है। केदार कश्यप, विक्रम उसेण्डी, सुश्री लता उसेण्डी जैसे आदिवासी मंत्रियों की संपत्ति में ईजाफा भी जादुइ्र ढंग से हुई है।
कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते नहीं थकने वाली भाजपा के नेताओं के सत्ता में आते ही संपत्ति अर्जन की गति पर अब तो दूसरों के पाप गिनाने से स्वयं के पाप नहीं धुलने की कहावत की चर्चा है।
सूत्रों की माने तो भाजपा सरकार यानी रमन सरकार के मंत्रियों व विधायकों की बढ़ती संपत्ति का मामला भी चुनावी मुद्दा बनता जा रहा है और विरोधी दल इसे सीधे भ्रष्टाचार से जोडऩे लगा है जो आने वाले दिनों में भाजपा के लिए खतरनाक है।
बहरहाल मुख्यमंत्री सहित भाजपाई मंत्रियों की बढ़ती संपत्ति पर जनचर्चा तेज होने लगी है अब देखना है कि इसका जवाब भाजपा कैसे देती है या जनता जवाब तैयार करेगी।लिए खतरनाक है।
बहरहाल मुख्यमंत्री सहित भाजपाई मंत्रियों की बढ़ती संपत्ति पर जनचर्चा तेज होने लगी है अब देखना है कि इसका जवाब भाजपा कैसे देती है या जनता जवाब तैयार करेगी।