शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

रमन का अगला शिकार बैस


मुख्यमंत्री के दावेदार निपट रहे हैं पर एक-एक करके

विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। छत्तीसगढ़ भाजपा में जो कुछ हो रहा है वैसा पहले कभी राजनीति में नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर मुख्यमंत्री के दावेदारों क एक एक कर निपटाने का जो खेल चल रहा है वह हैरान कर देने वाला है। जिसने भी मुख्यमंत्री की दावेदारी की उसे हाशिये में डालने की कोशिश आश्चर्यजनक है। ताराचंद, करूणा शुक्ला के बाद अब अगला शिकार रमेश बैस हो तो अचरज नहीं होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बारे में राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे जीतने सरल सौम्य व सीधे दिखते है वैसा वे है ही नहीं। राजनीति में माहिर रमन सिंह ने जब से मुख्यमंत्री पर संभाला है उनकी अपने प्रतिनिधियों पर नजर रहती है।
पहले कार्यकाल में डॉ. रमन सि ंह के कारनामों का विरोध करने वाले आदिवासी एक्सप्रेस की उन्होंने जिस बखुबी से हवा निकाली वह भले ही राजनैतिक सुझ बुझ कहा जाए लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने विरोधियों के पर कतरने शिवराज सिंह, नंदकुमार साय और ताराचंद साहू को हाशिये पर लाने की कोशिश की शिवराज और नंदकुमार साय को इस कदर हाशिये पर डाला गया कि वे इससे उबर ही नहीं पा रहे है। जबकि स्व. दिलीप सिंह जुदेव ने सार्वजनिक रूप से रमन राज को प्रशासनिक आतंक की संज्ञा दी। स्व. ताराचंद साहू को तो पार्टी छोडऩे पर मजबूर कर दिया और  इसके बाद महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष करूणा शुक्ला इसलिए निशाने पर आये क्योंकि वे भी मुख्यमंत्री की प्रबल दावेदार होने लगी थी।
सूत्रों की माने तो करूणा शुक्ला को एक खेमे ने सांसद बनने से रोकते हुए जमकर भीतर घात किया और नितिन गडकरी के करीबी संचेती बंधुओं के कोल ब्लाक घोटाले में जब वे मुखर हुई उसी दिन से उन्हें हाशिये में डालने की जो कोशिश हुई उससे त्रस्त करूणा शुक्ला को मजबूरन इस्तीफा देना पड़ा।
बताया जाता है कि कुर्र्सी के लिए जो जो नेता खतरा बनकर उभरे उन्हें बाटने की झाजिश को लेकर भाजपा में कई तरह के सवाल उठने लगे है और लोग भाजपा में चल रहे इस खेल को जोगी राज से भी खतरनाक मानने लगे हैं। भाजपा में अब इस बात की चर्चा है कि डॉ. रमन सिंह का अगला शिकार रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद रमेश बैस होंगे? कहा जाता है कि रमन सिंह के खिलाफ जरा भी माहौल बिगड़ा तो रमेश बैस ही मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार है और वे दिल्ली में भी अच्छी पकड़ रखते हैं।
हालांकि कुछ लोग अगला शिकार के रूप में तेजी से उभर रही दुर्ग की सांसद सरोज पाण्डेय को भी बता रहे है और इन दिनों सरोज पाण्डेय को भी हाशिये में डालने की जबदस्त कोशिश हो रही है।
भाजपा में बड़े नेताओं को जिस तरह से हाशिये में डालने की कोशिश हो रही है वह आश्यर्च जनक है और यह खेल नहीं रूका तो आने वाले दिनों में भाजपा को मुसिबत बढ़ सकती है।
बहरहाल डॉ. रमन सिंह के सरल चेहरे के पीछे के सच को लेकर चल रही चर्चा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
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