गुरुवार, 20 जून 2024

मूणत की मलाई पर नजर

 मूणत की मलाई  पर नजर…



हालांकि सभी से यह कहना ठीक नहीं होगा कि बिल्ली के भाग से छींका टूटा,  लेकिन बृजमोहन अग्रवाल यानी मोहन सेठ के इस्तीफ़े से सबसे ज्यादा कोई खुश है तो वह रायपुर पश्चिम के विधायक राजेश मूणत का नाम लिया जा रहा है।

पन्द्रह साल रमन राज में मंत्री रहने माले राजेश मूणत के बारे में कहा जाता है कि 2018 का चुनाव वे अपनी जुबान और अहंकार की वजह से ही हारे थे। और जब 2023 में सत्ता मिली तो उन्हें मंत्री नहीं बनाने के पीछे भी तरह तरह के चर्चे हैं। कथित सीडी कांड के अलावा उन पर डॉ. रमन सिंह के हनु‌मान होने का भी तमगा है। और शायद यही वजह है कि पंद्रह साल मंत्री रहने वाले इस नेता को चुनाव जीतने के बाद भी कुछ नहीं मिला।

हालांकि उनके समर्थक दम भरते रहे कि मंत्रीमंडल के विस्तार में राजेश मूणत का नम्बर सबने उपर हे और अब जब रमन सिंह की नीचे से लेकर उपर तक चलने की चर्चा है तो राजेश मूणत का मंत्री बनना तय मान समर्थक खुशियां भी मना रहे हैं।

कहा जाता है कि के मंत्री बनने के लिए साम दाम का जमकर उपयोग किया ही जा रहा है। मध्यप्रदेश वाला एप्रोच भी लगाया जा रहा है।

चर्चा तो इस बात की भी है कि बृजमोहन अग्रवाल को मोहन सेठ का नाम भूपेश बघेल से पहले किसी और ने नहीं राजेश मूणत ने ही दिया था, और डाक्टर साहब का राजेश मूणत को पंद्रह साल मंत्री बनाये रखने की प्रमुख वजह में से हनुमान के अलावा एक बड़ी वजह सेठ का काट समझा  जाना है।

यानी चर्चा गरम है डाक्टर साहब की जब चल रही है तो राजेश मूणत को मलाई मिलना तय है।

बलौदाबाज़ारकांड-बीजेपी की जाँच समिति क्यों बनी

  आख़िर बीजेपी ने जाँच समिति क्यों बनाई, सत्ता का कैसा खेल 

कांग्रेस की जाँच समिति तो समझ आता है लेकिन सत्ता में बैठी पार्टी का जाँच समिति बनाने का मतलब क्या बीजेपी में विवाद या कोई षड्यंत्र




बलौदाबाज़ार की घटना के बाद क्या सरकार  साँप गुजरने के बाद लकीर पीटने वाली कहावत को चरितार्थ कर रही है । यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि इस मामले को लेकर जहां कांग्रेस हमलावर है वही विष्णुदेव सरकार बैकफ़ुट में आ  गई है और अब सरकार को बचाने बीजेपी सामने ए गई है 

बीजेपी ने जाँच समिति की घोषणा कर दी है जिसे लेकर कांग्रेस ने तो सवाल उठाये ही है , आम लोगो में भी चर्चा गरम है कि क्या बीजेपी को अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं है या यह किसी को बदनाम करने की साज़िश है ।

छत्तीसगढ़ की पहचान हमेशा से शांत जगहों के रूप में होती है, जीयो और जीने दो की संस्कृति से ओतप्रोत छत्तीसगढ़ में यह घटना हर किसी को हैरानी में डालने वाली है।'मनखे मनखे एक समान का संदेश देने वाले सतनाम समाज के   गुरु घासीदास के तपोभूमि क्षेत्र माने जाने वाले बलौदा बाजार जिले में अब तक जो भी घटनाएं हुई हैं उनमें बाहरी तत्वों का हाथ रहा है. यही वजह है कि प्रशासन सतनाम समाज के प्रदर्शन को उस रूप में नहीं लिया और प्रदर्शन के दौरान हिंसक झड़प और आगजनी हो गई.

जानकारी के मुताबिक, अब तक के जांच में ये सामने आया है कि इस घटना के पीछे भी बाहरी तत्वों का हाथ था. दरअसल, पुलिस ने लिखित कथन दिया है कि उत्पात मचाकर तोड़फोड़ और आगजनी भीम आर्मी, भीम रेजिमेंट और भीम कांतीवीर सेना के कार्यकर्ता, पदाधिकारियों ने किया है. 

सतनामी समाज के प्रवर्तक गुरु बाबा गुरु घासीदास की तपोभूमि गिरौधपुरी से लगे महकोनी गांव के अमर गुफा स्थित तीन जैतखाम को असामाजिक तत्वों ने 15-16 मई की रात आरी से कटकर गिरा दिया था. इस घटना की जानकारी पूजा करने वाले पुजारी ने समाज प्रमुखों को दी. जिसके बाद सतनामी समाज के लोग एफआईआर दर्ज कराने गिरौदपुरी पुलिस चौकी पहुंचे.

आरोप है कि घटना को पुलिस बहुत हल्के में लेते हुए एफआईआर दर्ज नहीं की. जैतखाम काटे जाने के कारण सतनामी समाज खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे. यही वजह रही कि समाज के लोग वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिए और देखते ही देखते मामला पूरे राज्य में गया. इसके बाद  इस मामले की शिकायत एसपी से की गई. वहीं उग्र प्रदर्शन की चेतावनी के बाद 17 मई को पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया.एफआईआर में देरी, आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी और पूरी कार्रवाई में पारदर्शिता का अभाव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए. इतना ही नहीं बलौदा बाजार जिले में पुलिस द्वारा अपराधियों को बदले जाने की परंपरा ने इस मामले में भी संदेह पैदा किया. बिहार के जिन तीन मजदूरों को पुलिस सैड कम काटने के मामले में गिरफ्तार किया गया, उन्हें भी कुछ दिनों बाद जमानत मिल गई और वो छूटते ही प्रदेश से गायब हो गए और यही वजह थी सतनामी समाज में विद्रोह पैदा हो गया.

गिरोदपुरी धाम के अमरगुफा के जैतखाम को अज्ञात आरोपी ने 15-16 मई की रात तोड़फोड़ कर जैतखाम को नष्ट करने की कोशिश की. आरोपियों के खिलाफ गिरौदपुरी पुलिस चौकी में आईपीसी की धारा 295 के तहत मामला दर्ज किया गया. वहीं दूसरी ओर जैतखाम को अपमानित किए जाने के मामले में सतनाम समाज के लोगों के भीतर गुस्सा फूट पड़ा. बाबा गुरु घासीदास को मानने वाले तपोभूमि गिरौदपुरी आने वाले श्रद्धालु जैतखाम काटे जाने से अमरपुर की ओर जाने लगे और प्रदर्शन व कार्रवाई की मांग करते हुए पुलिस पर दबाव बनाने लगे।

इधर, पुलिस बढ़ते दबाव के बीच आरोपी की पतासाजी कर रही थी. पुलिस के मुताबिक, जांच के दौरान पता चला कि भोजराम अजगल्ले जो कि ठेकेदारी का काम करता है उसके द्वारा गांव महकोनी में नल जल मिशन के तहत पानी टंकी का निर्माण किया जा रहा था. जिसका ठेका उसने 4.50 लाख में आरोपियों को दिया था. शुरुआत में ठेकेदार ने 1 लाख रुपये ही भुगतान किया गया था, जबकि कार्य 90 फीसदी हो जाने पर भी बाकी रकम का भुगतान नहीं किया जा रहा था.पुलिस के मुताबिक, आरोपियों ने कार्य का भुगतान मांगने पर ठेकेदार ने गाली गलौज दिया था. पुलिस अपने संपूर्ण जांच और विवेचना क्रम में ग्राम महकोनी में नल जल योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण करने वाले 03 आरोपियों को दबोचा. जिनसे कड़ाई से पूछताछ पर तीनों आरोपियों ने अमर गुफा में स्थित जैतखाम को काटना और लोहे के गेट में तोड़फोड़ करना स्वीकार किया.आरोपियों से पूछताछ के दौरान यह बात सामने आई कि सभी आरोपी ग्राम महकोनी में नल जल योजना के तहत पानी टंकी का निर्माण ठेकेदार भोजराम अजगल्ले के माध्यम से ठेका राशि 4.50 लाख में कर रहे थे. जिसका काम लगभग 90 फीसदी पूरा होने के बाद भी भोजराम अजगल्ले ने बकाया राशि आरोपियों को नहीं दिया था. आरोपियों ने बार-बार बकाया रकम मांगा, लेकिन ठेकेदार रकम नहीं दी, जिसके कारण ठेकेदार से नाराज आरोपियों ने अमर गुफा में तोड़फोड़ करने की योजना बना डाली.

योजना के अनुसार, तीनों आरोपियों ने शराब का सेवन कर 15 मई 2024 की रात 11.30 बजे लगभग अपनी बजाज मोटरसाइकिल में बैठकर आरी और अन्य सामान लेकर अमर गुफा गए. तीनों ने गुस्से में आकर सतनामी समाज के प्रतीक जैतखाम को आरी से काट दिया और लोहे के गेट को उखाड़ कर तोड़फोड़ किया।पुलिस ने जांच के दौरान आरोपियों से घटना में प्रयुक्त आरी और मोटरसाइकिल जब्त किया है और तीनों आरोपियों को विधिवत्त गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर उन्हें जेल भेज दिया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बिहार के सहरसा निवासी सल्टू कुमार, पिंटू कुमार और रघुनंदन कुमार हैं जो कि वर्तमान में ग्राम महकोनी पुलिस चौकी गिरौदपुरी में रह रहे थे।

बता दें कि पुलिस की बताई पैसे वाली कहानी से समाज में और गुस्सा बढ़ने लगा और समाज के लोगों ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग करने लगे. पुलिस के द्वारा बताई गई बातों के बाद समाज ने सीबीआई जांच की मांग की.

अमर गुफा के तीन जैतखाम काटे जाने के अलावा पिछले कुछ अरसे और वर्षों में हुए सतनामी समाज से जुड़े मामले से भी समाज में गुस्सा था. बताया जा रहा है कि पूर्व में बिलासपुर के बोडसरा, कबीरधाम व अन्य जिलों में सतनामी समाज संबंधी विभिन्न मुद्दो को लेकर समाज के लोग व्यापक प्रदर्शन की तैयारी की. साथ ही 10 जून को दशहरा मैदान बलौदा बाजार में धरना स्थल के रूप में घोषित कर प्रदर्शन आयोजित किया.

https://youtu.be/YeiXWOoNCW4?si=GyxrkHHpx1Ug7a00