सोमवार, 2 सितंबर 2024

गजब पार्टनरशीप राजनीति में भी…

 गजब पार्टनरशीप 

राजनीति में भी…


ये अलग बात है कि गैर परिवार वाले याने जो परिवार नहीं चला पाते वे राजनीति में परिवार बाद का विरोध करते नहीं थकते, लेकिन इस राजनीति में शामिल लोग मौका मिलते ही अपनी संतानों को राजनै‌तिक लाभ दिलाने में कोई कसर भी नहीं छोड़ते ।

लेकिन छत्तीसगढ़ की राजनीति में पार्टनरशीप का खेल भी गजब है। कारोबार से लेकर राजनीति तक पार्टनरशीप का  ऐसा उदाहरण बहुत कम देखने को मिलेगा। बाक़ी और किस किस मामले में पार्टनरशीप चल रही है इसका खुलासा बाक़ी है।

रियल स्टेट के कारोबार में पार्टनरशीप के बाद अब रिटेल के क्षेत्र में पार्टनरी करने वाले राजीव अग्रवाल और छगनलाल मुंदडा को लेकर इन दिनों पार्टी के भीतर यदि खूब चर्चा चल रही है तो इसकी वजह साय सरकार की वह प्रतिक्षारत लालबत्ती की सूची है जिसमें एक पार्टनर का नाम धड़ल्ले से वायरल हो रहा है,। रमन सरवार में एक पार्टनर छ‌गन‌लाल मुंदड़ा को लालबत्ती भी मिल चुका है। उसे सीएसआईडीसी वा चेयरमेन बनाया गया था। इस बार वायरल सूची के 18 वे नम्बर में इसी पद पर राजीव आवाल का नाम है। भाजपाई चर्चा की बात करें तो दोनों के राजनैतिक जीवन में भी पार्टनर शीप का जबरदस्त समानता देखने को मिल रहा है। यानी दोनों पार्षद चुनाव लड़ चुके हैं। मुंदड़ा एक बार तो राजीव अग्रवाल दो बार । 

लेकिन वार्ड मेबर का चुनाव नहीं जीत पाने वाले इन दोनों पार्टरों का संगठन में भी प्रभाव कम नहीं है। दोनों ही पार्टनर भारतीम जनता पार्टी का रायपुर शहर का जिलाध्यक्ष भी बन चुके है।

दोनों ही विधानसभा का टिकिट मांगते रहे लेकिन मिला नहीं।

लालबत्ती वाले मामले में जो पार्टनरी की कमी अधूरी रह गई है क्या वह भी पूरा होने जा रहा है क्योंकि वायरल सूची तो यही बता रहा है।

दरअसल इस पार्टनरी में अभी छगन भारी पड़ गये है, लालबत्ती के मामले में। ऐसे में वायरल सूची ही असली हुई तो यह भी एक रिकार्ड ही होगा।