मंगलवार, 15 जून 2010

क्या पोल-खोल की धमकी की वजह से हुई बाबूलाल की बहाली

बाबूलाल और डा. प्रमोद पहुंचाते थे सीधे पैसा?
करोड़ों रुपए की अघोषित संपत्ति के आरोप में निलंबित आईएएस बाबूलाल अग्रवाल की बहाली को लेकर आम लोगों में जबरदस्त हैरानी है और कहा जा रहा है कि उनके द्वारा पोल खोल देने की धमकी की वजह से ही उनकी बहाली आनन-फानन में की गई और राजस्व मंडल जैसे न्यायालयीन विभाग में बिठाया गया।
ज्ञात हो कि आयकर विभाग ने आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के घर छापे की कार्रवाई कर करोड़ों रुपए के अघोषित आय की संपत्ति बरामद होने की घोषणा की थी इसके बाद सरकार ने बाबूलाल अग्रवाल को निलंबित किया था वह भी निलंबित नहीं करने को लेकर जब हल्ला मचाया गया। बताया जाता है कि तभी से यह अंदेशा था कि बाबूलाल अग्रवाल यादा दिन निलंबित नहीं रह पाएंगे। हमारे एक भरोसेमंद सूत्रों का तो दावा था कि बाबूलाल के पास कई ऐसे सबूत हैं जिससे सरकार को परेशानी हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र का तो दावा था कि यहां के बाबूलाल और डा. प्रमोद दो ऐसे अधिकारी रहे हैं जो सीधे पैसा पहुंचाते थे। हालांकि इस आरोप की कोई पुष्टि नहीं हुई है लेकिन जिस तरह से आनन-फानन में बाबूलाल अग्रवाल की बहाली हुई है इसके पीछे पोल-खोल की धमकी का परिणाम ही बताया जा रहा है।
दूसरी तरफ शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष इंदरचंद धाड़ीवाल और महामंत्री डॉ. निरंजन हरितवाल ने बाबूलाल अग्रवाल की बहाली पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार गलत और अपराधिक लोगों को संरक्षण दे रही है। अभी ठीक से मामले की जांच भी नहीं हुई है और सरकार ने न केवल बहाली आदेश निकाल दिया बल्कि राजस्व मंडल जैसे न्यायालीन जगह में सदस्य बना दिया। शहर कांग्रेस कमेटी ने बाबूलाल अग्रवाल की बहाली पर बड़ी राशि का लेन-देन होने का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच की मांग भी की है। बहरहाल बाबूलाल अग्रवाल की बहाली को लेकर कई तरह की चर्चा है और इस प्रकरण से सरकार की छवि पर भी असर पड़ा है।