थैलेसीमिया और सिकलसेल से जूझ रहे बच्चों के लिए …
थैलेसीमिया और सिकलसेल से जूझ रहे बच्चों के लिए एक जीवनदायिनी पहल के तहत दो जुलाई को काश फ़ाउंडेशन के द्वारा मुफ़्त में खून उपलब्ध कराने के लिए शिविर लगाया जा रहा है यह आयोजन fafadih रायपुर में आयोजित है।
काश फ़ाउंडेशन के काजल सचदेवा, रोटरी क्वींस की प्रभजीत कौर और दीपेंदर कौर ने बताया कि इससे किसी का जीवन अमृत बन सकता है इसलिए इसे अमृत रक्त नाम दिया है
थैलीसीमिया यह खून से जुड़ी बीमारी है, जिसमें ऑक्सीजन ले जाने वाला प्रोटीन, सामान्य से कम मात्रा में होता है।
थैलेसीमिया एक वंशानुगत रक्त विकार है जिसमें शरीर में सामान्य से कम ऑक्सीजन ले जाने वाले प्रोटीन (हीमोग्लोबिन) और कम लाल रक्त कोशिकाएं होती हैं।
इसमें थकान, कमज़ोरी, पीलापन और धीमी रफ़्तार से विकास जैसे लक्षण शामिल हैं।
हो सकता है कि सामान्य मामलों में इलाज की ज़रूरत ना हो। लेकिन गंभीर मामलों में खून चढ़ाने, या डोनेट की गईं स्टेम कोशिकाओं के प्रत्यारोपण (डोनर स्टेम सेल ट्रांसप्लांट) की ज़रूरत हो सकती है।
इसी तरह से सिकल सेल रोग एक आनुवंशिक विकार है जिसमें लाल रक्त कोशिकाएं हंसिया के आकार में परिवर्तित हो जाती हैं। कोशिकाएं जल्दी मर जाती हैं, जिससे स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाओं (सिकल सेल एनीमिया) की कमी हो जाती है और रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो सकता है जिससे दर्द (सिकल सेल संकट) हो सकता है।
सिकल सेल रोग के लक्षणों में संक्रमण, दर्द, और थकान शामिल है।
इसके इलाज में, दवाएं और शरीर में खून चढ़ाना शामिल है। कभी-कभी बोन-मैरो ट्रांसप्लांट भी किया जाता है।