गुरुवार, 27 मई 2010

मुख्यमंत्री के नाक के नीचे घपलेबाजी , आडिटर ने संवाद की गड़बड़ी खोली

प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह भले ही अपने को कितना ही पाक-साफ बता लें लेकिन उनके अपने ही विभाग संवाद में जिस तरह से करोड़ों रुपए की घपलेबाजी की गई है उसका खुलासा आडिट रिपोर्ट से हो रहा है और अब तो सीधे मुख्यमंत्री पर उंगली उठाई जाने लगी है और कहा जा रहा है कि सरकारी खजाने को लुटने की इस साजिश में डॉ. रमन सिंह भी साथ में हैं।
छत्तीसगढ़ संवाद और जनसंपर्क में लूट खसोट की घटना नई नहीं है संवाद बनते ही जिस तरह से किराये के भवन के नाम पर सरकारी खजानों को लुटा गया वह किसी से छिपा नहीं है तब से आज तक संवाद का प्रभार सुखदेव कुरोटी के पास है कभी विज्ञापन के कमीशन तो कभी प्रचार सामग्री में घपलेबाजी को लेकर चर्च में रहे संवाद में इन दिनों इस बात की भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले अधिकारियों की मिलीभगत से हर साल सरकार को सौ करोड़ से ऊपर का चुना लगाया जा रहा है।
ताजा मामला संवाद के चाटर्ड एकाउण्टेन्ट योति अग्रवाल एंड कंपनी की रिपोर्ट है सूचना के अधिकार के तहत निकाली गई इस रिपोर्ट में सी.ए. ने संवाद में चल रहे गड़बड़ियों का खुलासा किया है। संवाद के फिल्म सेक्शन में ही करोड़ों रुपए की गड़बड़ी की ओर इशारा किया गया है। बिल नम्बर 661 और 874 में नवा अंजोर को ढाई लाख और 15 लाख का भुगतान किया गया है। यह डाकुमेंट्री फिल्म बनाने संजीवनी एग्रो विजन इंटरप्राइजेस को दिया गया जो एक कलेक्टर के साले की बताई जाती है। इस पर सीए ने आपत्ति की है।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में संवाद ने न तो डीएवीपी रेट का ही ध्यान रखा। बताया जाता है कि कलेक्टर की सिफारिश पर ही गई इस कार्य की गुणवत्ता भी खराब रही है और इसे लेकर विवाद भी हो चुका है। सीए ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि जब यह संस्था रजिस्ट्रर्ड ही नहीं था तब इसे किस तरह से इतनी बड़ी राशि का काम दिया गया और भुगतान किया गया।
बताया जाता है कि संवाद में इस घपलेबाजी की चर्चा जोरों पर है और अधिकारियों की मुख्यमंत्री से सेटिंग की बात भी कही जा रही है। बहरहाल संवाद में घपलेबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है और इस लूट-खसोट में उच्च स्तरीय मिलीभगत को लेकर आम लोगों में कई तरह की चर्चा है।

हज कमेटी और वक्फ बोर्ड के पदाधिकारियों की मनमानी

हटाने असंतुष्टो ने खोला मोर्चा
भाजपा के सत्ता में आते ही हज कमेटी, वक्फ बोर्ड, मदरसा बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग का गठन किया गया था लेकिन अब सालों से एक ही पद पर बैठे लोगों की मनमानी को लेकर बगावत शुरू हो गया है और सुन्नी मुस्लिम मंच ने तो इन पदाधिकारियों की मनमानी की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतिन गडकरी और मुख्यमंत्री रमन सिंह से करते हुए इन्हें हटाने की मांग तक कर डाली है।
सूत्रों ने बताया कि सालों से एक ही पद पर बैठे इन पदाधिकारियों की मनमानी से मुस्लिम समाज में रोष व्याप्त है जिसके चलते मुस्लिम समाज को जोड़ने की कार्रवाई तक बाधित हुई है। सुन्नी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के अध्यक्ष नासिर खान कादरी ने तो यहां तक कहा कि जो लोग पदों पर बैठे हैं वे अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं उन्हें समाज की भलाई से कोई लेना देना नहीं है। कादरी ने अपने शिकायत पत्र में यह भी कहा कि उर्दू गर्ल्स हाईस्कूल में पढ़ाई का स्तर ऊंचा उठाने का प्रयास नहीं किया जा रहा है। जबकि हज हाउस के निर्माण नहीं होने के लिए यही सब पदाधिकारी दोषी है।