शनिवार, 9 नवंबर 2013

इहु बने काहत हे उहु बने गोठियात हे...



कांग्रेस ह देश ल बरबाद कर डारीस अऊ भाजपा ह प्रदेश ल बरबाद कर डारीस। याने सब सही होड़ा बाद होगे।
वो दिन बुढ़ा गार्डन म चरचा के इही सार रीहिस। भाजपाई मन ह कहात राहय नई देखत हस गा कांग्रेस ह कइसे देश ल बरबाद करत हावय। सरदार पटेल ह नई रहीतीस त ए देश ह एक होय पातीस। नेहरु अऊ गांधी के बस चलतीस त का का नई कर डारतीन। देख लेवव दिल्ली म बइठे सरकार ह कतका भ्रष्टाचार करत हावय। कोयला घोटाला, टू जी घोटाला अऊ वोट बैंक के राजनीति करत करत आतंकवादी मन ल पंदोली अलग देवत हावय। ए मन ल कुर्सी म बइठाहु त देश ल बेच खाहीं।
भाजपाई मन के गोठ बात ल सुन के रामलाल ह गुसिया गे अऊ केहे लागीस। जादा मत बात कर तुहु मन ल मौका दे रीहिन। का करवे पाकिस्तान ह कारगील ल छोड़ संसद भवन तक घुसर गे रीहिस अऊ आतंकवादी मन ल कंधार तक लेग के छोडिऩ हावय कोयला, पानी, बिजली, खेत, बांध, नदिया-नरवा कुछु बेचे ल बाचे हावय। नक्सली मन ले सेटिंग करथव। कांग्रेसी मन ल मरवा देथव। कलेक्टर ल छोड़वा देथव। तुंहर नेता मन ह भ्रष्टाचार म अतका रमावत हे जानो मानो मरही तभो संग म अपन संपत्ति ल लेके जाही।
तभे रामसिंह ह देखीस के मामला ह बाढ़त हे बीच बचाव करे लागीस - छोड़ न ग तुमन काबर लड़थव। कोनो दुध के धुले नहीं हे। दुनो पार्टी के नेता मन के इही हाल हे। तभे तो वो दिन नरेन्द्र मोदी ह कीहिस के कांग्रेस ह देश ल बरबाद करत हे त राहुल गांधी ह पचास ठन उदाहरण देके बतादीस के भाजपा ह कइसे प्रदेश ल बरबाद करत हावय।
समारु ह वो दिन त कहतेच रीहिस। कोनो ल देश के प्रदेश के चिंता नई हे सब ल सत्ता म कइसे बइठन तेखरे चिंता हे। वो ह हर चुनाव म अइसे कही के फारम ल भरथे फेर के झन वोला वोट देथे। कांग्रेस होय चाहे भाजपा दुनो पार्टी के नेता मन के जमीन जयजाद ल देख लेवव। मनमाने बाढ़त हे। एक दुसर ल गारी देके जनता ल बेंझारत हावयं। इखर मन बर नियम कानून कुछु नई हे। तै मैं गलती से कुछु करबो त फंस जाबो एमन ह कुछु कर डारय इंखर कुछुच नई बिगडय़।
दुनो पार्टी के नेता मन ह अअइसे गोठियाथे जानो मानो इंखर ले ईमानदार कोनो नई हे। तभे त वो दिन ईतवारी ह नई काहत रीहिस जतका चुनाव म मिलथे ले लेवव बाद म कुछु नई मिलय। अपन टुरा ल कमाय बर पढ़ा लिखा के बंबई भेज दे हावय अऊ इहां गरीबी रेखा के कार्ड बना के किंदर-किंदर के मेछरावत रथे। पहिली वो ह कतका हमर राज हमर राज काहत रहाय आजकल जेती पइसा देखथे तेती नाचत रथे। कुछु कबे तहां ले मुच ले हांस देथे अऊ अतके कथे छोड़ न गा जमाना के साथ चलना चाही। न कांग्रेस ह गलत कहीथे न भाजपा ह गलत कथे। जम्मोझन त वइसनेच हे। अपन खुन ल काबर सुखाववं।