बुधवार, 26 मई 2010

सूर्या फाउण्डेशन के बहाने छत्तीसगढ में घुसपैठ, भाजपाई त्रस्त

वैसे तो सत्ता आते ही नए-नए कबूतरों का दिखाई देना नया नहीं है लेकिन छत्तीसगढ़ में सूर्या फाउण्डेशन ने संगठन से लेकर सत्ता तक जिस तरह से घुसपैठ किया है उससे स्थानीय भाजपाई न केवल त्रस्त है बल्कि कभी भी कोई अनहोनी हो जाए तो आश्चर्य नहीं होगा।
कहने को तो सूर्या फाउण्डेशन जे.पी. अग्रवाल की संस्था है लेकिन कहा जाता है कि यह महज दिखावा है। वास्तव में सूर्या फाउण्डेशन प्रदेश भाजपा में ताकतवार माने जाने वाले नेता की करतूत है जिसके सहारे सत्ता और संगठन को काबू में रखने की रणनीति बनाई गई है। सूत्रों ने बताया कि सूर्या फाउण्डेशन ने छत्तीसगढ़ के सभी भाजपा कार्यालयों और मंत्रियों के बंगलों में अपने लोगों को बिठाने के अलावा गांव-गांव में कार्यकर्ताओं की एक ऐसी फौज खड़ी की जा रही है जिससे स्थानीय विधायकों या भाजपा पदाधिकारियों में नकेल कसी जा सके।
राजधानी के ही एकात्म परिसर में तीन-चार युवक सूर्या फाउण्डेशन के हैं और ये सभी दूसरे प्रांतों के हैं। इनके द्वारा सालों से भाजपा कार्यालय में काम कर रहे कार्यकर्ताओं को अपमानित किए जाने की चर्चा से स्थानीय भाजपाईयों में जबरदस्त रोष व्याप्त है। बताया जाता है कि कभी भाजपा कार्यालय में काम की अधिकता की वजह से दोपहर का भोजन खा लेने वाले कार्यकर्ताओं को अब यहां दुत्कारा जाता है और किसे क्या बोला जाना है प्रेस को कैसे बयान जारी किए जाने हैं यह सब भी सूर्या फाउण्डेशन ही तय करता है।
बहरहाल भाजपा में आए सूर्या फाउण्डेशन के जीन से कई लोग भयभीत है और कहा जाता है कि अधिकारों को लेकर इनमें कई बार विवाद भी हो चुका है और यही स्थिति रही तो कभी भी कोई बड़ी घटना हो सकती है।