मंगलवार, 23 नवंबर 2010

कोयले की कमाई ग्लोब में लुटाई

हीरा ग्रुप ने भारत का गलत नक्शा वाला ग्लोब बांटा
महंगे गिफ्ट लेने वालों का नाम सार्वजित हो, सरकार चुप
छत्तीसगढ़ के प्रतिष्ठित उद्योग समूह माने जाने वाले हीरा ग्रुप पर कोल ब्लाक का दाग अभी पूरी तरह से छूट भी नहीं पाया है कि वह एक बार फिर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों व नेताओं-मंत्रियों को भारत का गलत नक्शा वाला ग्लोब बांटने को लेकर विवाद में आ गया है। इस मामले में हीरा ग्रुप की गलती कितनी है यह जांच का विषय तो हो सकता है लेकिन यह बात खुलकर सामने गई है कि बड़े उद्योग किस तरह से अधिकारियों व नेताओं को रिझाने महंगे गिफ्ट देती है। गिफ्ट लेने वाले अफसरों का नाम भी सावर्जनिक होना चाहिए।
छत्तीसगढ़ के इस उद्योग समूह ने दीपावली में छत्तीसगढ़ के नेताओं-मंत्रियों और अधिकारियों को कार्पोरेट गिफ्ट बांटा. इस गिफ्ट में जो ग्लोब बांटे गए उसमें भारत के नक्शे से जम्मू-कश्मीर और अरूणाचल प्रदेश ही गायब हैं। इस मामले को नागरिक संघर्ष समिति के डा. राकेश गुप्ता, अमिताभ दीक्षित, हरचरण जुनेजा और विश्वजीत मित्रा ने उठाते हुए मांग की कि हीरा ग्रुप इस गलती के लिए न केवल सार्वजनिक रूप से माफी मांगे बल्कि गिफ्ट वापस मंगवाकर जयस्तंभ में इसे जला दें। उन्होंने आश्चर्य जताया कि इतने बड़े मामले पर जांच एजेंसी की नजर नहीं पड़ी जबकि निर्माण कंपनी और हीराग्रुप पर भी उन्होंने देश विरोधी इस कार्रवाई के लिए जुर्म दर्ज की मांग सरकार से की। सरकार ने अभी तक इस पर जुर्म दर्ज नहीं किया है।
दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि इस बेशकीमती गिफ्ट हजारों की संघ्या में छत्तीसगढ़ के उन विभागों के अफसरों को बांटी गई है जिनका उद्योग समूह को आये दिन वास्ता पड़ता है। जिनमें बिजली, कोयला, खनिज और उद्योग विभाग के अफसर प्रमुख है। इसके अलावा मंत्री, विधायक व नेताों को भी यह बेशकीमती गिफ्त दी गई है।
कोल ब्लाक मामले में दाग लग चुके इस उद्योग समूह के इस करतूत से यह बात भी स्पष्ट हो गई है कि किस तरह से अपने पक्ष में करने उद्योग समूहों द्वारा गिफ्ट बांटे जाते हैं। क्या इस पर आयकर विभाग भी नजर डालेगा। दूसरीतरफ ऐसे लोगों से गिफ्ट लेना किस तरह उचित है। आम लोगों में इसे लेकर काफी तीखी प्रतिक्रिया है। बहरहाल इस सम्पूर्ण मामले में हीरा ग्रुप को एक बार फिर विवाद में तो लिया ही है प्रदेश के मंत्री और अफसरों पर भी उंगली उठने लगी है।