सबूत के साथ राहुल ने चुनाव पर उठाये सवाल…
देश के नामचीन अखबारों में आज राहुल गांधी के छपे लेख से मोदी सत्ता को कितना फ़र्क़ पड़ेगा कहना मुश्किल है लेकिन जिन चुनावी व्यवस्था को लेकर राहुल ने सबूत के साथ बेईमानी को सामने रखा है क्या जनमानस पर इसका असर
राहुल गांधी ने लिखा यह पांच प्रमुख तरीके हैं जिनसे चुनाव प्रभावित किया जा रहे हैं! पहले उन्होंने लिखा चुनाव आयोग की नियुक्ति को लेकर सरकार ने जो कुछ भी कदम उठाए हैं वह पारदर्शी नहीं है
आप खुद सोचे cji ,प्रधानमंत्री और वि पक्ष का नेता चुनाव आयोग के अधिकारी तय करता था मुख्य चुनाव आयोग के अधिकारी को तय करने के लिए इन तीन सदस्यों की कमेटी थी जो बहुमत से किसी को भी चुनाव आयोग का अध्यक्ष बनाती थी!
लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने संसद में प्रस्ताव पास कर कर अपने बहुमत की ताकत से इस पूरी प्रक्रिया को विवादास्पद बना दिया है उन्होंने आगे लिखा अब मुख्य चुनाव अधिकारी बनने के लिए cji को हटाकर केंद्रीय मंत्रिमंडल के मंत्री को शामिल कर लिया गया है ऐसे में आप खुद सोच सकते हैं एक निष्पक्ष आदमी को हटाकर एक पूर्वाग्रह वाले आदमी को यदि नियुक्ति के लिए आगे करते हैं तो इसका सीधा मतलब है आपका मन साफ नहीं है!
जब दो व्यक्ति एक साथ मिलकर किसी अपने व्यक्ति को या किसी ऐसे व्यक्ति को जिस पर देश का विश्वास नहीं है चुनाव अधिकारी बनना चाहेंगे तो विपक्ष का नेता और उसके विरोध के बावजूद कोई फर्क नहीं पड़ेगा!
सब इसलिए किया गया ताकि चुनाव आयोग पर अप्रत्यक्ष रूप से सरकार का नियंत्रण रह सके ताकि वह अपने हिसाब से चुनाव को मैनेज कर
राहुल गांधी फिर फर्जी वोटो का जिक्र करते हैं उनका कहना है की चुनाव आयोग को अपने हिसाब से मैनेज करने के बाद सरकार चुनाव जीतने के लिए फर्जी वोटो का उपयोग करती है!
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 76 लाख वोट बढ़ाए गए और उन चुनाव क्षेत्र को टारगेट किया गया जहां लोकसभा चुनाव में वह हारी वो!
उन्होंने इस बात के साक्ष्यप दिए की एक ही वाटर नंबर से अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से वाटर दर्ज हैं जिनका उपयोग फर्जी वोटो के लिए किया जाता है!
राहुल गांधी लिखते हैं फर्जी वोटरों के लिए कुछ बूथ भाजपा द्वारा निश्चित कर लिएजाते हैं, उदाहरण के तौर पर महाराष्ट्र में 100000 वाटर केंद्र है लेकिन इसमें से सिर्फ 12000 बूथ का चयन किया गया जहां फर्जी वोटिंग करवाई गई!
ऐसे मतदान केदो पर औसतन 600 वोट फर्जी डालें अब आप सोच सकते हैं 5:00 बजे बाद यह 600 वोट डाले जाएं तो 10 घंटे का समय लगता है प्रति वाटर समय के हिसाब से क्या किसी बूथ पर भी 10 घंटे लाइन रही है!
एक और आश्चर्यजनक बात यह थी बड़े हुए फर्जी वोटरों में नई उम्र के वोटर नहीं थे ज्यादातर उम्र दराज वॉटर थे जो चुनाव आयोग के इस दावे को भी गलत साबित करता है कि यह नए वोटरों में उत्साह की वजह से हुआ है!
नांदेड लोकसभा क्षेत्र इसका एक बेहतरीन उदाहरण है जहां पार्लियामेंट के चुनाव में यूपीए का उम्मीदवार जीत जाता है और वही सारी विधानसभा सीटों पर भाजपा का गठबंधन और वोटो का मार्जिन विधानसभा में इतना ही रहता है जीतने वोट बढ़ाए गए थे!
भारतीय लोकतंत्र में यह बेहद चौंकाने वाला उदाहरण है एक ही मतदाता पर्ची लेकर बूथ में वोट डालने गया और अलग-अलग पार्टियों को वोट डाला और आश्चर्य तो इस बात का था कि उसने स्टेट में देवेंद्र फडणवीस को केंद्र में मोदी जी से ज्यादा प्राथमिकता दी! सवाल था क्या यह संभव है?
इसी तरह कामठी विधानसभा का उदाहरण भी दिया गया जहां लोकसभा में कांग्रेस को 136000 वोट मिले थे और भाजपा नीत गठबंधन को 119000 विधानसभा में यहां 50000के लगभग वोट बढ़ाए गए और जब परिणाम आया विधानसभा का तो कांग्रेस को वोट मिले 134 000 जो पिछले लोकसभा के ही आसपास थे लेकिन भारतीय जनता पार्टी के वोट बढ़ाकर 175000 हो गए जिसमें 50000 वोटो का बहुत योगदान था!
राहुल गांधी ने यह भी आरोप लगाया के चुनाव आयोग द्वारा चुनाव के बाद जानबूझकर बढ़ा हुआ मत प्रतिशत बताया जाता है, 5:00 बजे के बाद जिन बूथों पर
भारी मात्रा में मतदान प्रतिशत बताया जाता है यह सब मैनेज किया हुआ होता है!
राहुल गांधी ने मिसमैच को लेकर भी सवाल उठाए राहुल गांधी का कहना था जब वोटिंग मशीन इतनी परफेक्ट है तो जीतने वोट डाले जाते हैं उससे ज्यादा क्यों गिनती है या कम क्यों
राहुल गांधी ने चुनाव चोरी करने के लिए चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए यह भी कहा चुनाव आयोग द्वारा जवाब नहीं दिया जाता और जो तथ्य पूछे जाते हैं उनको तोड़ मरोड़ कर पेश किया जाता है!
उल्लेखनीय है की वोटिंग लिस्ट के सवाल पर कांग्रेस के तमामतर सवाल जो किए गए थे
चुनाव आयोग ने अभी तक उनका तथ्यात्मक जवाब नहीं दिया है! कुछ मामलों में तो उन्होंने यह कह कर भी पल्ला झाड़ लिया है कि हमारे पास इसका रिकॉर्ड नहीं है!
अपनी शिकायत और सवालों का जवाब न देकर भारतीय लोकतंत्र की जो पारदर्शी पहचान थी उसको भी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा खंडित किया जा रहा है!
राहुल गांधी ने यह भी कहा चुनाव आयोग द्वारा सबूत को नष्ट किया जाता है ताकि उसे साबित नहीं किया जा सके!
क्या आवश्यकता थी वोटिंग मशीनों से डाटा इरेज़ करने की, दिन भर वोटिंग मशीनों में काम आने वाली बैटरी है आखिर क्यों कई दिन बाद भी 100% पाई जाती है जब वोट गिने जाते हैं!
चुनाव आयोग ने हरियाणा के महाराष्ट्र के यहां तक की लोकसभा चुनाव के भी डाटा इरेज़ कर दिए हैं मशीनों से डाटा हटा दिए गए हैं!
सुप्रीम कोर्ट के सख्त निर्देशों के बावजूद भी जब हजारों रुपए जमा कराकर ईवीएम मशीन को री चेक करने की बात की गई तो चुनाव आयोग ने जिन हुए दाताओं को नहीं बताया बल्कि मार्क ड्रिल कर कर मशीन की सत्यता स्थापित करने की कोशिश की जो किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है! हिंदी अंग्रेजी दोनों में छपे इस लेख में राहुल गांधी ने इन पांच बातों से किस तरह चुनाव चोरी किया जाता है इसके बारे में विस्तार से लेख में अपनी बात रखी है !
महाराष्ट्र चुनाव के बाद जन विचार संवाद के पटल पर लगातार क्रमशः धारावाहिक के रूप में मैंने इन चुनाव चोरी पर फीचर लिखे थे और चुनाव व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए थे आज राहुल गांधी जी ने भी इस व्यवस्था को नंगा करने का प्रयास किया है और देश के लोकतंत्र को बचाने के लिए शायद चुनाव की पारदर्शिता बेहद जरूरी है!
आखिर भारतीय जनता पार्टी और उसके समर्थक पारदर्शी चुनाव व्यवस्था के इ तने खिलाफ क्यों हैं?पारदर्शी चुनाव की बात करते ही वह सबूत की बात करते हैं अरे सबूत तो चुनाव आयोग नष्ट कर रहा है कहां से लाएंगे सुप्रीम कोर्ट के निर्देशो का उल्लंघन हो रहा है सरकार, मुक्त दर्शक बनी हुई है और कानून के हाथ बांध दिए गए हैं क्या यह सब अपने आप में प्रमाण नहीं दाल में कुछ काला है? (साभार)