सोमवार, 29 जुलाई 2024

बिजली दर में वृद्धि में भी अदानी…?

 सरकार का खेल, छोटे उ‌द्योग फेल


छत्तीसगढ़ में एकतरफ अडानी के पावर प्लाट को विस्तार देने कीखबर है तो दूसरी यहाँ के छोटे उद्योगों में संकट गहराता जा रहा है।

क्या इन दोनों खबरों में कोई ताल-मेल है, कहना मुश्किल है लेकिन जिस तरह से अडानी पावर प्लॉट के विस्तार के लिए होने जा रहे जनसुनवाई में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है वह हैरान करने वाला है। तिल्दा क्षेत्र स्थित अदानी पॉवर प्लाट हो या रायगढ़ क्षेत्र का मामला हो। अदानी पॉवर प्लांट के विस्तार को लेकर जन‌सुनवाई में प्रशासन की ताकत के आगे जन विरोध को दबाने की जो खबरे आ रही है वहा कम चौकाने वाला नहीं है। पॉवर प्लोर के विस्तार के लिए किसान अपनी जमीन देने को तैयार नहीं है और क्षेत्र में स्थित सरकारी जमीनों को दे दिये जाने की खबर सुर्खियों में है।

सत्ता बदलते ही जिस तरह से हसदेव से लेकर पॉवर प्लांटों तक  अदानी की योजनाओ के विस्तार की खबरें आ रही है, वह डबल इंजन वाली विष्णु देव साय सरकार की नियत पर सवाल खड़ा  कर रही है। 

तो दूसरी तरफ साय सर‌कार ने  सत्ता में बैठने के 6 माह के भीतर ही बिजली की दरों में जो बढ़ोतरी की है उसे लेकर प्रदेश के उद्योग संघों में नाराजगी की खबर ज़ोर पकड़ने लगी है।

उद्योग संघ ने बिजली दर में वृद्धि के खिलाफ मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा है लेकिन अभी तक इनकी माँगो पर विचार तक नहीं होने की खबर ने उद्योगों के बंद होने में खतरे को बढ़ा दिया है।

खबर यह भी है कि बिजली दर में बढ़ोतरी से परेशान कई उद्योगों ने अन्य विकल्पों पर विचार करना शुरू कर दिया है। स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स, रोलिंग मिल , मिनी स्टील प्लांट से जुड़े उद्योगपतियों में से कई लोग निजी बिजली कंपनियों की ओर रुख़ कर रहे हैं तो कुछ लोग धंधा ही बदल देने की बात कर रहे हैं।

री-रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी का कहना है कि एकाएक बिजली की कीमत बढ़ा देने से लागत तीन सौ से पांच सौ रूपये टन बढ़ गई है। तो मिनी स्टील प्लांट के महासचिव मनीष घुष्पड़ का कहना है कि यह उद्योगों के लिए गंभीर मसला है और उम्मीद है कि सरकार इस पर विचार करेगी।

इधर चर्चा इस बात की भी है कि निजी बिजली कंपनी को फायदा पहुंचाने ही बिजली की दरों में बढ़ोतरी की गई है, क्योंकि इस बढ़े दर से उद्योगों को बिजली करीब 7.60 रुपये प्रति मिल रही है और निजी कंपनी से ख़रीदने पर यह 6 रुपये पड़ेगी।

निजी कपनी को लेकर जब हमारी टीम ने पड्‌‌ताल की तो बताया गया कि अदानी से बिजली ख़रीदना सस्ता पड़े‌गा । यानी अदानी से बिजली खरीदने पर 6 रुपये प्रति यूनिट पड़े‌गा।

ऐसे में सवाल यही है अदानी को फायदा पहुंचाने कि क्या यह  कोई नया खेल है।

इधर बड़े हुए बिजली के दामों को लेकर युवा कांग्रेस ने बूढ़ा तालाब पर बने बिजली दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया ।प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने बिजली बिल जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया. प्रदर्शन के दौरान युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आकाश शर्मा ने कहा कि '' प्रदेश की जनता बढ़े हुए बिजली के दामों से परेशान है. कांग्रेस की सरकार ने पूर्व में बिजली बिल हॉफ कर दिया था. जब बीजेपी की सरकार आई तो उसने बिजली बिल में लंबा चौड़ा इजाफा कर दिया.''कंपनी मालिकों ने शटडाउन का ऐलान किया है उसका समर्थन कांग्रेस ने किया है. जिला कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश दुबे ने कहा कि ''प्रदेश में जब तक भूपेश बघेल की सरकार रही है तब उद्योग नीति लाया गया था, उसके तहत 5 साल उद्योग फला फूला और यहां के उद्योगों ने बहुत अच्छा काम किया. पूर्व की सरकार में छत्तीसगढ़ की जीडीपी बढ़ी लेकिन 6 माह में ऐसा क्या हो गया कि इन उद्योगों को बंद कराने पर ये सरकार आमादा हो गई है.''

राहुल ने सुना दिया चक्रव्यूह…

 अदानी-अंबानी का जिक्र क्यों बर्दाश्त नहीं  कर पाती बीजेपी...


राहुल गांधी ने एक बार फिर मोदी सत्ता के दुखती  नस पर हाथ रख दिया। महाभारत के चक्रव्यूह को लेकर जैसे ही राहुल गांधी ने अदानी-अंबानी का जिक्र किया वैसे ही पूरा सदन शोर-शराबे में डूब गया। राहुल ने यहा तक कह दिया कि यदि अदानी अंबानी का नाम सदन में नहीं ले सकते तो कोई ऑप्शन दें। इस नामों का।

दरअसल बजट भाषण में राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार अपने 6 लोगों के साथ मिलकर जो चक्रव्यूह रचा है उसने किसान, मजदूर, मीडिल क्लास, छोटे उद्योगों को अभिमन्यु  की तरह फँसा  दिया है।


राहुल गांधी ने अग्निवीर को लेकर भी मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बजट में इसका ज़िक्र नहीं है।राहुल गांधी ने देश में डर के माहौल की बात कही। राहुल गांधी ने महाभारत के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने चक्रव्यूह का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा कि चक्रव्यूह को 6 लोग कंट्रोल कर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि चक्रव्यूह में देश को फंसाया गया है। राहुल गांधी ने भाषण के दौरान सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कहा कि डरो मत, डराओ मत।


'मंत्री, किसान, वोटर सब डरे हैं'

राहुल गांधी ने कहा कि आज मंत्री, किसान, वोटर, वर्कर सभी डरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बारे में मैंने काफी सोचा और एक जवाब मैं प्रस्तावित करता हूं। हजारों साल पहले हरियाणा में कुरुक्षेत्र में एक युवा अभिमन्यु को 6 लोगों ने चक्रव्यूह में मारा था। फंसाकर मारा था। चक्रव्यूह के अंदर डर होता है, हिंसा होती है, और अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसाकार मारा। राहुल ने कहा कि मैंने चक्रव्यूह के बारे में तोड़ी रिसर्च की, पता लगा कि उसका दूसरा नम पद्म व्यूह वो लोटस के शेप में होता है। 21वीं सदी में सर एक नया चक्रव्यूह तैयार हुआ है। वो भी लोट्स की शेप में है, उनका चिह्न पीएम अपनी छाती पर लगाकर चलते हैं। यही चक्रव्यूह किसान, मीडियम साइज बिजनेस के साथ हो रहा है, द्रोण, कृतवर्मा, शकुनी, कृपाचार्य, अश्वस्थामा, आज भी चक्रव्यूह के बीज में है 6 लोग हैं।


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संपत्ति के हक पर सवाल

राहुल गांधी ने कहा कि किसी एक शख्स को देश की पूरी संपत्ति का हक रखने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि वित्तीय शक्ति, संस्थान, एजेंसी, सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और तीसरा राजनीतिक कार्यकारी इस चक्रव्यूह का हार्ट है। राहुल ने कहा कि मेरी उम्मीद है थी कि इस बजट में इस चक्रव्यूह को कमजोर करेगा। किसान, मजदूर की मदद करने वाला होगा। इसकी नीयत जो है वो है बिग बिजनेस, राजनीतिक मोनोपली को मजबूत करने वाला है, एजेंसी को मजबूत करने वाला है।कुर्सी बचाओ बजट, सरकार बचाओ योजना... पढ़िए बजट को लेकर विपक्ष के नेताओं के रिएक्शन राहुल गांधी ने नोटबंदी, जीएसटी और टैक्स टेररिज्म के जरिए हमला किया गया। इसको रोकने के लिए बजट में आपने कुछ नहीं किया है। ये जो आपकी नीतियां है जो कोविड के समय बड़े बिजनेस की मदद की और छोटी बिजनेस को खत्म किया, उसके कारण आज देश के युवा को रोजगार नहीं मिल सकता है। एक युवा को रोजगार नहीं मिल सकते हैं।

पेपर लीक की हकीकत राहुल गांधी और अखिलेश, दोनों की मुश्किलें... शिक्षा मंत्री ने किस बात पर किया राहुल गांधी ने कहा कि बजट में आपने इंटर्नशिप प्रोग्राम है। आपने कहा कि सबसे बड़ी 5 कंपनियों में होगा। 99 फीसदी युवा को इस इंटर्नशिप प्रोग्राम से कोई लेना देना नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मेन मुद्दा आज युवाओं का परीक्षा में पेपर लीक है। जहां भी हम जाते हैं वो कहते हैं बेरोजगारी है लेकिन पेपर लीक भी होता है। 10 साल में 70 बार हुआ है पेपर लीक।