शुक्रवार, 9 जुलाई 2010

डॉ रमन की मां की तस्वीर वाली हनुमान चालीसा भी वितरित...

पैसे व पद वाले ही करते हैं धर्म का अनादर
इतिहास गवाह है कि हिन्दू धर्म का अपमान जितना दूसरे धर्म के लोगों ने नहीं किया उससे यादा वे हिन्दू जो धनाडय व सत्ता मद में बैठे हैं, ने हिन्दूत्व का अपमान किया है। गीता के बाद हनुमान चालीसा में भी लोग अपने परिजनों का तस्वीर लगाकर बांट रहे हैं और यह काम प्रदेश के मुखिया डॉ. रमन सिंह के द्वारा भी किए जाने की खबर है।
श्री भागवत गीता में स्व. ठाकुर विघ्नहरण सिंह की तस्वीर लगाकर इसे वितरित किए जाने पर धर्मग्रंथ का अपमान बताया जा रहा है और राजधानी ही नहीं बाहर के भी पुजारियों ने इस तरह के कृत्य को पाप माना है। श्री गीता की खबर छपते ही हमें लोगों ने हनुमान चालीसा लाकर दी जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मां स्व. श्रीमती सुधा देवी सिंह की तस्वीर लगाई गई थी। इस हनुमान चालीसा को हमें देने वालों का दावा है कि श्री गीता में तस्वीर लगाने की बात तो कई लोगों को पता है लेकिन हनुमान चालीसा में इस तरह से तस्वीर लगाकर वितरित करने का यह पहला मामला है।
वैसे धर्म के मान्य परंपरा के अनुसार एक समय था जब श्री हनुमान जी के मंदिर में महिलाएं प्रवेश करने से हिचकिचाती थी और आज भी इस देश में कई ऐसे मंदिर हैं जहां महिलाओं का प्रवेश वर्जित है। हालांकि हनुमान चालीसा आयोजन समिति ने महिलाओं के हनुमान चालीसा पाठ पर प्रतिबंध को गलत बताया है। समिति का कहना है कि शास्त्रों में कहीं उल्लेख नहीं है इसलिए महिलाएं श्री हनुमान मंदिर में प्रवेश कर सकती हैं।
दूसरी तरफ धर्मग्रंथों को लेकर कई तरह के सवाल उठने लगे हैं और यह चर्चा का विषय है कि धर्म ग्रंथों का उपयोग आदमी अपने लिए किस तरह से कर सकता है। वर्तमान पीढ़ी में धर्मग्रंथों पर तस्वीर लगाने को लेकर पूरे देश में बहस किए जाने की जरूरत भी बताई जा रही है और इसी तरह से तस्वीर लगाकर धर्मग्रंथ वितरित किए जाने लगे तो धर्मग्रंथ के महत्व को लेकर भी बहस छिड़ सकती है। केवल हिन्दू धर्म ग्रंथों में ही इस तरह की छेड़छाड़ होने लगी है वह भी उन हिन्दूओं द्वारा जो या तो पैसे वाले हैं या उच्च पदों पर बैठे हैं। ऐसे में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि इस तरह के कार्य कितने उचित है।
हालांकि इस तरह के मामले में हिन्दू संगठनों की खामोशी आश्चर्यजनक है और अब तो उनके नियत पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या वे सिर्फ राजनैतिक फायदे के लिए हिन्दूत्व का इस्तेमाल करते हैं।

कहां हो मिस्टर मूणत...! फिर अवैध प्लांटिग हो रही है

मार्स कालोनाईजर का कारनामा!
अवैध प्लाटिंग के खिलाफ अभियान छेड़कर चर्चा में रहे नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत के नाक के नीचे बकायदा विज्ञापन निकालकर मास कालोनाईजर प्राईवेट लिमिटेड ने न केवल लोगों को धोखे में रखकर प्लाट बेच दी बल्कि उपर तक पैसा पहुंचाने का दावा करते शहर में घूम भी रहे हैं।
राजधानी के आसपास की जमीनों पर अवैध प्लाटिंग को लेकर राजेश मूणत ने न केवल अभियान चलाया था बल्कि कई परिवारों को छले जाने से भी बचाया था लेकिन कमल विहार योजना और गंज डबरी में मॉल बनाने के फेर में लगी सरकार की उदासीनता को लेकर फिर कई कालोनाईजरों ने अपने पैर पसारना शुरू कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक ताजा मामला मास कालोईनजर चला रहे आहूजा बंधुओं का है। मुजगहन में फेस टू बनाने के फेर में लगे आहूजा बंधुओं ने यहां बगैर ले आऊट पास किए साढ़े चार सौ रुपए फीट में प्लाट बेच दी वह भी बकायदा विज्ञापन निकालकर। प्लाट बेचने के मामले में ग्राहकों से धोखाधड़ी की चर्चा अब आम होने लगी है और प्लाट खरीदने वाले अब पछताने भी लगे हैं। यही नहीं टाउन एंड कंट्री प्लानिंग से प्लाट स्वीकृत कराने भी घपलेबाजी की खबर है।
बताया जाता है कि इसकी शिकायत नगरीय निकाय मंत्री राजेश मूणत से भी की गई है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। हालांकि हमने इस मामले में सौदेबाजी की सच्चाई जानने मंत्री जी से फोन पर चर्चा करना चाहा लेकिन वे उपलब्ध नहीं थे। बहरहाल प्लेनेट सीटी के नाम पर लोगों को छले जाने और नगरीय निकाय मंत्री की भूमिका को लेकर कई तरह की चर्चा है और देखना है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है।