गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

छत्तीसगढ़ के डेढ़ दर्जन आईएएस निकम्में व भ्रष्ट...


छत्तीसगढ़ के डेढ़ दर्जन आईएएस अफ़सर या तो निकम्मे हैं या भ्रष्ट हैं और इन्हें रमन सरकार ने केवल संरक्षण दे रखा है बल्कि महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दे रखी है। कहा जाता है कि इन भ्रष्ट व निकम्मे अफ़सरों के खिलाफ़ कार्यवाई की बजाए रमन सरकार पूरी भाजपा का ही भ_ा बिठाने में लगी है। इन अफ़सरों की करतूत से न केवल छत्तीसगढ़ के विकास पर असर पड़ा है। बल्कि सरकारी खजाने का एक बड़ा हिस्सा भी इनकी जेब में चला गया है। यही नहीं अफ़सरों की करतूत की वजह से सरकार की साख पर भी धब्बा लग रहा है।
छत्तीसगढ़ की रमन सरकार के संरक्षण में निकम्मे एवं भ्रष्ट अफ़सरों के फ़लने फ़ूलने का सच किसी और ने नहीं वरन मुख्य सचिव सुनील कुमार की अध्यक्षता में गठित रिव्यू कमेटी ने उजागर किया है।
रिव्यू कमेटी ने 31 जनवरी को अपनी बैठक के बाद 25 साल की सेवा कर चुके आईएएस अफ़सरों के कार्यों की जांच कर रिपोर्ट तैयार की है। हालांकि केन्द्रीय कार्मिक विभाग के अफ़सरों के नहीं आने की वजह से सूची पर मुहर नहीं लग पाई। लेकिन सूत्रों का कहना है कि सुनील कुमार की अध्यक्षता वाली कमेटी ने 19 नाम तय किए हैं जो नौकरी में रखने लायक नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि रिव्यू कमेंटी की रिपोर्ट के बाद न केवल आइएएस अफ़सरों बल्कि सरकार में भी हड़कम्प मचा हुआ है। एक तरफ़ सरकार के कई मंत्री ऐसे अफ़सरों को हटाकर सरकार की छवि सुधारने की बातें कर रहे हैं तो वहीं यह भी कहा जा रहा है कि सीएम इन्हे हटा कर कोई बखेड़ा खड़ा करना नहीं चाहते। हालांकि चर्चा इस बात की भी है कि भ्रष्ट अफ़सरों ने मुख्यमंत्री पर कार्यवाई नहीं करने का दबाव बना दिया है। ऐसे में रिव्यू कमेटी की रिपोर्ट को रद्दी की टोकरी में डाला जा सकता है।
हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों ने बताया है कि आइएएस अफ़सरों की कमी झेल रही सरकार के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कई अफ़सरों का सीधे सरकार में बैठे लोगों से संबंध है और ऐसे में कार्यवाई के खिलाफ़ अफ़सरों ने मुंह खोल दिया तो सरकार को इस चुनावी साल में लेने के देने पड़ सकते हैं।
बहरहाल निकम्मे एवं भ्रष्ट अफ़सरों के खिलाफ़ कार्यवाई कर चुनावी साल में छवि सुधारने की कवायद में लगी रमन सरकार का रुख क्या होगा यह बाद में पता चलेगा।
19 अफ़सरों की सूची तैयार
हमारे बेहद भरोसेमंद सूत्रों ने राज्य के भ्रष्ट व निकम्मे 19 आईएएस अफ़सरों के नाम बताते हुए कहा कि सूची को लेकर विवाद इसलिए भी है क्योंकि सुनील कुमार की अध्यक्षता वाली इस टीम में मालिक मकबूजा कांड के आरोपी नारायण सिंह की सवालों के घेरे में है। जबकि सूची में दो सीनियर अफ़सरों के अलावा, प्रिंसिपल सेक्रेटरी के नाम भी शामिल है। इनमें से एक के खिलाफ़ डीई तक चल रही है। जबकि मालिक मकबूजा से लेकर बारदाना और चिकित्सा उपरकरण की खरीदी के अलावा कई घोटालेबाज चर्चित अफ़सरों के नाम सूची में शामिल हैं। रिव्यू कमेटी के सदस्य के मुताबिक इन अफ़सरों की करतूतों की वजह से बाकी अफ़सर बदनामी झेल रहे हैं। इसलिए कार्यवाई जल्द होनी चाहिए।