शुक्रवार, 20 अप्रैल 2012

रोम का जलना...


कहते हैं कि जब रोम जल रहा था। तब वहां का सम्राट चैन से बंशी बजा रहा था। यह किस्सा एक दूसरे परिवेश में छत्तीसगढ़ में चल रहा हैं। गांव वालों की हालात खराब हैं। आम आदमी को उनकी मूलभत सुविधा नहीं मिल पा रही हैं। गरीबी और विकास से कोसो दूर आम लोग अपनी तकलीफ पर ठीक से रो भी नहीं पा रहे हैं। और प्रदेश का राजा डॉ. रमन सिंह को यह सब एन्जॉयमेंट का साधन नजर आ रहा हैं। वे खूब एन्जॉय कर रहे हैं। और उन्हें नयी-नयी मांगे भी सुनने को मिल रही हैं।
सात-आठ साल के शासन में राजा साहब को कभी इस तरह की मांगे नहीं सुनाई पड़ी। इसलिए उन्हें यह सब मजा आ रहा हैं। और यह सच भी है कि राजा को तभी मजा आयेगा जब लोग उससे कुछ मांगेंगे। उनकी तारीफ में कसीदे गढ़े जायेंगे। पहले जमाने में भी यही होता रहा हैं। राजा अपने महल में अपने कुुनबे के साथ मदमस्त होते थे। और एन्जॉयमेंट के लिए जब निकलते थे तब गरीबों को देखकर मजा आता था। वे इनमें अपना मनोरंजन ढूंढते थे और कभी कुछ कोई मांगते तभी देते थे। 
मैने ग्राम सुराज की मांगो,शिकायतों व आवेदनों को देखा हैं। मुझे अपनी बुध्दि पर तरस आता हैं कि इनमें से कोइ भी मांगे मुुझे नई क्यों नहीं लगी। सड़क, बिजली, पानी, स्कुल, अस्पताल व पुल-पुलिया यही सब तो मांग रहे हैं। और नौकरशाहों की करतूूतोंं व जनप्रतिनिधियों की दादागिरी में नयापन कुछ भी नहीं हैं। लेकिन राजा ने कहा है तो उनके लिए नया ही होगा?
ग्राम सुराज के दो दिन में राजा को सब कुछ अच्छा लगा। गरीबी और अभाव में जीते लोगों को देखना और इस दौरे को अच्छा बताना राजा के लिए ही संभव हैं। क्योकि यदि लोग अभाव व गरीबी में नहीं होंगे तो राजा से क्यों मांगेंगे।
छत्तीसगढ़ का यह दुर्भाग्य है कि अलग राज बनने के बाद भी यहां के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। चिकित्सा के अभाव में लोग मर रहे हैं। पानी-बिजली शिक्षा जैसी जरूरी चीजे उन्हें मिल नहीं रही हैं। और सरकार में बैठे लोग पैैसों की लालच में आँखे बंद किये बैठे हैं। हालत बदतर होते जा रहीं हैं। खेती की जमीनों का उद्योगों को बंदरबार किया जा रहा हैं। खनिज संपदा का भरपूर दोहन हो रहा हैं। जंगल बेतहाशा काटे जा रहे हैं। कानुन व्यवस्था की हालत चिंताजनक हैं। लेकिन राजा को एन्जॉय करना हैं। इसलिए वह ग्राम सुराज चला रहे हैं।
पहले के  जमाने में भी यही सब होता था राजपाट से छुट्टी के लिए आखेट मेें निकल जाता था। तंबूओं में रहते थे। लेकिन सभी सुविधाओं के बाद कुछ भी नहीं बदला है तो सिर्फ तरीका। राजाओं का राजा की तरह ही होगा।