बुधवार, 6 नवंबर 2013

गडकरी की सभा को लेकर कई भाजपाई नाराज


कोल ब्लाक का मामला गरमाने का खतरा....
विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। प्रदेश भाजपा में अपने पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी की सभा को लेकर विवाद होने की खबर है। इस चुनावी समय में गडकरी जैसे विवादास्पद नेता की सभा को लेकर न केवल भाजपाईयों में नाराजगी है बल्कि इसे विनाश काले विपरीत बुद्धि की संज्ञा भी देने लगे हैं।
छत्तीसगढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार-प्रसार के लिए जिन राष्ट्रीय नेताओं को छत्तीसगढ़ बुलाया है उनमें पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी भी शामिल है और इस नाम को लेकर कई नेताओं ने न केवल आश्चर्य जताया है बल्कि नाराजगी भी व्यक्त किये जाने की चर्चा है।
ज्ञात हो कि नितिन गडकरी को संघ का पसंदीदा नेता माना जाता है और उन्हें राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये रखने संघ के दबाव के चलते भाजपा के संविधान तक में संशोधन किये जाने की चर्चा रही है।
सूत्रों की माने तो नितिन गडकरी को लेकर  डॉ. रमन सिंह की नजदीकियों को लेकर भी कई तरह की चचा्र है। कैग ने भटगांव कोल ब्लॉक आबंटन को लेकर रमन सरकार पर उंगली उठाई हे। इस कोल ब्लॉक का ठेका लेने वाले संचेती ब्रदर्स का नितिन गडकरी से संबंध रहा है। कांग्रेस ने तो इस मामले में डॉ. रमन सिंह पर गंभीर आरोप लगाये हैं और कहा जाता है कि डॉ. रमन सिंह ने अपने तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष को खुश करने संचेती ब्रदर्स को भटगांव कोल ब्लॉक उपहार में दिया था। इतना ही नहीं इस आबंटन से छत्तीसगढ़ को एक हजार 52 करोड़ का घाटा कैग ने बताया है। जबकि 49 प्रतिशत शेयर होने के बाद भी कंपनी को एमडी का पद दे दिया गया था।
ज्ञात हो कि इस मामले के बाद नितिन गडकरी की कंपनी की कई घोटाले उजागर हुए थे। आप पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल के खुलासे के बाद नितिन गडकरी को पार्टी अध्यक्ष का पद तक खोना पड़ा था।
घपले-घोटाले को लेकर चर्चित नितिन गडकरी को चुनाव के दौरान सभा के लिए बुलाने को लेकर भाजपा में विवाद तो बनी है लेकिन इसे हवा नहीं दी जा रही है। बल्कि विरोध के स्वर को अनुशासन के डंडे से हकाला जा रहा है।
इधर कांग्रेस ने भी नितिन गड़करी को बुलाये जाने को लेकर डॉ. रमन सिंह पर तीखा हमला करते हुए यहां तक कह दिया है कि इससे भाजपा का छत्तीसगढ़ के प्रति रवैया क्या है रमन सिंह किस तरह का छत्तीसगढ़ चाहते हैं यह स्पष्ट होने लगा है।
बहरहाल नितिन गडकरी की सभा को लेकर भाजपा फंसते नजर आ रही है अब देखना है कि नितिन की सभा के बाद क्या कुछ होता है।