रविवार, 28 जुलाई 2024

बाबा की बोलती बंद...

 बाबा की बोलती बंद... 


प्रदेश कांग्रेस के कद्‌दावर नेताओं में शुमार टी एस सिंहदेव उर्फ बाबा की इन दिनों बोलती बंद है। कहा जाता है कि जिस स्वास्थ विभाग में घपले - घोटाले की विधानसमा में गूंज हुई उसे लेकर कांग्रेसी भी हैरान है कि आख़िरकार बाबा के विभाग में यह सब हो क्या रहा था। कैग की रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ विभाग के जिस मामले की विधानसमा में चर्चा हुई, उससे कांग्रेस की ऐसी फजीहत कभी नहीं हुई थी।

मुख्यमंत्री बनने के लिए दस साल तक धमा चौकड़ी मचाने वाले बाबा की इस स्थिति को लेकर कहा जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद उन्हें पूरी उम्मीद थी कि कांग्रेस जब भी सत्ता में आयेगी वे मुख्यमंत्री बन ही जायेंगे लेकिन सत्ता आते ही जब कई नेता सक्रिय हो गये तो वे भूपेश बघेल के साथ मिलकर ढाई साल मुख्यमंत्री बनने तैयार तो हो गये लेकिन यह होशियारी भी काम नहीं आई और मुख्यमंत्री का पद तो मिला नहीं उल्टे विधायकी भी चली गई।

और विधायकी क्या गई, उनकी सक्रियता भी ढूंढने नहीं मिल रहा है। और कहा जा रहा है कि अब तो उन्हें कांग्रेस की बैठनों में भी नहीं बुलाया जाता।.

उपर से विधानसमा में कैग की रिपोर्ट पर जिस तरह से स्वास्थ विभाग में घपलेबाजी की खबर सामने आई है उससे रही सही हज्जत का भी पलीता लग गया।

भूपेश सरकार के दौरान स्वास्थ विभाग वे कितना संभाल रहे थे इसे लेकर कई तरह की चर्चा है। और इसमें हुए घपले घोटाले की चर्चा के दौरान एक बाबा समर्थक का कह दिया कि बाबा का घपले- घोटाले के खेल से क्या  लेना देना है, तो दूसरे ने कहा  कि यदि इस घपले घोराले से उनका लेना देना नहीं है तो पंचायत मंत्री की तरह स्वास्थ विभाग भी छोड़ देना था। और जब विभाग ही नहीं संभाल पा रहे थे तो फिर प्रदेश संभालने का सपना क्यों देख रहे थे।

यानी यहां भी फूल बेहज्जती। 

कांग्रेस तो कांग्रेस है, और कांग्रेसी कब किसी को बख्शते हैं, पीठ फेरा की बुराई शुरू।

ऐसे में बाबा कि दुविधा यह है कि वे कांग्रेस छोड्‌कर कहाँ जाये। क्योंकि उन्होंने भाजपा में नहीं जाने को लेकर जनम जन्मान्तर की बात पहले ही कह दी है।