शनिवार, 31 मार्च 2012

बेलगाम जन प्रतिनिधि...


छत्तीसगढ़ में विधानसभा हो या नगर निगम, जनप्रतिनिधियों ने अपनी मर्यादा भूला दिया है। लोकतंत्र के मंदिर माने जाने वाले विधानसभा में जब मुख्यमंत्री जैसे पदों पर बैठे लोग संयमित नहीं होंगे तो फिर पार्षद व पंच-सरपंचों से किस तरह की उम्मीद की जा सकती है।
छत्तीसगढ़ के विधानसभा के इस बजट सत्र में जिस तरह से सरकार के मुखिया डॉ. रमन सिंह ने कांग्रेसाध्यक्ष नंद कुमार पटेल पर टिप्पणी की वह बेहद गैर जिम्मेदाराना ही नहीं शर्मनाक भी है हालांकि कांग्रेसियों के विरोध के बाद उनकी टिप्पणी को विधानसभा से हटा दिया गया और मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने क्षमा भी मांग लिया और मामला शांत हो गया लेकिन सवाल यह है कि क्या मुख्यमंत्री जैसे पदों पर बैठे लोगों को इस तरह की हरकत करनी चाहिए। और जब सरकार चलाने वाले ही ऐसी भाषा का प्रयोग करेंगे तब विपक्ष से क्या उम्मीद की जानी चाहिए।
राजनीति में प्रतिद्वंदिता अलग बात है लेकिन इसे लेकर गाली-गलौच या दुश्मनी भुनाना गलत है। आने वाले दिनों में इसके परिणाम अच् छे नहीं होने वाले है। ऐसा नहीं है सत्ता पक्ष की इन हरकतों के लिए पहली बार क्षमा या शार्मिन्दगी जैसी बात हो। पहले भी सत्ता पक्ष के सदस्यों की वजह से भाजपा को जवाब देना मुश्किल हुआ है लेकिन इस बार यह सब प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से हुआ है जिनसे प्रदेश की जनता को ऐसी अपेक्षा नहीं रही है।
आखिर यह स्थिति क्यों निर्मित हुई? क्या सचमुच रमन राज में अधिकारियों पर कंट्रोल नहीं रह गया है, भ्रष्टाचार का पैसा या सत्ता का दंभ तो इसकी वजह नहीं है। अमूमन डॉ. रमन सिंह शांत व सौम्य माने जाते है उनकी छवि जिस तरह से गढ़ी गई है उसके बाद उनकी जुबान से अपशब्द की कोई कल्पना ही नहीं कर सकता। लेकिन ऐसा हुआ तो यह ठीक नहीं है।
हालांकि कांग्रेस इसे अपनी सफलता मान रही है। कांग्रेसियों में यह चर्चा है कि जिस तरह से डॉ. रमन के मुंह से अपशब्द निकले है वह उनके बुरी तरह घिर जाने का बौखलाहट है। इधर नगर निगम में भी पार्षदों ने जिस तरह की हरकत की है वह निगम के लिए काला दिन साबित हो रहा है। अपनी बातें जोरदार ढंग से रखना अलग बात है लेकिन बात रखने के लिए धमाचौकड़ी व गुण्डई पर उतर जाना ठीक नहीं है। यह परम्परा यहीं खतम होनी चाहिए न केवल विधानसभा अध्यक्ष बल्कि निगम के सभापति को जनप्रतिनिधियों की क्लास लेनी चाहिए। अन्यथा दूसरे राज्यों की तरह छत्तीसगढ़ भी पूरे देश के सामने शर्मसार होगा।