मंगलवार, 27 अगस्त 2013

भाजपा के दर्जन भर विधायक जोगी एक्सप्रेस में बैठने आतुर...


कांग्रेसी हलाकान
भाजपाई परेशान

विशेष प्रतिनिधि
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारी के बीच जोगी एक्सप्रेस की बढ़ती रफ्तार ने यहां की राजनीति को गरमा दिया है। जोगी एक्सप्रेस की बढ़ती रफ्तार से जहां कांग्रेस हलाकान है तो भाजपा की परेशानी भी बढऩे लगी है। भाजपा अब खराब प्रदर्शन करने वाले विधायकों की टिकिट को लेकर दुविधा में है कि कहीं में लोग जोगी एक्सप्रेस में न बैठ जाए क्योंकि चर्चा है कि भाजपा के दर्जन भर से अधिक विधायक न केवल जोगी के संपर्क में हैं बल्कि उनके एक्सप्रेस में भी बैठने को आतुर है।
छत्तीसगढ़ में पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार राजनैतिक फिजा अलग ही दिखाई देने लगाह है। दस साल से सत्ता सीन भाजपा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत मुखिया डॉ. रमन सिं की छवि को लेकर है। भ्रष्टाचार और प्रशासनिक आतंक के चलते कालिख पूते चेहरे का असर साफ दिखने लगा है। भले ही भाजपा हैट्रिक का दखा कर रही हो लेकिन इंदिरा बैंक घोटाले के नार्को टेस्ट की सीडी से लेकर दरभा घाटी में हुए कांग्रेसी नेताओं की हत्या को होने वाले दुस्प्रभाव को रोक पाना आसान नहीं है। उपर से भाजपा विधायकों की छवि और कुनबे करतूतों को लेकर पार्टी में जबरदस्त उहापोह की स्थिति बनी हुई है।
कहा जाता है कि भाजपा द्वारा कराये सर्वे में दो दर्जन से अधिक विधायकों की रिपोर्ट कार्ड बेहद खराब हे ऐसे में भाजपा के लिए हैट्रिक की राह आसान नहीं है। डॉ. रमन सिंह खुद कोयले की कालिख, इंदिरा बैक घोटाले से लेकर प्रशासनिक अक्षमत के आरोपों से उबर नहीं पाये हें तो उनके मंत्रीमंडल के कइई सदस्य भी गंभीर आरोपों से घिरे हुए है। यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक तक आरोपों से बच नहीं पाये है।
भाजपा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत अजा-जजा वर्ग के वोटों के अलावा पिछड़े वर्ग के वोटों को साधने की है। सतनामी समाज जहां आंख तरेर कर खड़ा है तो आदिवासी समाज भी कम आक्रोशित नहीं है। ऐसे में भाजपा की छोटी सी भूल बड़ी लापरवाही साबित हो सकती है।
दूसरी तरफ कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौति गुटबाजी है। नये प्रदेशाध्यक्ष चरणदास महंत के नेतृत्वक्षमता को लेकर सपाल उठाये जा रहे हैं और कहा जा रहा है कि वे अब भी रंगा-बिल्ला से नहीं उबर जाये है। कांग्रेस का एक बड़ा  जहां महंत से नाराज है तो वही पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने महंत के खिलाफ अघोषित युद्ध छेड़ रखा है।
राजनैतिक विश£ेषकों का मानना है कि अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के जनाधार वाले सबसे बड़े नेता है ऐसे में उनको नजर अंदाज करना न केवल कांग्रेस बल्कि भाजपा को भी भारी पड़ सकता है।
इन दिनों स्व. मिनी माता के आदर्शो को लेकर जोगी एक्सप्रेस चला रहे इस कांग्रेसी नेता की सभा में जुटने वाली भीड़ से भले ही भाजपाई खुश दिख रहे हो पर सच तो यह है कि कहीं चुनाव में भी यह एक्सप्रेस चल निकला तो भाजपा को ही सर्वाधिक नुकसान होने वाला है।
सूत्रों की माने तो जोगी की ताकत को देखकर भाजपा के दर्जनभर से अधिक विधायक उनके संपर्क में है जबकि टिकिट करने की सूरत में कई भाजपा विधायक जोगी एक्सप्रेस में बैठ सकते हैं। बताया जाता है कि भाजपाई भले ही उपर से खुश दिखाई दे रहे हैं लेकिन जोगी एक्सप्रेस के संभावित रफ्तार से पार्टी के कई लोगों के माथे पर बल पडऩे लगे है।
बहर हाल जोगी एक्सप्रेस की बढ़ती रफ्तार ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को चुनाव के 4 माह पहले ही गरमा दिया है और देखना है कि इस एक्सप्रेस में कौन-कौन सवार होता है।

सोमवार, 26 अगस्त 2013

नार्को सीडी की असलियत पर सरकार चुप क्यों?


* भूपेश की चुनौती से भाजपा में घबराहट!
* कांग्रेसी घोटालों को पैसा खाकर दबाया!
* संचेती बंधु और अदानी गु्रप पर मेहरबानी!
* जल जंगल जमीन सभी की चौतरफा लूट!
* सब कुछ मुफ्त बांटने से मध्यम वर्ग नाराज!
रायपुर। इंदिरा बैंक घोटाले के मामले में नार्को सीडी के खुलासे से जहां भाजपा की मुसिबत थमने का नाम नहीं ले रहा है वहीं मुख्यमंत्री और चारों मंत्रियों से हाईकमान की नाराजगी ने नया मोड़ ले लिया है। नार्को सीडी को फर्जी बताने वाली सरकार ने अब तक न तो असली सीडी ही जारी की है ओर न ही भूपेश बघेल की चुनौती को दी स्वीकार किया है इसे लेकर भाजपा को जवाब देना मुश्कि हो रहा है।
अपनी कथित साफ छवि और विकास को मुद्दा बनाने का दंभ भरने वाले प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की कोल ब्लॉक आबंटन में संचती बंधुओं पर की गई मेहरबानी से ही किरकिरी शुरू हो गई थी। इस मेहरबानी के चलते न केवल छत्तीसगढ़ को हजार करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ बल्कि भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष नीतिन गडकरी भी कटघरे में खड़े हुए। इसके बाद कैग ने अदानी ग्रुप पर मेहरबानी का खुलासा कर रमन सरकार के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा कर दिया। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि नक्सलियों के दरभा कांड में हुए कांग्रेसी दिग्ंगजों की हत्या
ने सरकार की नियत पर सवाल खड़ा कर दिया। इस मामले में कांग्रेस नेता भूपेश बघेल के द्वारा रमन सिंह के द्वारा ब्रम्हास्त्र चलाने की बात कहकर सनसनी फैला दी थी।
ताजा मामला इंदिरा बैक घोटाले में उमेश सिंह की नार्को सीडी का है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित उनके मंत्रियों पर घोटाले दबाने करोड़ों रूपये खाने का जो आरोप कांग्रेस ने लगाया हे उससे भाजपा में बेचैनी बड़ गई है। हालांकि उपरी तौर पर भाजपा इस सीडी से नुकसान नहीं होने का दावा कर रही है पर सच तो यह है कि कल तक कांग्रेस को गरियाने वाली भाजपा के पास नार्को सीडी मामले में कोई जवाब नहीं हे। अब तो आम आदमी भी कहने लगा है कि यदि सीडी नकली है तो सरकार असली सीडी सामने क्यों नहीं ला रही है।
इधर भाजपा ने भ्रष्टाचार, दरभा कांड और नार्को सीडी से हो रहे नुकसान से निपटने कई विधायकों की टिकिट काटने और गरीबों व युवाओं को सब कुछ मुक्त बांटने का निर्णय ले लिया है।
सूत्रों का कहना है कि हाल के वर्षो में विकास के नाम पर संसाधनों की चौतरफा लूट जिस पैमाने पर हुआ है वह अंयंत्र कहीं देखने को नहीं मिलेगा। स्तर हीन सड़क से लेकर भवन निर्माण और भ्रष्ट अधिकारियों के संरक्षण को लेकर आम लोगों में सरकार की छवि पर प्रभाव पड़ा है।
इधर सरकार की मुफ्त बांटने की वोट बैक की राजनीति से मध्यम वर्ग में बेहद नाराजगी है। सूत्र बताते है कि सरकार की इस मुक्त बांटो योजना से नाराज मध्यम वर्ग ने यदि अपनी नाराजगी वोट के रूप में तब्दिल कर दी तो भाजपा को लेने के देने पड़ जायेंगे।
दूसरी तरफ चर्चा इस बात की भी है कि चुनावी साल में रमन सरकार के करतूतों के इस खुलासे से हाईकमान भी नाराज हे और भले ही बाहर से सब ठीक दिख रहा हो लेकिन भीतर से कुछ भी ठीक नहीं है।
बहरहाल नार्को सीडी का असर क्या होगा यह बाद में ही पता चलेगा।