बीजेपी में इतनी नफ़रत कैसे भर गई…
आख़िर मुसलमान देखकर क्यों भड़क जाते हैं भाजपा के नेता, आख़िर इनमें इतनी नफ़रत किसने भारी है। क्या संघ ने या मोदी ने…? सवाल तो है क्योंकि इस विषवमन की फ़ेहरिस्त है। अब कर्नाटक के बीजेपी नेता रवि कुमार ने विषवमन किया है । क्या है पूरा मामला….
ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह पहली बार नहीं हुआ है जब किसी बीजेपी नेता ने देश की सेवा करने वाले किसी अधिकारी को लेकर टिप्पणी की हो. इसके पहले मध्य प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह भी विवादित बयान दे चुके हैं.और दुख की बात तो यह है कि सेना के शौर्य का बखान करने वाले मोदी भी उन्हें मंत्री पद से नहीं हटवा पाये हैं।
कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी ने ‘कलबुर्गी चलो कैंपेन’ के तहत 24 मई को एक रैली आयोजित की गई थी. जहां बीजेपी नेता रवि कुमार ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां का जिला प्रशासन कांग्रेस के दबाव पर काम करता था.
इसी को लेकर उन्होंने जिला कलेक्टर के कार्यों की नीतियों पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कलबुर्गी जिला कलेक्टर दफ्तर ने भी अपनी आजादी खो दी है. जिला कलेक्टर मैडम भी इस समय कांग्रेस की ही सुन रही हैं. मुझे नहीं पता कि जिला कलेक्टर पाकिस्तान से आईं हैं या यहां की आईएएस अधिकारी हैं.
आईएएस अधिकारी संघ ने की बयान की निंदा
आईएएस अधिकारी संघ ने बीजेपी नेता रवि कुमार के बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना टिप्पणियों को किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा. संघ ने कहा कि कुमार को अपनी टिप्पणी पर बिना किसी शर्त के माफी मागं लेनी चाहिए.
संघ ने IAS फौजिया तरन्नुम के कामों की तारीफ करते हुए कहा कि फौजिया तरन्नुम पर एक साफ सुधरी छवि वाली अधिकारी हैं. इसका एक ट्रैक रिकॉर्ड भी रहा है. और वे सार्वजनिक सेवा और राज्य के प्रति गहरी समर्पण की अधिकारी हैं. उनके खिलाफ रवि कुमार द्वारा की गई टिप्पणी निराधार, अनुचित और पूरी तरह से तर्कहीन है.
संघ की तरफ से कहा गया कि रवि कुमार ने जो बयान दिया इस तरह के भड़काऊ और झूठे बयान न केवल प्रतिबद्ध सिविल सेवकों की गरिमा को ठेस पहुंचाते हैं, बल्कि गंभीर मानसिक आघात भी पहुंचाते हैं और कर्तव्य की पंक्ति में उत्पीड़न के समान हैं. इसके साथ ही संघ ने इस तरह की टिप्पणियों पर भी चिंता जाहिर की है. संघ ने साफ किया कि वे आगे आने वाली किसी भी स्थिति में अपने अधिकारी के साथ खड़े हैं.