बुधवार, 13 अक्तूबर 2010

वाह रे छग पुलिस

फरार फायनेंस कंपनी के संचालक
के खिलाफ जुर्म दर्ज करने
से कतरा रही है पुलिस
ऋषभ काम्पलेक्स में फर्जी फायनेंस कंपनी के संचालक शिवकुमार शर्मा व दुकान मालिक कथित पार्टनर मदनमोहन सेट्टी के खिलाफ जुर्म दर्ज करने से पुलिस अब भी कतरा रही है। जबकि कंपनी के खिलाफ लगभग 40 लोगों ने धोखाधड़ी की शिकायत की है।
वैसे भी छत्तीसगढ़ में जिस तरह से गृहमंत्री ननकीराम कंवर और डीजीपी विश्वरंजन की भूमिका रही है उसके बाद पुलिस थानों का भगवान ही मालिक है। स्वयं गृहमंत्री थानों को शराब माफिया के आगे बिक जाना बता चुके हैं। यही नहीं धनंजय सिंह परिहार के बार डांस से महिना लेना या तपन सरकार के पार्टनर को बचाना पुलिसिया करतूत बन चुकी है। ताजा मामला शिवकुमार शर्मा और दुकान मालिक मदनमोहन सेट्टी के वैष्णव फायनेंस कंपनी के द्वारा धोखाधड़ी का है। फायनेंस कंपनी द्वारा धोखाधड़ी की सूचना पर जिस तरह से शिवकुमार को छोड़ा गया उससे साढ़े तीन लाख रुपए लेकर मामले को रफा-दफा करने की कहानी सामने आई है।
इधर इस कहानी को इससे भी बल मिलता है कि लगभग 40 लोगों ने अपने साथ धोखाधड़ी करने की शिकायत मौदाहापारा थाने में की है लेकिन थाने में जांच के नाम पर जुर्म दर्ज ही नहीं किया है। दूसरी तरफ मामूली अपराधों में भी मकान मालिक के खिलाफ कार्रवाई करने वाली पुलिस ने इस मामले में मकान मालिक मदनमोहन सेट्टी से पूछताछ की जरूरत भी नहीं समझी है जबकि शिकायत कर्ताओं ने मदनमोहन राये सेट्टी और उसके पुत्र कमल सेट्टी को पार्टनर बताया है। इधर यहां कार्यरत कर्मचारियों ने पुलिस को भी बताया है कि शिवकुमार शर्मा जब फरार हुए तब आफिस में मौजूद करीब ढाई लाख रुपए कमल सेट्टी द्वारा ले जाया गया। इतना सब कुछ होने के बाद भी पुलिस द्वारा अब तक किसी से भी पूछताछ नहीं करने पर कई सवाल खड़े होने लगे हैं। इधर इस मामले में एक निर्दलीय व एक भाजपा के पार्षद द्वारा थाने में दबाव बनाने की चर्चा है।
एक और कंपनी फरार...
इधर अभनपुर क्षेत्र में कार्यरत समाधान इंडिया फायनेंस के द्वारा भी लोगों से पैसा वसूलकर फरार होने की खबर है। शंकरदास गुप्ता (जयप्रकाश दास) सम्बलपुर उड़ीसा का निवासी है, जो छत्तीसगढ़ में समाधान इंडिया फायनेंस प्रा.लि. कंपनी के प्रभारी बतलाकर (बनकर) पूरे प्रदेश में घूम रहे थे और शरद कुमार मसीह जो कि कंपनी के इ.डी. के पोस्ट में थे, कमलेश्वर निर्मलकर रायपुर पचपेढ़ी नाका का निवासी है जिसका ससुराल शंकरनगर गौरव वाटिका मंदिर के पास आशीष डेनियल के यहां किराये से रहते हैं। ये दोनों युवकों ने कमलेश्वर निर्मलकर को 27 जून 2010 अभनपुर ब्लाक में ब्रांच मैनेजर के पद पर चयनित किया था और नियुक्ति पत्र बाद में देने का बात कहकर चले गए। इस दौरान लोगों से फाईनेंस करने के नाम से प्रोसेसिंग एवं डाक्यूमेंट चार्ज के नाम से एवं पर्सनल लोन हेतु 5150 रुपए प्रति व्यक्ति एवं ग्रुप लोन हेतु 550 रुपए प्रति व्यक्ति 10 लोगों के ग्रुप के हिसाब से समाधान इंडिया फायनेंस प्रा. लि. का ब्रांच अभनपुर नयापारा, राजिम, महासमुंद, बसना, पिथौरा, पाटन, भिलाई, रायपुर, धमधा इन सभी जगहाें पर आफिस खुला था और सभी ब्रांचों से लोन फाइनेंस करने हेतु पैसा लिया गया। अभनपुर ब्रांच से श्री कमलेश्वर निर्मलकर जो कि धमतरी रोड मंडी गेट के सामने थाना मोड अभनपुर का रहने वाला से 70 हजार रुपए, शंकरदास गुप्ता और शरद कुमार मसीह ने डी.ओ. आफिसर रायपुर में जमा करवाया। डी.ओ. आफिस श्री रामनगर एफ-2, जी-108 नंबर रुप में खुला था। शंकरदास गुप्ता का ठहरने का स्थान मौदाहापारा गुरु कृपा होटल में विगत 9 माह से रह रहा था। शंकरलाल गुप्ता ने 24 अगस्त 2010 को महासमुंद में 2.00 नगद और 6 लाख रुपए का चेक ब्रांच मैनेजर को दिया। 26 अगस्त 2010 को अभनपुर ब्रांच में पैसा देने का वादा किया था और अन्य ब्रांचों से रुपए लिए। 27 अगस्त 2010 को मालूम हुआ कि सभी चेक बाउंस हो गए हैं। शंकरदास गुप्ता और कुमार मसीह दोनों पिथौड़ा ब्रांच में लोन देना है करके और शरद कुमार मसीह को शंकर दास गुप्ता को आदमी प्लान करके घेरे में ले लिया व रास्ते में रुककर रुपए लेकर चले गए। 30 अगस्त 2010 तक मोबाइल नंबर 8018410092, 9589780517 नंबरों पर उन्होंने कहा कि हम आ रहे हैं लेकिन अब मोबाइल भी बंद है। दिल्ली या उड़ीसा से समाधान फाईनेंस प्रा.लि. कौन से संस्था के द्वारा अनुमति लिया था जिसकी पूर्ण जानकारी शरद कुमार मसीह रायपुर वाले के पास है, ऐसा बताया गया है। शरद कुमार मसीह पूरे छत्तीसगढ़ के प्रभारी के रुप में चुना गया और उसी के द्वारा बाकी व्यवस्था छत्तीसगढ़ के अंदर किया गया। अत: लोगों के साथ कूटरचित रुप से एवं लोगों को गलत जानकारी देकर समाधान फाइनेंस प्रा. लि. के द्वारा लोगों से पूरे क्षेत्र में लगभग डेढ़ करोड़ रुपए वसूली कर चम्पत हो गए है। इनके द्वारा बताए गए मोबाइल नंबर से शरद मसीह से मोबाइल में बात करने पर पैसे वापस करने के संबंध में कहने से इन्होंने कहा कि हमारी काफी उंची सेटिंग है हम पैसा वापस नहीं करेंगे आप हमारा कुछ नहीं कर सकते।